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हॉन्ग कॉन्ग (Hong Kong) में लागू हुए नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSL) की बड़ी कीमत वहां के एक अखबार ने चुकाई है. Apple Daily ने 24 जून को अपना आखिरी एडिशन छापा है. पुलिस की बढ़ती कार्रवाई, चीफ एडिटर और पांच एग्जीक्यूटिव के हिरासत में लिए जाने और वित्तीय संपत्ति जब्त होने की वजह से अखबार को बंद होने का फैसला करना पड़ा. Apple Daily हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र की सबसे बुलंद आवाजों में से एक था और इसके फाउंडर जिमी लाई (Jimmy Lai) की कहानी चीन के साथ अखबार के संघर्ष का आईना है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, Apple Daily को समर्थन देने के लिए सैंकड़ों लोग 23 जून की रात उसकी इमारत के नीचे पहुंचे थे. लोग भारी बारिश के बीच रात में अपने स्मार्टफोन की लाइट दिखाकर समर्थन जता रहे थे. पत्रकार भी बालकनी में आए और अपने फोन दिखाकर प्रतिक्रिया दी.
Apple Daily लंबे समय से चाइनीज और हॉन्ग कॉन्ग अथॉरिटीज का दबाव झेल रहा था. अखबार हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र के समर्थन में पुरजोर आवाज उठाता रहा है. कम्युनिस्ट चीन के सत्तावादी रवैये के बावजूद Apple Daily लोकतांत्रिक अधिकारों और आजादी का समर्थन करता रहा.
NSL के तहत राजद्रोह, अलगाववाद, विदेश के साथ मिलीभगत और आतंकवाद के आरोप में सजा हो सकती है. अखबार के फाउंडर जिमी लाई ने जुलाई 2019 में अमेरिका की यात्रा की थी और तत्कालीन विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और उपराष्ट्रपति माइक पेंस से मुलाकात की थी.
17 जून 2021 को करीब 500 पुलिसकर्मी ने Apple Daily के न्यूजरूम में छापेमारी की थी. आरोप लगाया गया कि NSL का उल्लंघन किया गया है. चीफ एडिटर और पांच एग्जीक्यूटिव को हिरासत में लिया गया था. इस छापेमारी के बाद अखबार में कई इस्तीफे हुए थे.
स्थिति खराब होती देख Apple Daily के मैनेजमेंट ने कहा कि 'स्टाफ सदस्यों की सुरक्षा' को ध्यान में रखते हुए 'अखबार बंद किया जा रहा है.'
Apple Daily की शुरुआत एक ऐसे अखबार के तौर पर हुई थी, जो सेलिब्रिटी गॉसिप, पोर्नोग्राफी और स्कैंडल की खबरें छापता था. इसकी पहचान एक टैब्लॉइड की हुआ करती थी.
अखबार स्थानीय राजनीति में इतना सक्रिय था कि वो लोगों से सड़कों पर प्रदर्शन और पोस्टर छापने के लिए कहता था.
Apple Daily के फाउंडर जिमी लाई और अखबार की कहानी को एक-दूसरे का प्रतिबिंब कहा जा सकता है. लाई को 12 साल की उम्र में मेनलैंड चीन से हॉन्ग कॉन्ग स्मगल करके लाया गया था.
लेकिन जब चीन ने राजधानी बीजिंग में 1989 के लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों को कुचलने के लिए तियानानमेन चौक पर टैंक भेजे थे, तो जिमी ने हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र समर्थक एक्टिविज्म शुरू कर दिया.
हॉन्ग कॉन्ग एक फेक न्यूज से जुड़ा कानून लाने की भी योजना में हैं. इससे न्यूज पब्लिकेशन में डर और ज्यादा बढ़ सकता है क्योंकि NSL के साथ ही सरकार इसका इस्तेमाल भी विरोधी आवाज को दबाने के लिए कर सकती है. फेक न्यूज की आड़ में मीडिया को काबू में करने का पैंतरा भी कई देशों में आजमाया जा रहा है.
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Published: 24 Jun 2021,01:16 PM IST