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ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राजकीय अंतिम संस्कार/ फ्यूनरल 21वीं सदी के सबसे बड़े राजनयिक क्षणों में से एक होगा. सोमवार, 19 सितंबर को होने जा रहे क्वीन एलिजाबेथ II के इस फ्यूनरल में दुनिया भर के लगभग 500 प्रतिनिधि और गणमान्य व्यक्ति (Queen Elizabeth II funeral guests) लंदन आएंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17 से 19 सितंबर के बीच फ्यूनरल में शामिल होने और भारत सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करने के लिए लंदन का दौरा करेंगी.
क्वीन एलिजाबेथ II के चारों बच्चे - किंग चार्ल्स III, प्रिंसेस ऐनी, प्रिंस एंड्रयू और प्रिंस एडवर्ड - सभी फ्यूनरल में मौजूद रहेंगे. साथ में सभी की पत्नियां भी मौजूद रहेंगी.
प्रिंस विलियम की पत्नी कैथरीन और हैरी की पत्नी मेघन सहित करीबी संबंधियों की पत्नियां भी क्वीन के सम्मान में उपस्थित रहेंगी.
दुनिया भर के मोनार्क/राजा-रानी भी अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए लंदन जाएंगे. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार स्पेन के राजा फेलिप और रानी लेटिजिया ने कंफर्म किया है कि वो आएंगे.बेल्जियम के राजा फिलिप और रानी मथिल्डे, नीदरलैंड के राजा विलेम-अलेक्जेंडर और उनकी पत्नी रानी मैक्सिमा, उनकी मां और पूर्व डच रानी भी आ रहीं हैं.
इसके अलावा स्वीडन, डेनमार्क, बेल्जियम और ग्रीस सहित यूरोप के कई शाही परिवारों के अन्य सदस्य भी उपस्थिति रहेंगे.
क्वीन एलिजाबेथ II ने अपने 70 साल के शासनकाल के दौरान अनगिनत वर्ल्ड लीडर्स से मुलाकात की थी और इनमें से कई राजनेताओं के उनके राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने की उम्मीद है.
लिज ट्रस, ब्रिटिश पीएम
निकोला स्टर्जन, स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री
माइकल मार्टिन, आयरिश प्रीमियर
जो बाइडेन, अमेरिकी राष्ट्रपति
इमैनुएल मैक्रों, फ्रांसीसी राष्ट्रपति
फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर, जर्मनी की राष्ट्रपति
सर्जियो मटेरेला, इटली के राष्ट्रपति
सौली निनिस्टो, फिनलैंड के राष्ट्रपति
जैसिंडा अर्डर्न, न्यूजीलैंड की पीएम
एंथोनी अल्बनीज, ऑस्ट्रेलिया के पीएम
जस्टिन ट्रूडो, कनाडा के पीएम
द्रौपदी मुर्मू, भारत की राष्ट्रपति
यूं सुक-योल, साउथ कोरिया के राष्ट्रपति
जापान के सम्राट नारुहितो और महारानी मासाको
तमीम बिन हमद अल थानी, कतर के अमीर
Isaac Herzog, इजरायल के राष्ट्रपति
ब्रिटेन सरकार के सूत्रों के हवाले से बीबीसी ने रिपोर्ट प्रकाशित की है कि सीरिया, वेनेजुएला और अफगानिस्तान के प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया गया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ब्रिटेन का इन देशों के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध नहीं हैं.
बीबीसी की इसी रिपोर्ट के अनुसार रूस, बेलारूस और म्यांमार से किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया है.
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