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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में वो कहते दिख रहे हैं, ''ये तपस्वियों का देश है, पुजारियों का नहीं. ये इस देश की सच्चाई है''. दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी को पुजारियों से समस्या है.
किसने शेयर किया है वीडियो?: वीडियो को शेयर करने वालों में से हैं बीजेपी आईटी डिपार्टमेंट इनचार्ज अमित मालवीय, हरियाणा बीजेपी का वेरिफाइड ट्विटर हैंडल, झारखंड बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश और यूपी बीजेपी सोशल मीडिया कन्वेनर सौरभ मरोडिया इन सबने वीडियो शेयर कर लिखा है कि राहुल को अब पुजारियों से समस्या है.
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सच क्या है?: हालांकि, राहुल गांधी ने ये बोला था जो वीडियो में दिख रहा है. लेकिन इसका संदर्भ कुछ और है.
हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, राहुल गांधी ने किसानों, मजदूरों और गरीब मेहनती भारतीयों के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी की तुलना तपस्वियों से की थी. वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और BJP और उनके लोगों की तुलना पुजारियों से की. उन्होंने कहा कि ये लोग लोगों को मजबूर करते रहे हैं उनकी पूजा करने के लिए.
भारत जोड़ो यात्रा में उनके अनुभव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, राहुल गांधी ने कहा कि भारत तपस्वियों का देश है, न कि पुजारियों या उपासकों का.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने जरूरी कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर वीडियो से जुड़ी और भी जानकारी सर्च की.
हमें Economic Times की एक वीडियो रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया था कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तपस्वियों और पुजारियों पर राहुल के बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
यहां से क्लू लेकर, हमने कांग्रेस के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर जाकर देखा और हमें 8 जनवरी को पब्लिश किया गया इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस का एक वीडियो मिला.
कॉन्फ्रेंस के दौरान, राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के उद्देश्यों, उनके व्यक्तिगत विकास और देश में डर और नफरत के माहौल के बारे में पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे.
उन्होंने कहा कि पार्टी ने कभी भी ''लोगों को आपस में लड़ाने पर विश्वास नहीं किया''.
राहुल गांधी ने बताया कि कैसे देश में कांग्रेस के सदस्य, मजदूर, किसान और गरीब तपस्वी की तरह हैं. जिन्होंने अच्छे परिणामों के लिए कड़ी मेहनत की. वहीं उन्होंने RSS और BJP की तुलना पुजारियों से की. उन्होंने कहा कि ये लोग उनको पूजने के लिए मजबूर करते हैं. और जो उनकी पूजा करते हैं उन्हें ईनाम दिया जाता है.
कॉन्फ्रेंस के वीडियो में 36 मिनट 20वें सेकेंड पर, एक पत्रकार ने पूछा कि आपने कहा कि लड़ाई तपस्या की हो गई है, राजनीति की नहीं. तो क्या आप खुद को तपस्वी मानते हैं?
इसके जवाब में राहुल कहते हैं कि वो तपस्वी थे और तपस्वी हैं.
उन्होंने कहा कि कैसे लोग इस बारे में बात करते हैं कि राहुल गांधी कितने किमी चले. लोग ये क्यों नहीं कहते कि देखो एक किसान या मजदूर कितने किमी चलते हैं अपने जीवन के दौरान.
उन्होंने कहा, ''हम ये क्यों नहीं कहते कि देखो मजदूर कितने किमी चला है. क्योंकि हम तपस्या का सम्मान नहीं करते. मैं करता हूं. मैं यही बदलाव लाना चाहता हूं.''
निष्कर्ष: राहुल गांधी ने पुजारियों के लिए नफरत भरी बात नहीं की.
वीडियो के लंबे वर्जन में, वो भारत के गरीब और मेहनती आबादी को तपस्वी कहते दिख रहे हैं. वो कहते हैं कि भारत तपस्वियों का देश है, न कि बीजेपी और आरएसएस की पूजा करने वालों का नहीं. राहुल गांधी ने पुजारियों के लिए नफरत भरी बात नहीं की.
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