advertisement
रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच युद्ध को 4 महीने से ज्यादा का समय हो गया है. यूक्रेन (Ukraine) से होती हुई जंग बेलारूस (Belarus) की ओर बढ़ती दिख रही है.
एक तरफ रूस (Russia) ने बेलारूस को परमाणु सक्षम मिसाइल भेजने का ऐलान किया है. तो वहीं दूसरी तरफ NATO बेलारूस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. इस बीच यूक्रेन ने बेलारूस की तरफ रॉकेट हमले का आरोप लगाया है.
आपको बता दें कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में बेलारूस ने शुरू से ही रूस का समर्थन किया है. हालांकि आधिकारिक तौर पर बेलारूस संघर्ष में शामिल नहीं है.
NATO विमानों के बेलारूसी सीमा के करीब आने की शिकायत के बाद रूस ने बेलारूस को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलों की आपूर्ति करने का ऐलान किया है. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा कि "आने वाले महीनों में हम बेलारूस को इस्कंदर-एम टेक्टिकल मिसाइल (Iskander-M tactical missile) सिस्टम देंगे, जिसकी मदद से बैलिस्टिक या क्रूज मिसाइलों का उपयोग किया जा सकता है."
लिथुआनिया (Lithuania) ने अपने देश से होकर रूस के कालिनिंग्राद (Kaliningrad) के बाल्टिक सागर स्थित रिमोट टेरिटरी में रेलमार्ग से सामान भेजना प्रतिबंधित कर दिया है. यह आवाजाही बेलारूस से लिथुआनिया होते हुई एक पट्टी के जरिए भेजा जाता था. यह 65 किलोमीटर लंबी पट्टी थी, जिसमें हाईवे, ट्रेन रूट बने हुए हैं.
रूस ने लिथुआनिया के इस कदम की कड़ी निंदा की है और भविष्य में अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार लिथुआनिया का यह कदम रूस के खिलाफ यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का हिस्सा है.
आपको बता दें कि रूस का यह रिमोट टेरिटरी लिथुआनिया और पोलैंड से घिरा हुआ है. माना जा रहा है कि लुथिआनिया के प्रतिबंध के बाद इसको लेकर तकरार और बढ़ सकता है.
यूक्रेन ने दावा किया कि शनिवार को पड़ोसी देश बेलारूस से भारी बमबारी की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन की उत्तरी सैन्य कमान ने एक बयान में कहा कि उत्तरी चेर्निगिव क्षेत्र (Northern Chernigov Region) के देसना गांव को बीस रॉकेटों ने निशाना बनाया. इसके साथ ही बयान में कहा गया कि बुनियादी ढांचे (Infrastructure) को नुकसान पहुंचा है, लेकिन अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
कुल मिलाकर सारे संकेत इस ओर इशारा कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में नाटो, रूस पर दबाव बनाने के लिए बेलारूस पर दबाव बढ़ा सकता है. बता दें रूस डोंबास में निर्णायक जीत की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में पश्चिमी देशों में रूस के यूक्रेन में और आगे बढ़ने को लेकर डर बैठा हुआ समझ आता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)