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Nobel Peace Prize कैद एक्टिविस्ट और 2 संगठनों को मिला- बर्थडे बॉय पुतिन निशाना?

Nobel Peace Prize 2022 विजेता एक्टिविस्ट Ales Bialiatski, संगठन मेमोरियल और सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज ने क्या किया है

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दुनिया
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<div class="paragraphs"><p>Nobel Peace Prize 2022 कैद एक्टिविस्ट और 2 संगठनों को मिला- बर्थडे बॉय पुतिन निशाना?</p></div>
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Nobel Peace Prize 2022 कैद एक्टिविस्ट और 2 संगठनों को मिला- बर्थडे बॉय पुतिन निशाना?

(फोटो- nobelprize.org)

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Nobel Peace Prize: शांति के लिए नोबेल पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है. जेल में बंद बेलारूस के मानवाधिकार एक्टिविस्ट एलेस बियालियात्स्की (Ales Bialiatski), रूस के मानवाधिकार संगठन मेमोरियल (Memorial) और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज (Center for Civil Liberties) को 2022 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है.

नोबेल शांति पुरस्कार के विजेताओं को सेलेक्ट करने वाली कमिटी- नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी (Norwegian Nobel committee) की अध्यक्ष Berit Reiss-Andersen ने घोषणा करते हुए कहा कि "नार्वेजियन नोबेल समिति बेलारूस, रूस और यूक्रेन के पड़ोसी देशों में मानवाधिकार, लोकतंत्र और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के तीन चैंपियनों को सम्मानित करना चाहती है." साथ ही उन्होंने बेलारूस से एक्टिविस्ट एलेस बालियात्स्की को जेल से रिहा करने की मांग की है.

2022 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के विजेताओं के नाम को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के विरोध के रूप में देखा जा रहा है. खास बात है कि शांति पुरस्कार की घोषणा वाले दिन ही, शुक्रवार को पुतिन अपना 70 वां जन्मदिन मना रहे हैं.

हालांकि Berit Reiss-Andersen ने रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा कि यह पुरस्कार पुतिन विरोधी पुरस्कार नहीं है. उन्होंने कहा, "हम हमेशा किसी न किसी चीज के लिए पुरस्कार देते हैं, किसी के खिलाफ नहीं."

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Ales Bialiatski: कौन हैं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एलेस बियालियात्स्की?

Ales Bialiatski एक प्रमुख बेलारूसी मानवाधिकार एक्टिविस्ट हैं, जो अभी बिना किसी मुकदमे/ट्रायल जेल में बंद हैं. 60 साल के बियालियात्स्की, बेलारूस के वायसना (जिसका मतलब वसंत है) मानवाधिकार केंद्र के फाउंडर हैं. इसे साल 1996 में बेलारूस के नेता अलेक्जेंडर लुकाशेंको द्वारा सड़क पर विरोध प्रदर्शनों को क्रूरता से कुचलने के प्रयासों के जवाब में स्थापित किया गया था.

इस संस्थान ने जेल में बंद प्रदर्शनकारियों और उनके परिवारों की सहायता की, बेलारूस के सरकारी अधिकारियों द्वारा राजनीतिक कैदियों के खिलाफ यातना की घटनाओं को कवर किया, उन्हें सबतक पहुंचाया. नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी के अनुसार Ales Bialiatski ने अपना जीवन अपने देश में लोकतंत्र और शांतिपूर्ण विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित कर दिया है.

2011 में कर चोरी के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद Bialiatski ने तीन साल जेल में बिताए, हालांकि उन्होंने हमेशा इस आरोप में इनकार किया है. बेलारूस में चुनाव में धांधली के आरोपों के बाद शुरू विरोध-प्रदर्शन के बीच उन्हें 2020 में फिर से हिरासत में लिया गया था, इस चुनाव ने लुकाशेंको को सत्ता में बनाए रखा था. बता दें कि लुकाशेंको - जिन्हें पश्चिम में यूरोप का अंतिम तानाशाह कहा जाता है - ने 1994 से बेलारूस पर शासन किया है.

Center for Civil Liberties: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज क्या करता है?

नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी के अनुसार "सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज ने यूक्रेन के नागरिक समाज/ सिविल सोसाइटी को मजबूत करने और अधिकारियों पर यूक्रेन को एक पूर्ण लोकतंत्र बनाने के लिए दबाव बनाने के लिए एक स्टैंड लिया है."

"फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद, केंद्र यूक्रेनी आबादी के खिलाफ रूसी युद्ध अपराधों (वॉर क्राइम) की पहचान करने और उनका दस्तावेजीकरण करने के प्रयासों में लगा हुआ है. सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज दोषी पक्षों को उनके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराने में बड़ी भूमिका निभा रहा है."

Memorial: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता संगठन मेमोरियल क्या करता है?

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार मेमोरियल को साल 1987 में पूर्व सोवियत संघ में मानवाधिकार एक्टिविस्टों ने स्थापित किया गया था. जो यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि कम्युनिस्ट शासन के उत्पीड़न के शिकार लोगों को कभी नहीं भुलाया जाए.

नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी का कहना है कि यह संगठन "इस धारणा पर आधारित है कि नए अपराधों को रोकने के लिए पिछले अपराधों का सामना करना आवश्यक है. यह संगठन सैन्यवाद का मुकाबला करने और कानून के शासन पर आधारित मानवाधिकारों और सरकार को बढ़ावा देने के प्रयासों में भी सबसे आगे खड़ा रहा है.”

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