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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दोनों अमेरिका के दौरे पर हैं. एक का भव्य स्वागत हुआ, तो दूसरे का ठंडा वेलकम. सोशल मीडिया पर दो वीडियो तेजी से सर्कुलेट हो रहेे हैं. एक में पीएम इमरान खान और दूसरे में पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका पहुंचने पर उनके स्वागत के इंतजाम नजर आ रहे हैं. जहां इमरान के स्वागत के लिए कोई अमेरिकी अधिकारी मौजूद नहीं था. वहीं मोदी के स्वागत के लिए न सिर्फ सरकार के कई मंत्री और तमाम अधिकारी मौजूद थे, बल्कि उनके स्वागत के लिए रेड कार्पेट भी बिछाया गया.
'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अमेरिका में टेक्सास के ह्यूस्टन शहर पहुंचे. एयरपोर्ट पर मोदी के भव्य स्वागत की तैयारियां की गई थीं. उनके लिए रेड कार्पेट बिछाया गया. अमेरिकी सरकार के अधिकारी और सांसद पीएम मोदी को रिसीव करने पहुंचे, और विमान से मोदी के नीचे उतरते ही उन्होंने गर्मजोशी से उनका स्वागत और अभिनंदन किया. देखिए ये वीडियो-
दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी यूएनजीए की बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचे. यहां इमरान खान को रिसीव करने के लिए कोई अमेरिकी अधिकारी तक नहीं पहुंचा. सिर्फ पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारी ही वहां नजर आए. पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने मोदी के स्वागत के वीडियो के साथ इमरान के स्वागत का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के पीएम को रिसीव करने के लिए अमेरिकी सरकार की तरफ से कौन-कौन आया? इस वीडियो में भारत-पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के स्वागत-सत्कार के बीच का अंतर साफ दिख रहा है.
सोशल मीडिया यूजर्स इसे लेकर इमरान खान को खूब ट्रोल कर रहे हैं और जमकर उनका मजाक उड़ाया जा रहा है. एक यूजर ने लिखा कि अमेरिकी में मोदी के स्वागत के लिए रेड कार्पेट और इमरान के स्वागत के लिए डोर मैट.
एक अन्य यूजर ने लिखा कि भारत और नए पाकिस्तान में यही अंतर है. इमरान खान ने लोधी मलीहा को जल्दी आकर 3.3 फीट के कार्पेट का इंतजाम करने के लिए कहा था.
एक यूजर ने लिखा - #HowdyModi के लिए रेड कार्पेट, और पीएम इमरान खान के लिए बाथरूम मैट. #LetKashmirSpeak
सोशल मीडिया पर इमरान की इस ताजा किरकिरी को इससे भी जोड़ कर देखा जा सकता है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल (UNHRC) में कश्मीर का मुद्दा उठाने में नाकाम रहा. 47 सदस्यों वाली काउंसिल में इस मुद्दे का प्रस्ताव रखने के लिए पाकिस्तान को 16 देशों का साथ चाहिए था, लेकिन उसे ये नहीं मिला. प्रस्ताव को पास कराने के लिए पाकिस्तान को 24 देशों के साथ की जरूरत थी. 9 से 27 सितंबर तक चलने वाली UNHRC में प्रस्ताव रखने की आखिरी तारीख 19 सितंबर थी.
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