रूस (Russia) द्वारा किए गए खतरनाक हमलों और बमबारी के हफ्तों के बाद बर्बाद हो चुके शहर सिविएरोडोनेट्स्क से यूक्रेन (Ukraine) अपने सैनिकों को निकालने के लिए तैयार है. क्षेत्रीय गवर्नर ने कहा कि रूस के लिए यह एक जरूरी कदम था.
इस बीच रूसी सैनिकों ने दक्षिण में सिविएरोडोनेट्स्क से लगभग 10 किमी आगे एक और शहर हिर्स्के पर कब्जा कर लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक मॉस्को ने कहा कि उसने लगभग 2 हजार यूक्रेनियाई और विदेशी सैनिकों को घेर लिया था.
रूस द्वारा बॉर्डर पर हजारों सैनिकों को भेजे जाने के चार महीने बाद ये रिपोर्ट्स आई है, जिसमें पता चला है कि इस शहर में हजारों लोग मारे गए और पूरे शहर को मलबे में बदल दिया गया है.
बता दें मई में मारियुपोल के दक्षिणी बंदरगाह के नुकसान के बाद से सिविएरोडोनेट्स्क से वापस होना यूक्रेन के लिए सबसे बड़ा उलटफेर साबित हो सकता है.
लुहान्स्क के क्षेत्रीय गवर्नर सेरही गदाई ने कहा कि सिविएरोडोनेट्स्क में सैनिकों को नए पोजिशन पर जाने का आदेश पहले ही मिल चुका है.
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण किया था, लेकिन पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को मिले हथियारों की वजह से भयंकर प्रतिरोध हुआ. उसके बाद मॉस्को और उसके सहयोगियों ने दक्षिण और डोंबास पर ध्यान केंद्रित किया है, जो लुहान्स्क और उसके पड़ोसी डोनेट्स्क से बना एक पूर्वी क्षेत्र है. यूक्रेनी सेना ने सिविएरोडोनेट्सक में हफ्तों तक संघर्ष किया.
Hirske में फहराया गया लाल झंडा
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूस पूरी तरह से नियंत्रण हासिल करने के लिए लिंचांस्क को घेरने की कोशिश कर रहा है और सीवियरोडोनेट्सक पर हमले बढ़ रहे हैं लेकिन शहर से वापसी के बारे कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई.
इसके बाद रूसी सैनिकों ने दक्षिण की ओर हिर्स्के (Hirske) शहर में प्रवेश किया और शुक्रवार को आसपास के जिले पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक क्षेत्रीय प्रशासन के एक प्रवक्ता ने बताया कि हिर्स्के (Hirske) नगरपालिका प्रशासन पर एक लाल झंडा फहराया गया है.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि हिर्स्के (Hirske) में 80 विदेशी लड़ाकों सहित 2 हजार यूक्रेनी सैनिकों को रूस ने घेर लिया है.
लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक के आंतरिक मंत्रालय में एक अधिकारी विटाली किसेलेव ने रूस की TASS समाचार एजेंसी को बताया कि हिर्स्के में रूसी और अलगाववादी ताकतों द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र में लगभग 4,500 यूक्रेनी सैनिक थे.
बता दें रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध का ग्लोबल इकोनॉमी और यूरोपीय सुरक्षा व्यवस्थाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ा है.
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