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Ukraine: राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सेना को नहीं दिया सरेंडर का आदेश, फेक है वीडियो

डीपफेक वीडियो शेयर कर झूठा दावा किया जा रहा है. जेलेंस्की ने इस दावे को खारिज कर दिया है.

अभिलाष मलिक
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>वीडियो की पड़ताल कर इसका सच सामने आने के बाद इसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स से हटा लिया गया है.</p></div>
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वीडियो की पड़ताल कर इसका सच सामने आने के बाद इसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स से हटा लिया गया है.

(फोटो: Altered by The Quint)

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यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का एक डीपफेक वीडियो, बुधवार 16 मार्च को Ukraine 24 नाम के एक यूक्रेनी न्यूज पब्लिकेशन की वेबसाइट पर पब्लिश किया गया. बाद में, इस वीडियो को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया. वीडियो देखकर पता चलता है कि इसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर बनाया गया है.

वीडियो में, राष्ट्रपति जेलेंस्की को यूक्रेनी सैनिकों से हथियार डालने के लिए कहते हुए सुना जा सकता है. हालांकि, वीडियो को लिप सिंक किया गया था, फिर भी इस डीपफेक वीडियो में राष्ट्रपति का सिर सही जगह पर नहीं दिख रहा था.

वीडियो की पड़ताल कर इसका सच सामने आने के बाद इसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स से हटा लिया गया है. यूक्रेन की सरकार की ओर से 2 मार्च को लोगों को चेतावनी दी गई थी कि रूस, यूक्रेन के साथ चल रही जंग के दौरान डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर ये झूठा दावा कर सकता है कि जेलेंस्की ने आत्मसमर्पण कर दिया है.

डीपफेक, ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग में हेरफेर करने के लिए मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल करता है. और ऐसा करके लोगों को कुछ ऐसा करते या कहते दिखा दिया जाता है जो उन्होंने कभी किया या कहा ही नहीं. इन्हें ऐसे बनाया जाता है कि वो देखने में असली लगें, लेकिन ऐसा होता नहीं.

हालांकि, जेलेंस्की से जुड़ा ये डीपफेक क्वालिटी में अच्छा नहीं था, लेकिन फिर भी रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से जुड़े दुष्प्रचार का हिस्सा जरूर है.

Ukraine 24 वेबसाइट हुई थी हैक

Daily Dot के मुताबिक, वीडियो को सबसे पहले रूसी भाषा के यूक्रेनी टैब्लायड Segodnya पर पोस्ट किया गया था. Ukraine 24 के एक लाइव टेलीविजन प्रसारण के दौरान तब प्रसारिक किया गया था और बाद में चैनल की वेबसाइट पर भी पब्लिश किया गया.

Ukraine 24 ने एक बयान में स्पष्ट किया कि उनके टीवी चैनल और वेबसाइट को "दुश्मन हैकर्स" ने हैकर किया था. बयान में कहा गया कि, ''कोई भी हार मानने वाला नहीं है. विशेषकर तब, जब रूसी सेना, यूक्रेनी सेना के साथ लड़ाई में नुकसान उठा रही है.''

Segodnya ने भी इंस्टाग्राम के जरिए अपना स्टेटमेंट पोस्ट कर "दुश्मन हैकर्स" पर अपनी वेबसाइट पर डीपफेक प्रकाशित करने का आरोप लगाया.

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जेलेंस्की ने भी इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया स्पष्टीकरण

जेलेंस्की ने डीपफेक वीडियो को गलत बताते हुए और डीपफेक वीडियो में दिए गए बयानों को खारिज करते हुए अपने टेलीग्राम चैनल और इंस्टाग्राम हैंडल पर अपना वीडियो पोस्ट किया.

जेलेंस्की ने इसे हरकत को बचकाना कहा. उन्होंने कहा, ''मैं सिर्फ रूसी संघ की सेनाओं को हथियार डालने और घर लौटने की पेशकश कर सकता हूं.''

बाद में, Meta के हेड ऑफ सिक्योरिटी एंड पॉलिसी, नथानिएल ग्लाइचर ने कहा कि कंपनी डीपफेक की पहचान कर रही थी और जैसे ही ये उनके प्लैटफॉर्म पर दिख रहा था, उसे हटा दिया जा रहा था.

NPR के बयान के मुताबिक, ट्विटर ने भी डीपफेक वीडियो वाले पोस्ट हटाने का फैसला किया, लेकिन ये भी कहा कि ये उन वीडियो को अनुमति देगा जहां लोगों ने बता दिया होगा कि वीडियो नकली है.

फरवरी के आखिर में जब से यूक्रेन पर रूस ने हमला किया है, तब से ही रूस-यूक्रेन से जुड़ी कई फेक और गलत सूचनाएं वायरल हुई हैं. क्विंट की वेबकूफ टीम ने इनमें से कई की पड़ताल की है.

रूस-यूक्रेन युद्ध में हजारों की जान चली गई है, जबकि लाखों लोग देश छोड़कर भाग गए हैं.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी WEBQOOF@THEQUINT.COM पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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