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केंद्र सरकार की एजेंसी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल से 15 मई को हुए ट्वीट में कहा कि वित्त मंत्रालय के हवाले से शेयर किया जा रहा ये बयान सही नहीं है कि ''2022 में महंगाई का असर गरीबों से ज्यादा अमीरों पर होगा''.
PIB फैक्ट चेक की तरफ से सीधे तौर पर ये कहा गया कि वित्त मंत्रालय की तरफ से महंगाई को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है.
हालांकि, PIB ने अप्रैल 2022 में जारी हुई मंथली इकोनॉममिक रिव्यू (MER) को नजरअंदाज कर दिया, जिसमें यही दावा किया गया था. MER को वित्त मंत्रालय के अंतर्गत ही काम करने वाले विभाग डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स (DEA) की तरफ से जारी किया जाता है.
इस दस्तावेज में लिखा है, "खपत (Supply) को लेकर दिख रहा पैटर्न इस बात का सुबूत है कि भारत में मुद्रीस्फीति (महंगाई) का कम आय वालों पर काफी कम और अधिक आय वालों पर ज्यादा असर होगा. ''
PIB के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट से एक ग्राफिक कार्ड शेयर कर इसे फेक बताया गया. इस ग्राफिक कार्ड में एक बयान और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का फोटो था. पीआईबी के इस ट्वीट को वित्त मंत्रालय ने भी रीट्वीट किया.
बिजनेस स्टैंडर्ड और वन इंडिया ने पीआईबी के ट्वीट के आधार पर ही इस बयान को फेक बताया.
हमने सर्च करना शुरू किया कि ये बयान वित्त मंत्रालय की तरफ से दिया गया है या नहीं. मनी कंट्रोल वेबसाइट पर 15 मई को छपी न्यूज रिपोर्ट हमें मिली.
आर्टिकल में देश में महंगाई की स्थिति में बताया गया है. साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स (DEA) की मंथली इकोनॉमिक रिव्यू रिपोर्ट का भी जिक्र है.
हमने अप्रैल 2022 में जारी DEA की रिपोर्ट देखी. रिपोर्ट के तीसरे पेज पर लिखा है “Evidence on consumption patterns further suggests that inflation in India has a lesser impact on low-income strata than on high-income groups.”
इसका हिंदी अनुवाद होगा कुछ यूं होगा "खपत (Supply) को लेकर दिख रहा पैटर्न इस बात का सुबूत है कि भारत में मुद्रीस्फीति (महंगाई) का कम आय वालों पर काफी कम और अधिक आय वालों पर ज्यादा असर होगा. ''
आसान भाषा में कहें तो रिपोर्ट में यही कहा गया है कि ''महंगाई का गरीबों पर अमीरों की तुलना में कम असर होगा''
ट्विटर पर कई पत्रकारों ने भी इस बात को उठाया. फाइनेंस कवर करने वाले पत्रकार मनोजित साहा और हिंदुस्तान टाइम्स के एसोसिएट एडिटर जिया हक ने भी फैक्ट चेक ट्वीट की रीट्वीट करते हुए DEA की रिपोर्ट शेयर की.
हालांकि, वित्त मंत्रालय की तरफ से ठीक ऐसा ही कोई बयान जारी नहीं किया है, जैसा कि ग्राफिक में दिख रहा है. लेकिन, मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले विभाग की तरफ से जारी रिपोर्ट में लिखा है कि ''कम आय वाले वर्ग'' पर महंगाई का कम असर होगा.
साफ है, पीआईबी का ये दावा सच नहीं है कि ये बयान फेक है.
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