advertisement
(चेतावनी: वीडियो में रेप, यौन उत्पीड़न का जिक्र है. पाठक अपने विवेक का इस्तेमाल करें.)
सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें दो लोगों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की वर्दी में देखा जा सकता है. यूजर्स इस फोटो को मणिपुर वायरल वीडियो (Manipur Viral Video) मामले से जोड़कर शेयर कर रहे हैं, जिसमें कथित तौर पर मैतेई समुदाय के पुरुषों की भीड़ ने मणिपुर में कुकी समुदाय की महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया था.
क्या है दावा?: कई यूजर्स ने दावा किया है कि तस्वीर में दिख रहे लोग मणिपुर वायरल वीडियो मामले के आरोपी हैं.
किसने किया है दावा?: ये दावा कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली समेत कई दूसरे यूजर्स ने किया है.
चिदानंद सिंह ने सोशल मीडिया पर ये दावा शेयर करने वालों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है.
हालांकि, सुभाषिनी अली ने झूठा दावा शेयर करने के लिए माफी मांगी है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर में मणिपुर बीजेपी के वाइस प्रेसीडेंट चिदानंद सिंह दिख रहे हैं.
उनके ऑफिशियल फेसबुक हैंडल पर जाकर देखने पर, हमने पाया कि यही फोटो उन्होंने 17 अक्टूबर 2022 को अपलोड की थी.
इस पोस्ट में और भी कई तस्वीरें थीं. पोस्ट कैप्शन में लिखा था, ''पथ संचालन, आरएसएस इंफाल जिला, कल 16 अक्टूबर को मेरे बेटे सचिनंद और भाई अशोक के साथ.''
चिदानंद ने दर्ज कराई है शिकायत: हमें चिदानंद सिंह के फेसबुक हैंडल पर एक पोस्ट मिली, जिसमें सोशल मीडिया पर वायरल दावों के खिलाफ उनकी ओर से दर्ज कराई गई शिकायत अपलोड की गई थी.
ये शिकायत मणिपुर के डीजीपी को संबोधित करते हुए की गई थी.
उन्होंने पुलिस से उन लोगों के खिलाफ कानून कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने उनकी तस्वीर को भयावह वायरल वीडियो मामले से जोड़कर शेयर किया है.
उन्होंने आगे लिखा, ''मुझे, मेरे परिवार और आरएसएस को बदनाम करने और छवि खराब करने के लिए कुछ खास समूहों, लोगों की ओर से सीधे आरोप लगाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
इस पोस्ट में एफआईआर कॉपी भी थी.
पुलिस का बयान: मणिपुर पुलिस ने ट्वीट कर पुष्टि की कि उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिन्होंने मणिपुर वायरल वीडियो के साथ फोटो शेयर कर गलत दावा किया है.
क्या है मणिपुर वायरल वीडियो मामला?: मणिपुर के कांगपोकपी जिले में पुरुषों की भीड़ ने 4 मई को तीन महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया. ये वीडियो करीब 77 दिनों बाद इंटरनेट पर आया. इसकी देशभर में आलोचना हुई और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई.
Hindustan Times के मुताबिक, इस मामले में अब तक एक किशोर सहित 6 आरोपियों की गिरफ्तार किया गया है.
निष्कर्ष: साफ है कि मणिपुर में बीजेपी उपाध्यक्ष चिदानंद और उनके बेटे की तस्वीर इस गलत दावे से शेयर की गई कि ये मणिपुर वायरल वीडियो मामले में आरोपियों की तस्वीर है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)