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पाकिस्तान में रेगिस्तान से पौधे उखाड़ने के पीछे 'इस्लाम' नहीं, कुछ और हैं कारण

लोगों का कहना था कि पाकिस्तान सरकार ने बिना उनकी अनुमति के उनकी जमीन पर वृक्षारोपण किया है, इसलिए पौधे उखाड़े.

सर्वजीत सिंह चौहान
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>पाकिस्तान का 3 साल पुराना वीडियो झूठे एंटी मुस्लिम एंगल से वायरल</p></div>
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पाकिस्तान का 3 साल पुराना वीडियो झूठे एंटी मुस्लिम एंगल से वायरल

(फोटो: Altered by The Quint)

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कई लोग रेगिस्तान से पौधे उखाड़कर फेंकते और चिल्लाते नजर आ रहे हैं.

क्या है दावा?: वीडियो को एंटी मुस्लिम (Anti Muslim) एंगल से शेयर कर कैप्शन में लिखा गया है कि मुस्लिम धार्मिक वजह से रेगिस्तान मे लगाए गए पौधे उखाड़ रहे हैं.

  • वीडियो के साथ शेयर हो रहे कैप्शन में लिखा है 'मुस्लिम रेगिस्तान अल्लाह की देन मानते हैं, इसलिए इसे हरा-भरा नहीं करना चाहिए'.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

रिपोर्ट लिखे जाने तक इस वीडियो को 52000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है.

(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

ये वीडियो 2022 में भी इसी दावे से वायरल हो चुका है. आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

सच क्या है?: वीडियो पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा का है और अगस्त 2020 का है. वीडियो को गलत संदर्भ से शेयर किया जा रहा है.

  • तब पाकिस्तान सरकार की ओर से लगाए गए पौधों को कुछ लोगों ने उखाड़ दिया था. इन लोगों का आरोप था कि सरकार ने बिना उनकी अनुमति के उनकी जमीन पर वृक्षारोपण किया है.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया.

  • इससे हमें Times of India की 12 अगस्त 2020 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो का इस्तेमाल किया गया था.

  • रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम इमरान खान ने पेड़ लगाने का देशव्यापी अभियान चलाया था. वायरल वीडियो खैबर मंडी कास जिले का है, जहां जमीन के मालिकाना हक के विवाद को लेकर लोगों ने 6000 से ज्यादा पौधे उखाड़ दिए थे.

ये स्टोरी 12 अगस्त 2020 को पब्लिश हुई थी.

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Times of India)

  • यहां से क्लू लेकर हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया. इससे हमें The Week की 10 अगस्त 2020 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो से जुड़ी जानकारी दी गई थी.

  • रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के खैबर में कास मंडी क्षेत्र में निवासियों ने 9 अगस्त 2020 को पाकिस्तान सरकार की ओर से लगाए गए पौधों को उखाड़ दिया था.

  • रिपोर्ट में बताया गया है कि स्थानीय रहवासियों के मुताबिक, सरकार ने पेड़ लगाने से पहले उनकी इजाजत नहीं ली थी. इसलिए 6000 से ज्यादा पेड़ उखाड़ दिए गए.

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  • रिपोर्ट में डिप्टी कमिश्नर खैबर महमूद असलम के हवाले से लिखा गया था कि सिपाह जनजाति की जमीन को लेकर दो समूहों के बीच विवाद था. समूहों में से एक ने वृक्षारोपण अभियान की अनुमति दी, तो वहीं दूसरे ने उन्हें उखाड़ दिया.

  • यही जानकारी GNN के वेरिफाइड यूट्यूब हैंडल पर 9 अगस्त को पब्लिश हुई वीडियो रिपोर्ट में भी दी गई थी.

  • Dawn की रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन पीएम इमरान खान ने टाइगर फोर्स डे के दिन देश का सबसे बड़ा वृक्षारोपण अभियान '10 Billion Tree Tsunami' शुरू किया था.

  • इसके तहत एक दिन में देश भर में 35 लाख पेड़ लगाने का अभियान चलाया गया था.

  • Dawn की इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से जुड़ी जानकारी भी थी. जिला प्रशासन के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया था कि जमीन के स्वामित्व को लेकर दो जनजातियों में विवाद था.

  • जहां अभियान शुरू होने पर एक पक्ष मौजूद था, वहीं दूसरा इस कार्रवाई से अनजान था. उन्हें डर था कि इस अभियान से उन्हें जमीन से बेदखल कर दिया जाएगा. इसलिए उन्होंने पौधे उखाड़ दिए.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जमीन के स्वामित्व को लेकर ये पौधे उखाड़े गए थे. हालांकि, हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें ये बताया गया हो कि पेड़ उखाड़ने की वजह धार्मिक थी.

निष्कर्ष: साफ है कि पाकिस्तान का 3 साल पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर 'इस्लाम धर्म के अंधविश्वास' का बताकर गलत दावे से वायरल है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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