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सोशल मीडिया पर एक लैब टेक्नीशियन की फोटो को सांप्रदायिक रूप देकर इस झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है कि फोटो में दिख रहा शख्स मुंबई का अब्दुल खान है. जो हिंदू मरीजों की गलत कोरोना रिपोर्ट बनाकर उन्हें कोविड पॉजिटिव बताता था.
हालांकि, इस दावे के साथ जो फोटो शेयर की जा रही है वो किसी दूसरे लैब टेक्नीशियन की है जिसका नाम अमर बहादुर चौधरी है. इसे गलत कोविड रिपोर्ट बनाने के आरोप में उन्नाव से दिसंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था.
इसके अलावा, ये सच है कि कोविड की गलत रिपोर्ट बनाने के आरोप में मुंबई में अब्दुल खान नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, पुलिस जांच के मुताबिक उसने ऐसा किया तो है लेकिन इसके पीछे की वजह धर्म नहीं थी.
इस दावे को अनिल कुमार मिश्रा नाम के एक यूजर ने ट्विटर पर शेयर किया. कैप्शन पर लिखा गया था कि, ''मुंबई का लैब तकनीशियन अब्दुल खान कोरोना निगेटिव हिंदुओं का पॉजिटिव रिपोर्ट बना रहा था, गिरफ्तार-हिंदुस्तान टाइम्स और कुछ लोग इसे गंगा जमुनी तहज़ीब बता के चादर ओड के सो जाएँगे''
आर्टिकल लिखते समय तक इस ट्वीट को करीब 2200 से भी ज्यादा लाइक मिल चुके हैं.
ये दावा सुदर्शन न्यूज के प्रमुख संवाददाता गौरव मिश्रा ने भी ट्विटर पर शेयर किया है. आर्टिकल लिखते समय इसमें 1200 से ज्यादा लाइक आ चुके थे.
इस दावे को फेसबुक पर भी काफी शेयर किया गया है.
हमने गूगल पर 'फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के मामले में गिरफ्तार' कीवर्ड सर्च करके देखा. हमें News18 Hindi की 16 दिसंबर 2020 की एक रिपोर्ट मिली. जिसमें बताया गया था कि फर्जी कोविड-19 रिपोर्ट बनाने के आरोप में पकड़ा गया व्यक्ति दूसरे नेगेटिव आने वाले व्यक्ति का सैंपल जांच के लिए भेजता था. इससे रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती थी. फर्जी रिपोर्ट बनाने लिए वह 1500 रुपए लेता था.
हमें Dainik Jagran, Navbharat Times और Patrika में भी इस खबर से संबंधित रिपोर्ट मिलीं.
क्विंट की वेबकूफ टीम ने इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए उन्नाव कोतवाली के एसएचओ दिनेश कुमार मिश्रा से बात की.
उन्नाव कोतवाली के सीओ गौरव त्रिपाठी ने भी इस दावे को गलत बताया. उन्होंने बताया कि इसमें कोई कम्यूनल ऐंगल नहीं है.
आप इस तस्वीर को अगर ध्यान से देखेंगे तो आपको कोतवाली और जनपद उन्नाव लिखा दिख जाएगा.
मतलब साफ है कि वायरल फोटो में दिख रहा शख्स मुंबई का लैब टेनीशियन नहीं है.
हमें मुंबई एक दूसरी घटना के बारे में जानकारी मिली. शिवाजी नगर के एक पैथोलॉजी के मालिक अब्दुल खान को भी सीनियर सिटिजन की गलत नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्दुल खान ब्लड और स्वैब के सैंपल लेकर नवी मुंबई के तुर्भे की एक लैब में भेजता था.
अब्दुल को एक सीनियर सिटिजन की फेक नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट बनाने के लिए पकड़ा गया था. उसने कई रोगियों की रिपोर्ट बिना किसी टेस्ट के बनाई. उसने कई रोगियों से पैसे लिए और उन्हें गलत रिपोर्ट दे दी.
शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेटर किशोर गायके ने बताया कि अब्दुल ने ये काम रुपयों के लिए किया. मामले के जांच अभी भी की जा रही है. उन्होंने आगे बताया कि पुलिस जांच के मुताबिक, उसने 9 फेक रिपोर्ट बनाईं. इनमें से 6 रिपोर्ट हिंदुओं की और 3 मुस्लिमों की थीं.
आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है. क्राइम रिकॉर्ड नंबर C 104/2021- धोखाधड़ी और जालसाजी करने के लिए IPC की धारा 420, 418, 465, 468, 470, 471 के तहत केस दर्ज किया गया है. मानहानि के लिए धारा 500 और लोकसेवक के अवज्ञा करने की धारा 188 के तहत भी केस दर्ज किया गया है.
इसके अलावा, में महाराष्ट्र मेडिकल प्रैक्टिशनर्स की धारा 33 और 38 के साथ-साथ दिशानिर्देशों की अव्हेलना करने के लिए कोविड ऐक्ट की धारा 11 भी लगाई गई है.
मतलब साफ है कि यूपी के लैब असिस्टेंट की फोट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये मुंबई का अब्दुल खान है.
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