advertisement
Russia-Ukraine War: रूसी सैनिक जब यूक्रेन की राजधानी कीव और उसके पास के शहर बूचा से पीछे हटे तो अपने पीछे वो उस खौफनाक मंजर को छोड़ गए, जिसे देख इंसानियत भी शर्मशार हो जाए. यूक्रेनी सेना को बूचा (Bucha Massacre) में कम से कम 410 नागरिकों की दफ्न लाशें मिलीं- जिनमें से कई लोगों को हाथ और पैर उनकी पीठ के पीछे बांधकर सिर में गोली मारी गयी थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इनमें उन महिलाओं के शव भी थे, जिनका रेप कर उन्हें जला दिया गया था. यहां तक की मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शा गया.
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने 3 अप्रैल को कहा कि मरे लोग वास्तव में नरसंहार के शिकार हुए हैं, रूस दरअसल "पूरे राष्ट्र और लोगों का सफाया" चाहता है.
दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर सामूहिक हत्या के लिए युद्ध अपराध (वॉर क्राइम) का मामला चलना चाहिए. ऐसे में सवाल है कि वॉर क्राइम किसे कहते हैं, क्या पुतिन यूक्रेन में वॉर क्राइम कर रहे हैं और सबसे बड़ा सवाल क्या पुतिन को इस कथित अपराध के लिए सजा मिलेगी?
वॉर क्राइम का अर्थ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बने कई कानूनों के बीच उलझा हुआ है जो युद्ध और शांति के संचालन के संबंध में देशों के बीच समझौतों पर आधारित है. लेकिन वॉर क्राइम के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय कानून को लागू करना शायद ही कभी आसान होता है क्योंकि यहां आरोप-प्रत्यारोप दो युद्धरत देशों के बीच चलता है.
मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून की विद्वान शेली इंगलिस का कहना है कि "बलात्कार, यातना, जबरन विस्थापन और अन्य कार्रवाइयां भी वॉर क्राइम में शामिल हो सकती हैं"
बूचा में जब कम-से-कम 410 नागरिकों की लाशें मिली तब पुतिन के नेतृत्व में रूस पर वॉर क्राइम का आरोप लगने लगा. मानवाधिकार और नरसंहार के विद्वान अलेक्जेंडर हिंटन के अनुसार इस बात के स्पष्ट सबूत हैं कि रूस सीधे नागरिकों पर हमला करके और उन्हें मारकर वॉर क्राइम कर रहा है.
संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने के बाद से रूसी सेना ने 5 अप्रैल तक कम से कम 1,480 नागरिकों को मार डाला और 2,195 घायल हो गए.
नरसंहार का एक पैमाना खुद उस देश का इतिहास भी होता है. रूस द्वारा बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का इतिहास है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बात की संभावना न के बराबर है कि यूक्रेन में वॉर क्राइम के कारण पुतिन को जेल का सामना करना पड़ेगा या उन्हें सत्ता से हटा दिया जाएगा.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वॉर क्राइम पर विचार करने के लिए मुख्यतः तीन संस्थान हैं:
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट
स्पेशल इंटरनेशनल वॉर ट्रिब्यूनल
अतीत में इन्होंने राजनीतिक नेताओं पर वॉर क्रिमिनल्स के रूप में मुकदमा चलाया और उन्हें दोषी ठहराया. इसमें लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति चार्ल्स टेलर भी शामिल हैं.
लेकिन पुतिन के ऊपर ऐसी कोई कार्यवाई मुश्किल है. एक कारण यह है कि रूस इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का सदस्य नहीं है और देश पर उसके अधिकार क्षेत्र को स्वीकार नहीं करता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)