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ब्रिटेन में 70 से अधिक वर्षों तक शासन करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का 96 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनकी मौत की खबर मिलते ही पूरा यूनाइटेड किंगडम शोक में डूब गया. देशभर में लोग जगह-जगह फूल रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में उनके निधन के बाद अब उनके अंतिम संस्कार से जुड़े प्रोटोकॉल के बारे में चर्चा होने लगी है. आइए जानते हैं अंतिम संस्कार तक क्या-क्या होगा?
ब्रिटेन के अधिकारियों ने महारानी की मृत्यु और अंतिम संस्कार के बीच के 10 दिनों की तैयारियों के प्रबंधन करने के लिए 'ऑपरेशन लंदन ब्रिज' की रूपरेखा तैयार की थी. लेकिन चूंकि रानी स्कॉटलैंड में रह रही थीं, इसलिए स्कॉटलैंड में रानी की मृत्यु के मामले में उन्होंने 'ऑपरेशन यूनिकॉर्न' के बारे में प्लान किया था. यूनिकॉर्न स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय पशु है. महारानी के निधन के संदेश को प्रसारित करने के लिए एक कोड इस्तेमाल किया जाता है जिसका नाम "लंदन ब्रिज इज डाउन" है. एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक स्कॉडलैंड में निधन होने की वजह से 'ऑपरेशन लंदन ब्रिज' को 'ऑपरेशन यूनिकॉर्न' के नाम से चलाया जाएगा.
द गार्जियन ने पांच साल पहले ही अपनी एक रिपोर्ट में 'लंदन ब्रिज इज डाउन' पर विस्तार से बताया था. ब्रिटेन के शाही परिवार (royal family) में किसी के जीवित रहते हुए भी उसके अंतिम संस्कार का पहले से ही पूरा प्लान तैयार करके रख लिया जाता है. ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को लेकर भी यही हुआ. पिछले साल एक अमेरिकी वेबसाइट पॉलिटिको के हाथ यह सीक्रेट प्लान लग गया था. पहला 'लंदन ब्रिज' प्लान 1960 में बना था. हालांकि कोरोनाकाल में इसे अपडेट किया गया था. इस प्लान के साथ ही महारानी के निधन के कुछ महीनों बाद प्रिंस चार्ल्स की ताजपोशी की गोपनीय योजना (ऑपरेशन स्प्रिंग टाइड) भी लीक हो गई थी. इसे लेकर बकिंघम पैलेस यानी राजमहल नाराज हुआ था. सरकार ने जांच कराने की भी बात कही थी.
तय प्लान के अनुसार अनुसार ब्रिटेन की प्रधानमंत्री को सूचित करने के बाद, महारानी की मृत्यु की जानकारी पहले ही उन देशों को दे दी जाती है, जहां वह राज्य की प्रमुख थीं. इसके बाद राष्ट्रमंडल के 38 अन्य देशों को इसके बारे में बताया जाता है. इसके अलावा, रानी की मौत का मतलब है प्रिंस चार्ल्स तुरंत 14 राष्ट्रमंडल क्षेत्रों के राजा और देश के प्रमुख बन जाएंगे. हालांकि, आधिकारिक घोषणा रानी की मृत्यु के एक दिन बाद ही की जाएगी. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार लंदन में सेंट जेम्स पैलेस से यह घोषणा की जाएगी.
क्वीन एलिजाबेथ का अंतिम संस्कार शाही परंपरा के मुताबिक 10वें दिन यानी 19 सितंबर को किया जाएगा. अंतिम संस्कार से जुड़ी परंपराएं 12 दिन तक चलेंगी.
ऑपरेशन लंदन ब्रिज के अनुसार महारानी के निधन के दिन को D-Day कहा जाता है, इस दिन से अंतिम संस्कार तक के दिन को D+1 से लेकर D+10 तक संदर्भित किया जाता है. इस अवधि के दौरान ब्रिटिश संसद शोक संदेश भेजकर कामकाज स्थगित कर देती है.
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद कई शाही प्रतीक बदले जा सकते हैं. झंडे, नोट, सिक्के में अभी तक महारानी की अलग-अलग तस्वीर होती थी. अब इसे हटाकर नए किंग बने प्रिंस चार्ल्स की फोटो लगाए जा सकते हैं.
चार्ल्स लंदन लौटेंगे और सेंट जेम्स पैलेस में आयोजित एक सभा में एक्सेशन काउंसिल (राज्याभिषेक परिषद) उन्हें नया शासक घोषित करेगी. आम तौर पर किसी शासक के निधन के 24 घंटे के भीतर ही यह सभा आयोजित की जाती है. यहां पर औपचारिक रूप से एलिजाबेथ की मृत्यु और नए राजा के सिंहासन पर आने की घोषणा होगी. ब्रिटेन की संसद शोक संदेश तैयार करेगी और क्वीन एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार होने तक अपने सभी काम रोक देगी. हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसद श्रद्धांजलि देंगे.
रानी के ताबूत को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल के बॉलरूम में ले जाया जाएगा. वेस्टमिंस्टर ऐबे, सेंट पॉल कैथेड्रल और विंडसर कैसल में लगी बड़ी घंटियों को बजाकर शोक जताया जाएगा. महारानी को बंदूक से सलामी दी जाएगी. स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग कैसल और हाइड पार्क में महारानी के जीवन के हर साल की याद में 96 बार फायर करते हुए सलामी दी जाएगी.
नये राजा टीवी पर देश के नाम संबोधन देंगे. इसके साथ ही बतौर किंग वे दिवंगत महारानी को श्रद्धांजलि देंगे.
महारानी के पार्थिव शरीर को स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग में उनके आवास होलीरोड ले जाया जाएगा, जहां उन्हें मिलिट्री गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा.
किंग चार्ल्स III और क्वीन कंसोर्ट होलीरोड जाएंगी, जहां उन्हें 21 बंदूकों की सलामी दी जाएगी. महारानी के बच्चे और पोते-पोतियों सहित शाही परिवार के सदस्य, होलीरूड से एडिनबर्ग के सेंट जाइल्स कैथेड्रल तक एक जुलूस में शामिल होंगे. इस दौरान एडिनबर्ग कैसल की बंदूकें हर मिनट फायरिंग करते हुए सलामी देंगी.
महारानी का ताबूत सेंट जाइल्स कैथेड्रल से कार द्वारा शाही ट्रेन तक पहुंचाया गया, इसी ट्रेन से क्वीन के शव को राष्ट्रगान के साथ लंदन रवाना किया जाएगा. जैसे ही ट्रेन इंग्लैंड से गुजरेगी, स्कॉटिश मानक को शाही मानक से बदल दिया जाएगा.
लंदन के वेस्टमिंस्टर में संसद के सदनों के बीच नए राजा और उनकी पत्नी कैमिला वेस्टमिंस्टर हॉल में शोक संदेश सुनेंगे.
लंदन के सेंट पैनक्रास स्टेशन पर महारानी का पार्थिव शरीर पहुंचेगा, जहां वरिष्ठ शाही परिवार के सदस्य, प्रधान मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति आगवानी करेंगे. इसके बाद क्वीन के ताबूत को कार द्वारा बकिंघम पैलेस भेजा जाएगा.
महारानी एलिजाबेथ के पार्थिव शरीर को बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर हॉल ले जाया जाएगा. ताबूत को रॉयल स्टैंडर्ड में लपेटा जाएगा, जिस पर इम्पीरियल स्टेट क्राउन को मखमली कुशन पर रखा जाएगा. ब्रिटेन के नए किंग के बाद एलिजाबेथ के अन्य बच्चे और शाही परिवार के सदस्यों के साथ प्रिंसेस विलियम और हैरी पैदल चलेंगे. इस जुलूस के दौरान एलिजाबेथ टॉवर में लगी विशाल घंटी और हाइड पार्क में बंदूक द्वारा दी गई हर एक मिनट के अंतराल गूंजेगी.
वेस्टमिंस्टर हॉल में महारानी एलिजाबेथ के ताबूत को सशस्त्र गार्ड की निगरानी में कुछ दिनों तक रखा जाएगा. उनके अंतिम दर्शन करने वाले यहां आकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. रात को केवल सफाई के लिए 15 मिनट का ब्रेक होगा बाकी श्रद्धांजलि देने का यह काम 24 घंटे जारी रहेगा.
इस दौरान दुनिया भर के नेता वेस्टमिंस्टर हॉल में श्रद्धांजलि देने के लिए आएंगे. वहीं इस बीच, नया राजा बकिंघम पैलेस में शाही परिवार के सदस्यों से मुलाकात करेगा.
इस दौरान अंतिम संस्कार की रिहर्सल की जाएगी. किंग चार्ल्स वेल्स संसद में एक और शोक प्रस्ताव प्राप्त करने के लिए वेल्स की यात्रा करेंगे. वे कार्डिफ में लियानडाफ कैथेड्रल भी जाएंगे. 10वें दिन अंतिम संस्कार किया जाएगा. पूरे देश में 2 मिनट का मौन रखा जाएगा. विंडसर कैसल में एक सेरेमनी के बाद महारानी को किंग जॉर्ज VI मेमोरियल चैपल में दफनाया जाएगा. महारानी को प्रिंस फिलिप के बाजू में दफनाया जाएगा. अंतिम संस्कार के दिन राष्ट्रीय शोक रहेगा. इस दिन पूरे देश में छुट्टी रहेगी.
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