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भूटान मामले पर चीन को अमेरिका की फटकार, कहा- नहीं चलेगी दादागिरी

भूटान की सीमा पर चीन ने शुरू किया विवाद, अमेरिका ने कहा- दुनिया को देना चाहिए जवाब

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भूटान की सीमा पर चीन ने शुरू किया विवाद, अमेरिका ने कहा- दुनिया को देना चाहिए जवाब
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भूटान की सीमा पर चीन ने शुरू किया विवाद, अमेरिका ने कहा- दुनिया को देना चाहिए जवाब
फोटो : (एपी)

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चीन एक ऐसा देश है जो अपने पड़ोसी देशों की सीमाओं में घुसपैठ के लिए जाना जाता है. भारत के साथ सीमा विवाद के बीच चीन ने भूटान की जमीन पर अपना दावा किया और कहा कि वो एक विवादित क्षेत्र है. अब इस मामले को लेकर अमेरिका ने चीन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने कहा है कि चीन लगातार पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद में उलझ रहा है.

बता दें की चीन भारत, नेपाल, भूटान समेत कई देशों की जमीन पर अपना हक जता चुका है. इसे लेकर चीन की हर देश के साथ तनातनी जारी है. वहीं तिब्बत का उदाहरण पूरी दुनिया के सामने है. अब चीन ने भूटान को लेकर कहा है कि उसके साथ कभी सीमा परिसीमित नहीं की गई और "लंबे समय से पूर्वी, केंद्रीय और पश्चिमी सेक्शन पर विवाद है". चीन ने इसे लेकर किसी भी तीसरे देश को दखल नहीं देने की बात भी कही.

लेकिन अब हमेशा की तरह अमेरिका ने चीन को इस मामले में फटकार लगाई है और याद दिलाया है कि वो दुनिया को ऐसे दादागिरी नहीं दिखा सकता है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन को लेकर कहा,

“चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने हाल ही में भूटान के साथ सीमा विवाद बताया है. हिमालय की पहाड़ी श्रृंखला से लेकर वियतनाम के सेंकाकू आईलैंड में समुद्री क्षेत्र तक चीन लगातार सीमा विवाद को बढ़ा रहा है. दुनिया को चीन की इस दादागिरी को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए.”
माइक पॉम्पियो, अमेरिकी विदेश मंत्री

भारत ने दिया माकूल जवाब

अमेरिकी विदेश मंत्री ने टिक-टॉक को बैन करने को लेकर कहा कि अभी इस पर काम किया जा रहा है और देखा जा रहा है कि ये हमारी और नागरिकों के डेटा की सुरक्षा के लिए कितना जरूरी है. इसके अलावा पॉम्पियो ने भारत का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि, मैंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से कई बार चीन को लेकर बात की. चीन ने काफी उग्र तरीके से भारत के खिलाफ एक्शन लिया, लेकिन भारत ने उसका बेहतर जवाब दिया. चीन को लेकर पॉम्पियो ने कहा,

"उसके ऐसे ज्यादा पड़ोसी नहीं हैं जो संतोषजनक तौर पर ये कह सकते हैं कि वो जानते हैं कि कहां उनकी संप्रभुता खत्म होती है और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इसका सम्मान करेगी. अब भूटान के लोगों के लिए भी ये सच है. दुनिया को इसका जवाब देने के लिए एक साथ आना चाहिए."

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भूटान ने किया चीन का दावा खारिज

बतां दें कि ये सब 29 जून को हुई एक ऑनलाइन मीटिंग से शुरू हुआ, जब भूटान के ग्लोबल एन्वॉयरमेंट फैसिलिटी (GEF) से साकतेंग वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के विकास के लिए फंड मांगने पर चीन ने आपत्ति जताई. ये सैंक्चुअरी पूर्वी भूटान में स्थित है. ऑनलाइन मीटिंग में भूटान ने चीन के दावों पर आपत्ति जताई और GEF ने प्रोजेक्ट की फंडिंग को मंजूरी दे दी. मीटिंग में चीन के प्रतिनिधि ने कहा कि साकतेंग सैंक्चुअरी चीन-भूटान विवादित क्षेत्र में स्थित है और ये क्षेत्र दोनों देशों की सीमा बातचीत के एजेंडा पर है. इस पर भूटान की प्रतिनिधि ने जवाब दिया, “भूटान इस दावे को खारिज करता है. ये सैंक्चुअरी हमारा अटूट और अविभाज्य हिस्सा है और सीमा बातचीत के दौरान कभी भी ये विवादित क्षेत्र के तौर पर नहीं आया है.”

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Published: 08 Jul 2020,09:00 PM IST

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