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Iran- Israel Conflict: मिडिल ईस्ट में एक बार फिर तनाव बढ़ चुका है. ईरान (Iran) ने रविवार, 14 अप्रैल को इजराइल (Israel) पर अपना पहला सीधा हवाई हमला किया. ईरान ने यह हमला दमिश्क में उसके दूतावास पर हवाई हमले के कुछ दिनों बाद किया है. गाजा में युद्ध के कारण मिडिल ईस्ट में पहले से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में ईरान की ओर से इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलों की हमलों ने इस तनाव की स्थिति को और ज्यादा गंभीर कर दिया है. इस हमले के बाद भारत और अमेरिका समेत कई देशों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
ईरान द्वारा इजराइल पर हुए हमले पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बयान जारी करते हुए कहा, आज, ईरान और यमन, सीरिया और इराक से संचालित उसके प्रतिनिधियों ने इजरायल के खिलाफ अचानक से हवाई हमला किया. मैं इन हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.
बाइडेन ने आगे कहा, मेरे निर्देश पर, इजरायल की रक्षा का समर्थन करने के लिए, अमेरिकी सेना ने पिछले सप्ताह के दौरान क्षेत्र में विमान और बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा विध्वंसक भेजे. इस तैनाती और हमारे सेवा सदस्यों के शानदार कार्य के लिए धन्यवाद, हमने इजरायल की तरफ आने वाले लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने में मदद की.
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी ईरान द्वारा इजरायल पर किए हवाई हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम इजरायल और ईरान के बीच दुश्मनी बढ़ने को लेकर गंभीर तौर पर चिंतित हैं. इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा पर खतरा पैदा होता है. हम इस संघर्ष से पीछे हटने और दोनों देशों से अपने कदमों को रोकने के साथ बातचीत करने की अपील करते हैं. विदेश मंत्रालय इस स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है.
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने ईरान की निंदा करते हुए कहा, "मैं इजरायल के खिलाफ ईरानी शासन के लापरवाह हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. इन हमलों से तनाव बढ़ने और क्षेत्र को अस्थिर करने का खतरा है."
जर्मनी, फ्रांस और यूरोपीय संघ ने भी ईरान के हमले की निंदा की है.
इजरायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि ईरान ने 200 से अधिक ड्रोन, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें लॉन्च की. हमले में एक लड़की को चोटें आई हैं. एक सैन्य अड्डे को भी नुकसान पहुंचा है.
ईरान ने 1 अप्रैल को दमिश्क वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमला "इजरायली अपराधों" की सजा है. दमिश्क के हमले में सात अधिकारी मारे गए थे. हालांकि, इजरायल ने हमले में अपनी संलिप्तता की न तो पुष्टि की है और न ही इनकार किया है.
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने "जो कोई भी हमें नुकसान पहुंचाएगा, उसे नुकसान पहुंचाने की हमने कसम खाई है." हम इजरायल के साथ खड़े अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और कई अन्य देशों के समर्थन की सराहना करते हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि दुनिया एक और युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकती. "मैं ईरान द्वारा इजरायल पर बड़े पैमाने पर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं.
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