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ब्राजील में भारत बायोटेक की कोविड वैक्सीन Covaxin को लेकर बवाल मचा हुआ है. आरोप है कि ब्राजील की जेयर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) सरकार, ऊंची कीमतों पर भी भारत बायोटेक की वैक्सीन खरीदने के सौदे पर आगे बढ़ रही थी. ब्राजील के स्वास्थ मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि उनपर दबाव था कि ऊंची कीमत पर भी भारत बायोटेक के साथ सौदा किया जाए. इस पूरे विवाद में ब्राजील के राष्ट्रपति पर सवाल उठ रहे है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद लुइस मिरांडा ने बोल्सनारो पर आरोपों की जांच कर रही एक समिति की बैठक में बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति को कोवैक्सीन की खरीद को लेकर बनाये जा रहे दबाव के बारे में चेतावनी दी थी. मिरांडा ने बताया कि राष्ट्रपति ने स्वास्थ्य मंत्रालय के कामों में दखलंदाजी करने का इल्जाम निचले सदन में अपने नेता रिकार्डो बैरोस पर लगाया, लेकिन वैक्सीन की खरीद पर रोक नहीं लगाई.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी, लुइस रिकार्डो मिरांडा ने सीनेटर्स को बताया कि वैक्सीन की खरीद से जुड़े कागजात की जांच में, ऐसी जानकारी मिली है जो भारत बायोटेक और मंत्रालय के बीच हुए पहले कॉन्ट्रैक्ट से मेल नहीं खाती है.
ये पहली बार है कि इस पूरे मामले की जांच कर रहे सीनेटर्स ने बोल्सनारो से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू कर दी है. अब तक वो टीके की खरीद में देरी और सरकार के अप्रमाणित कोविड उपचारों की जांच में लगे थे.
24 जून को, स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो क्विरोगा ने कहा था कि वो कोवैक्सीन वैक्सीन के मुद्दे के बारे में चिंतित नहीं हैं, और पूरा ध्यान टीकाकरण कार्यक्रम को आगे बढ़ाने पर लगा रहे हैं.
कुछ दिनों पहले राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो ने पूरे मुद्दे पर बोलते हुए कहा था कि ब्राजील ने भारत बायोटेक की वैक्सीन के लिए कोई पैसे नहीं दिए और न ही वैक्सीन का डोज रिसीव किया. राष्ट्रपति ने कहा था, “हमने कोवैक्सीन पर एक प्रतिशत भी खर्च नहीं किया. हमें कोवैक्सीन की एक खुराक नहीं मिली. तो भ्रष्टाचार कहां है?”
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