ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ (Queen Elizabeth II) अब इस दुनिया में नहीं रही, उनकी मौत का पूरी दुनिया शोक मना रही है, करीब 70 सालों तक राज करने वाली रानी की जिंदगी परी कथा की तरह है, जिसको जानने के लिए लोग बेकरार रहते हैं, शायद इसीलिए उनकी जिंदगी पर कई फिल्में और डाक्यूमेंट्री बनाई गई, उनके बारे में जितना जाना कम ही लगता है, आज जब वो इस दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं तो हम उनके बारे में कुछ ऐसी बातें आपको बताते हैं, जो आपने कम ही सुनी होंगी.
महारानी एलिजाबेथ ने 14 साल की उम्र में अपना पहला सार्वजनिक भाषण दिया था, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 13 अक्टूबर 1940 को राष्ट्रमंडल के बच्चों को संबोधित किया था-
इस देश में आप में से हजारों को अपना घर छोड़ना पड़ा है और अपने माता-पिता से अलग होना पड़ा है. मेरी बहन मार्गरेट और मैं आपके लिए बहुत कुछ महसूस करते हैं, जैसा कि हम अनुभव से जानते हैं कि उन लोगों से दूर होने का क्या मतलब है, जिन्हें हम सबसे ज्यादा प्यार करते हैं. , हमारी सच्ची सहानुभूति आपके साथ है.
8 साल की उम्र में एलिजाबेथ की फिलिप से हुई थी मुलाकात
क्वीन एलिजाबेथ की प्रिंस फिलिप से पहली मुलाकात 8 साल की उम्र में हुई थी. फिलिप उस वक्त 13 साल के थे. उसके बाद उनकी दूसरी मुलाकात 1939 में ग्रीस और डेनमार्क की राजकुमारी मरीना की शादी में हुई थी, उस वक्त क्वीन की उम्र साल की थी और वह 18 साल के थे.
महारानी एलिजाबेथ और फिलिप की शादी 20 नवंबर, 1947 को वेस्टमिंस्टर एब्बे में हुई थी. द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत बाद शादी के बंधन में बंधने वाली दूसरी दुल्हनों की तरह, उन्होंने अपनी पोशाक के भुगतान के लिए कपड़ों के राशन कूपन का इस्तेमाल किया था, जिसे नॉर्मन हार्टनेल ने डिजाइन किया गया था 15 मीटर के इस ड्रेस में 10 हजार से मोती जड़े थे.
एलिजाबेथ 117 देशों की यात्रा
एलिजाबेथ ने अपने शासनकाल में 117 देशों की यात्रा की और 1,032,513 मील है की दूरी तय की. इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रमंडल देशों की 200 से अधिक यात्राएं भी कीं.
क्वीन का अपना झंडा
क्वीन एलिजाबेथ का अपना निजी झंडा था, जिसे 1960 में अपनाया गया था, जो नीले रंग का है, जिसमें सोने का डिजाइन है, जिसमें शाही मुकुट के साथ उनका प्रारंभिक "ई" है और गुलाबों से घिरा हुआ है. आप इसे उसके कब्जे वाली इमारतों, जहाजों, कारों या हवाई जहाजों पर उड़ते हुए देख सकते हैं.
रानी के खाने के बाद कोई खाना नहीं खा सकता था
क्वीन एलिजाबेथ के साथ शाही खाना खाने वालों को कड़े नियमों से होकर गुजरना पड़ता था. रानी के आखिरी निवाला खाने के बाद उनके साथ मौजूद टेबल का कोई गेस्ट खाना नहीं खा सकता था. शाही परिवार में कॉफी के कप को पकड़ने का भी नियम है, कप को पकड़ने के लिए अपने हाथ के अंगुठे और तर्जनी का इस्तेमाल करते हैं.
क्वीन को पासपोर्ट की जरूरत नहीं
क्वीन को दुनिया के किसी भी हिस्से में बिना पासपोर्ट यात्रा कर सकती थी, शाही परिवार के हर सदस्य को यात्रा के लिए पासपोर्ट की जरूरत होती है, लेकिन महारानी के लिए कोई नियम लागू नहीं है.
क्वीन नहीं गई स्कूल, घर से की पढ़ाई
एलिजाबेथ कभी स्कूल नहीं गईं, उनकी पढाई घर पर ही हुई, 1936 पिता के सिंहासन पर बैठने के बाद एलिजाबेथ उत्तराधिकारी बन गईं, उन्होंने अपनी भविष्य की भूमिका की तैयारी के रूप में संवैधानिक इतिहास और कानून की पढ़ाई की.
क्वीन ने 18 साल की उम्र में सहायक क्षेत्रीय सेवा (एटीएस) में शामिल हो गईं, जहां उन्होंने एक ट्रक ड्राइवर और मैकेनिक के रूप में प्रशिक्षण लिया.
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