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Wagner Group: रूसी (Russian) सैन्य नेताओं और वैगनर निजी सैन्य कंपनी के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. प्रिगोझिन ने क्रेमलिन पर जानबूझकर वैगनर सैनिकों पर बमबारी करने का आरोप लगाया है. हालांकि, रूसी रक्षा मंत्रालय ने आरोपों से इनकार किया है. येवगेनी प्रिगोझिन ने दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन के सैन्य मुख्यालय पर नियंत्रण का दावा किया है. इसके बाद राजधानी मॉस्को समेत रूस के कई प्रमुख शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
इस बीच, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैगनर सैनिकों पर दोशद्रोही होने का आरोप लगाया है. उन्होंने विद्रोह में शामिल लोगों को सजा देने की भी कसम खाई. TV पर संबोधित करते हुए पुतिन ने वैगनर ग्रुप से अपने आपराधिक कृत्य बंद करने को कहा. अब सवाल है कि आखिर वैगनर ग्रुप कौन है और इसका क्या इतिहास है?
दरअसल, वैगनर ग्रुप कभी पुतिन का समर्थक हुआ करता था और यूक्रेन में रूस की ओर से लड़ रहा था. लेकिन मौजूदा समय में स्थिति बदल गई और ये ग्रुप मौजूद समय में पुतिन के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है.
वैगनर मिलिट्री ग्रुप की स्थापना 10 साल पहले 2013 में हुई थी. ये एक रशियन प्राइवेट मिलिट्री कंपनी है, जिसे रूस का समर्थक माना जाता है. इसकी स्थापना दिमित्री उत्किन ने की थी. दिमित्री रूस की खुफिया एजेंसी में काम करते थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिमित्री एडोल्फ हिटलर से काफी प्रेरित था. हिटलर म्यूजिक कम्पोजर रिचर्ड वैगनर का फैन था, इसलिए इस ग्रुप का नाम भी वैगनर पर रखा गया. साल 2022 में इस ग्रुप को कंपनी के तौर पर रजिस्टर किया गया है. वैगनर मिलिट्री ग्रुप का मुख्यालय सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) में है.
US नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के मुताबिक, इसमें करीब 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग अपराधी रह चुके हैं. इनमें पूर्व सैनिक भी हैं. वैगनर ग्रुप खुद को राष्ट्रवादी संगठन कहता है. उसका कहना है कि इस संगठन में देश सेवा की भावना रखने वाले आम लोगों को भी भर्ती किया जाता है.
यूएस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल का मानना है कि इस वक्त यूक्रेन में लगभग 50 हजार वैगनर काम कर रहे हैं. हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ग्रुप में अफगानिस्तान और सीरिया के लड़ाका लोग भी शामिल हो रहे हैं. ये वो लोग होते हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. ऐसे ही लोगों को यूक्रेन से युद्ध में लगाया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैगनर मिलिट्री ग्रुप का नेटवर्क 18 देशों में है. इनकी मौजूदगी यूरोप से लेकर लीबिया, सीरिया, मोजांबिक, बुर्किना फासो, मोजाम्बिक, माली, सूडान और मध्य अफ्रीकी गणराज्य तक मानी जाती है. वह इन देशों में किसी न किसी पार्टी की मदद कर रही है.
वैगनर मिलिट्री ग्रुप का प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन है, और इसका जन्म 1961 में हुआ था. वो एक घोषित अपराधी है. उसे पुतिन का काफी करीबी माना जाता था. प्रिगोझिन कई बड़े अपराधों में वॉन्टेड था.
बताया जाता है कि येवगेनी पुतिन के डिप्टी मेयर के दिनों से करीबी बन गया था और बाद में पुतिन जब राष्ट्रपति बने तो उसका व्यवसाय और बढ़ गया.
1990 के दशक में स्थापित उनकी कैटरिंग कंपनी कॉनकॉर्ड को पुतिन के उद्घाटन समारोह और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की सेंट पीटर्सबर्ग यात्रा सहित राजकीय रात्रिभोज के लिए विशेष और आकर्षक सरकारी ठेके दिये गये.
एक स्वतंत्र रूसी विश्लेषक एलेक्जेंड्रा प्रोकोपेंको ने DW को बताया कि प्रिगोझिन का संगठन पुतिन के लिए "ग्रे सेवाएं" प्रदान कर रहा था.
वैगनर निजी सैन्य ठेकेदारों (पीएमसी) का वेतन, जो आमतौर पर 35 से 55 वर्ष की आयु के सेवानिवृत्त नियमित रूसी सैनिक होते हैं, प्रति माह 80,000 और 250,000 रूसी रूबल के बीच होने का अनुमान है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, वेतन 300,000 (US$2,500) रूसी रूबल तक था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माली में वैगनर मिलिट्री ग्रुप के एक हजार से ज्यादा सैनिक रूस की मदद से प्रेसिडेंट बने असिमी गोइता के साथ खड़े हैं. इसके बदले में माली उन्हें हर महीने लगभग 10 मिलियन डॉलर देता है.
वैगनर ग्रुप सूडान में साल 2017 से है. वह यहां की सोने की खदानों पर कब्जा कर रहा है. बदले में वो वहां की अस्थिर सरकार में एक को जिताने का वादा करता है.
2016 में लीबिया के गृहयुद्ध में इस ग्रुप की भूमिका रही है.
ये समूह साल 2014 में क्रीमिया और डोनबास में हुए संघर्ष में भी शामिल था.
अक्टूबर 2015 से लेकर 2018 तक वैगनर ग्रुप ने सीरिया में रूसी सेना और बशर-अल-असद की सरकार के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी. द वीक के मुताबिक तब वैगनर के 500 लड़ाकों ने चार घंटे की लड़ाई में ही अमेरिकी कमांडो को पीछे धकेल दिया था.
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