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चीन (China) में 'जीरो कोविड पॉलिसी' (Zero Covid Policy) के खिलाफ लोगों के आक्रोश को देखते हुए चीनी सरकार बैकफुट पर है. कहा जा रहा है कि चीन के 70 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब चीन की सरकार लोगों के विद्रोह से डर कर झुक गई है. चीन में जारी कोविड पाबंदियों में कुछ छूट दी गई है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग में कोविड-19 टेस्टिंग बूथों को हटा दिया गया है, जिसके बाद लोगों ने खुशी जताई है. वहीं शेनझेंग शहर में अब यात्रा के लिए कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं होगी. इन फैसलों से स्पष्ट है कि चीन में जारी कोरोना प्रतिबंधों में तेजी से ढील दी जा रही है.
हालांकि, चीन में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. दैनिक मामले अब तक के उच्चतम स्तर के आसपास हैं. लेकिन आर्थिक मंदी और लोगों के गुस्से को देखते हुए चीनी सरकार कुछ शहरों में कोरोना टेस्ट और क्वारंटाइन नियमों को ढीला करने के लिए कदम उठा रही है.
वहीं चीन की राजधानी बीजिंग में कई कोरोना टेस्टिंग बूथ भी बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि सुपरमार्केट जैसी जगहों पर प्रवेश के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट मांगना बंद कर दिया गया है. वहीं सोमवार से सबवे के लिए भी इसे लागू किया जाएगा. हालांकि, ऑफिसों सहित कई अन्य स्थानों पर प्रवेश के लिए टेस्टिंग जरूरी होगी.
आने वाले दिनों में चीन के लोगों को कोरोना प्रतिबंध में कई और छूट मिल सकती है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सरकार देशभर में कोरोना टेस्टिंग के नियमों में छूट दे सकती है. इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों और संपर्क में आए लोगों को कुछ शर्तों के साथ घर पर रहने की अनुमति दी जा सकती है.
बता दें कि, अधिकारियों ने हाल ही में ओमिक्रॉन के खतरों को कम करना शुरू कर दिया है, जिसे प्रतिबंधों में छूट की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
हाल ही में चीन में सख्त कोविड पाबंदियों के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था. राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कठोर जीरो कोविड नीति के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए थे. शंघाई में लोगों ने "शी जिनपिंग गद्दी छोड़ो", "कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता छोड़ो" जैसे नारे लगाए थे. अब कई शहरों में कोरोना प्रतिबंधों में छूट को इस विरोध प्रदर्शन से भी जोड़कर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि सरकार के खिलाफ लोगों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए प्रतिबंधों में छूट दी जा रही है.
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