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सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल है, जिसमें कुछ लोग एक शख्स को गांजा करते दिख रहे हैं.
दावा : फोटो को सोशल मीडिया पर जाति आधारित भेदभाव (Dalit atrocities) का बताकर शेयर किया जा रहा है. वीडियो के साथ शेयर हो रहा कैप्शन है - मेरठ यूपी में जूते पॉलिश करने वाले मोची लखन के हाथ-पैर पेड़ से बांधकर उसका चेहरा काला किया गया और फिर भीड़ के सामने गंजा कर दिया गया. इस दौरान उसके गले में जूते-चपल की माला भी डाली गई. कहाँ गए वो लोग जो कहते हैं जातिवाद नही रहा
क्या ये सच है ? : ये सच है कि वायरल फोटो में दिख रहा शख्स दलित समुदाय से है. लेकिन, वीडियो में उसके साथ दुर्व्यवहार करते लोग उसके रिश्तेदार हैं. ये मामला जातिगत भेदभाव का नहीं, आपसी रंजिश का है.
मामले को लेकर दर्ज FIR में आरोपियों के नाम रवि, सुनीता, भागवती, सोनू, आरती और कश्मीरा बताए गए हैं. FIR में कहीं भी जातिगत भेदभाव के चलते हुए दर्व्यवहार का जिक्र नहीं है.
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ब्रह्मपुरी थाने में दर्ज FIR
ब्रह्मपुरी थाने में दर्ज FIR
सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों का मेरठ पुलिस ने ट्वीट कर भी जवाब दिया है. ट्वीट में पुलिस ने जातिवाद से जुड़े दावों को गलत बताया है.
क्या है पुरा मामला ? : वीडियो में दिख रहे शख्स का आरोप है कि उसके पड़ोस में रहने वाले रवि, सुनीता, भागवती, सोनू, आरती और कश्मीरा ने उसपर महिलाओं पर नजर रखने का आरोप लगाते हुए उसके सिर के बाल काटे, मुंह पर कालिख पोती और फिर उसे जूतों की माला भी पहनाई. पीड़ित ने ब्रह्मपुरी थाने में दिए आवेदन में बताया है कि पांचों आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी.
मामले से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स में भी नहीं जातिवाद का जिक्र : प्रमुख न्यूज वेबसाइट्स ने इस मामले को कवर किया है. रिपोर्ट्स में यही बताया गया है कि वीडियो में दिख रहे शख्स पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए उसके पड़ोसियों ने उसका सिर मुंडा और मारपीट की.
निष्कर्ष : छेड़छाड़ के आरोपों और मारपीट की घटना से जुड़े वीडियो को सोशल मीडिया पर जातिवाद का गलत रंग देकर शेयर किया जा रहा है.
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