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काबुल (Kabul) में अराजकता की स्थिति के बीच दुकानों को बंद कर दिया गया और बाजार स्कूल बंद हैं, तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी को अपने कब्जे में ले लिया, जिससे पूरे शहर में अराजकता फैल गई है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के पतन के एक दिन बाद सोमवार को, तालिबान के सदस्य सड़कों पर देखे गए, लेकिन ऐसा लग रहा था कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं थे, क्योंकि कुछ सैन्य संस्थानों में लूटपाट हुई थी और चोरी के सैन्य वाहन सड़कों पर चल रहे थे.
एक निवासी मोहम्मद आरिफ ने सोमवार को सिन्हुआ को बताया, "मैं अपने भविष्य और अपने बच्चों के भविष्य के बारे में निश्चित नहीं हूं, कोई नहीं जानता कि एक घंटे बाद क्या होगा, या मेरे बच्चे कल स्कूल जा सकते हैं कि नहीं,
आरिफ ने कहा कि उनकी बेटी एक निजी विश्वविद्यालय में विधि संकाय की छात्रा है, लेकिन नए शासकों के प्रतिशोध के डर से वह सोमवार को अपनी कक्षा में शामिल नहीं हुई.
काबुल में कई दुकानों और सुपरमार्केट की तरह, कई सरकारी विभाग के कार्यालय, बैंक और स्कूल सोमवार को बंद रहे, क्योंकि तालिबान के सदस्य शहर की सड़कों पर या तो सैन्य वाहनों या पैदल गश्त करते रहे. एक अन्य निवासी, हामायोन ने सिन्हुआ को देश से भागने की अपनी योजना के बारे में बताया.
उन्होंने कहा, "शायद आज, कल, परसों या कभी भी जब भाग्य मेरा साथ देगा,मैं देश छोड़ने की कोशिश कर रहा हूं."
एक अन्य काबुल निवासी सूफी मोहम्मद ने कहा, 'सिर्फ सुरक्षा होना ही काफी नहीं है, उन्होंने कहा, "सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा, प्रतिष्ठान को नौकरी का अवसर प्रदान करना होगा, मानवाधिकारों का सम्मान करना होगा और समाज में नागरिकों को सम्मान करना होगा.
तालिबान ने आश्वासन दिया है कि काबुल में सभी राजनयिक मिशनों और विदेशी नागरिकों को कोई खतरा नहीं होगा. समूह के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि वे अफगानिस्तान की राजधानी में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मुजाहिद ने कहा कि काबुल के सभी जिलों पर अब विद्रोहियों का कब्जा है. तालिबान के एक अन्य प्रवक्ता ने कहा है कि अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त हो गया है, और एक नई पॉवर स्ट्रक्चर जल्द ही स्पष्ट हो जाएगी. हिंसा को रोकने के लिए काबुल में रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है.
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