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Kanpur Violence में फायरिंग करते लोगों का बताया जा रहा वीडियो 1 साल पुराना है

कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा से जोड़कर हाथ में बंदूक लिए लोगों का एक वीडियो वायरल है

Siddharth Sarathe
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>कानपुर हिंसा का बताया जा रहा है ये वीडियो</p></div>
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कानपुर हिंसा का बताया जा रहा है ये वीडियो

फोटो : Altered by Quint

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कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) का बताकर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भीड़ के बीच 2 लोग हाथ में बंदूक लिए दिख रहे हैं. वीडियो के आधार पर दावा किया जा रहा है कि कानपुर में नमाज के बाद हुए प्रदर्शन और हिंसा के बीच फायरिंग की गई.

यहां बता दें कि ये विवाद बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए कथित आपत्तिजनक बयान के बाद हुआ. नूपुर शर्मा पर सख्त एक्शन की मांग को लेकर ही 3 जून को जुमे की नमाज के बाद देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे और प्रदर्शनकारियों-पुलिस के बीच झड़प बढ़ने से मामला हिंसक हो गया था.

हालांकि, वायरल हो रहा वीडियो कानपुर में हुई हालिया हिंसा से एक साल पहले का है और ये कानपुर का नहीं यूपी के बरेली का है. बरेली पुलिस ने भी आधिकारिक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि 9 मई, 2021 को बरेली के भोजीपुरा इलाके में एक ही समुदाय के लोगों के बीच मीट खरीदने को लेकर विवाद हो गया था, वीडियो उसी घटना का है.

दावा

वीडियो के साथ शेयर हो रहा कैप्शन है - ये हैं कानपुर के जिहादी जो खुल्लम खुल्ला अत्याधुनिक हथियारों से कर रहे था अंधाधुंध फायरिंग और पुलिस सिर्फ आंसू गैस के ही गोले छोड़ रहीं थी,इनका इलाज हैं सीधी गोली एक बार अगर दस बीस उड़ गए तो फिर ये लोग जल्दी से हिमाकत नहीं करेंगे

सुदर्शन न्यूज के रिपोर्टर संतोष चौहान ने वीडियो को इसी दावे से शेयर किया. रिपोर्ट लिखे जाने तक इस वीडियो को 2900 से ज्यादा बार देखा जा चुका है.

पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

सोर्स : स्क्रीनशॉट/ट्विटर

यही दावा करते अन्य पोस्ट्स का अर्काइव यहां, यहां और यहां देख सकते हैं

पड़ताल में हमने क्या पाया?

ट्विटर यूजर Vishnu Kumar Mishra ने वीडियो को इसी कैप्शन के साथ शेयर किया था. इस ट्वीट के जवाब में बरेली पुलिस के ऑफिशियल हैंडल से हुआ ट्वीट हमें मिला. इस ट्वीट में बरेली पुलिस ने बताया है कि वीडियो 9 मई, 2022 की घटना का है. पुलिस ने ये भी स्पष्ट किया है कि ये मामला एक ही समुदाय के बीच मांस खरीदने को लेकर हुए विवाद का था.

बरेली पुलिस का बयान

सोर्स : स्क्रीनशॉट/ट्विटर

बरेली पुलिस के ट्वीट से क्लू लेकर हमने इससे जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स सर्च कीं.. हमें अमर उजाला पर 12 मई, 2021 की रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलते हुए विजुअल मिले. इस रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान गोवंश का मांस महंगा बेचने के आरोप में कस्बा धौराटांडा में एक ही समुदाय के दो पक्षों में विवाद हो गया. एक पक्ष ने बंदूकें और तमंचे लाकर फायरिंग कर दी, जिससे बाजार में भगदड़ मच गई.

एक साल पुरानी रिपोर्ट में यही विजुअल

फोटो : स्क्रीनशॉट/अमर उजाला

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आज तक पर 9 मई, 2021 को छपी रिपोर्ट में भी यही जानकारी है. Jan TV Bareilly नाम के फेसबुक पेज पर हमें इस मामले की वीडियो रिपोर्ट भी मिली. इस वीडियो रिपोर्ट में भी यही वीडियो देखा जा सकता है.

साफ है कि जब वीडियो 2021 से ही इंटरनेट पर है, तो 3 जून, 2022 को हुई कानपुर हिंसा से इसका कोई संबंध नहीं है.

हमें बरेली ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक की 9 मई, 2021 की बाइट भी मिली, जिसमें वो कहते दिख रहे हैं कि मांस बेच रहे एक ही समुदाय के दो पक्षों के बीच मांस की कीमत को लेकर विवाद हुआ था. विवाद में आरोपियों ने अवैध हथियारों से फायरिंग भी की थी.

कानपुर में क्या हुआ था? 

बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ एक टीवी डिबेट के दौरान कथित 'अपमानजनक' बातें कही थी. इसी के बाद कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद जमकर हिंसा हुई थी. इसमें आम लोगों के साथ-साथ कई पुलिसवाले भी घायल हुए थे. पुलिस ने इसमें कार्रवाई करते हुए अब तक लगभग 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हिंसा के कथित आरोपियों और उनके करीबियों के घर प्रशासन की तरफ से बुल्डोजर चलाने की भी कई रिपोर्ट सामने आई हैं.

हिंसा भड़काने के आरोप में कानपुर जिला बीजेपी नेता हर्षित श्रीवास्तव को भी गिरफ्तार किया गया है. बीजेपी युवा मोर्चा नेता के खिलाफ कर्नलगंज थाना में IPC की धारा 153ए, 295ए और 507 तथा आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

साफ है कि कानपुर हिंसा का बताकर शेयर किया जा रहा वीडियो यूपी के बरेली में साल 2021 में मांस बेचने को लेकर एक ही समुदाय के लोगों में हुए विवाद का है. वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है.

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