Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Shehbaz Sharif: बिजनेसमैन से सत्ता के शीर्ष तक, कौन हैं पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम?

Shehbaz Sharif: बिजनेसमैन से सत्ता के शीर्ष तक, कौन हैं पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम?

Shehbaz Sharif Pakistan New PM: प्रधानमंत्री के तौर पर शाहबाज शरीफ का पहला कार्यकाल केवल 16 महीने का था.

क्विंट हिंदी
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>Shehbaz Sharif: बिजनेसमैन से सत्ता के शीर्ष तक, कौन हैं पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम?</p></div>
i

Shehbaz Sharif: बिजनेसमैन से सत्ता के शीर्ष तक, कौन हैं पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम?

फोटो- IANS

advertisement

पाकिस्तान (Pakistan) की 336 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 201 वोट हासिल करने के बाद शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) रविवार, 3 मार्च को दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए हैं.

शहबाज शरीफ को पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार नामित किया गया था क्योंकि उनके भाई नवाज शरीफ ने 8 फरवरी के विवादास्पद आम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर दिया था.

प्रधानमंत्री पद के लिए शहबाज शरीफ के प्रतिद्वंद्वी उमर अयूब खान को नेशनल असेंबली में 92 वोट मिले. उमर अयूब खान को इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का समर्थन हासिल था.

शहबाज शरीफ 4 मार्च को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. प्रधानमंत्री के तौर पर शहबाज शरीफ का पहला कार्यकाल केवल 16 महीने का था. इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बाद प्रधानमंत्री की कुर्सी खाली होने के बाद शहबाज शरीफ जब पहली बार प्रधानमंत्री बने तो उनके बड़े भाई नवाज शरीफ देश में मौजूद नहीं थे.

कैसा रहा सियासी सफर?

शुरुआती दिनों में शहबाज शरीफ खानदानी बिजेनस करते थे. साल 1985 में शहबाज पहली बार लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष बने. इसके बाद वह धीरे-धीरे राजनीति में अपनी पहचान बनाने लगे.

साल 1988 में शहबाज शरीफ ने पहली दफा पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद 1990 और 1993 में नेशनल असेंबली का चुनाव जीता. साल 1997 में शहबाज शरीफ पंजाब के मुख्यमंत्री भी बने.

पाकिस्तान की राजनीति को जानने वाले जानकारों का मानना है कि शहबाज शरीफ के राजनीतिक ग्राफ की लाइनें उनके भाई नवाज शरीफ की खींची रेखा के ईर्द-गिर्द घूमती रही है.

अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार कमर आगा क्विंट हिंदी से बातचीत में शहबाज शरीफ के मुख्यमंत्री बनने के दौर को याद करते हुए कहते हैं,

"शहबाज शरीफ का परिवार तब्लीगी जमात और जमात-ए-इस्लामी से जुड़ा रहा है. इन लोगों ने हमेशा उनके मदरसों को फंड किया है. इन्हीं मदरसों से आंतकवाद निकला है. शहबाज शरीफ जब मुख्यमंत्री थे तब कट्टरपंथी संगठनों के साथ उनके काफी गहरे ताल्लुकात थे."
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अमेरिका और चीन के करीबी

शहबाज शरीफ को पाकिस्तान सेना का पसंदीदा माना जाता है. 3 बार पंजाब के मुख्यमंत्री का कार्यकाल संभालने के दौरान चीन के साथ उनकी करीबी भी देखी गई है. उन्होंने अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान चीनी सरकार के प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में व्यक्तिगत भागीदारी निभाई थी. चीनी अधिकारियों ने कई बार उन्हें इसके लिए वाहवाही भी की थी.

इसके अलावा उन्हें अमेरिका का नजदीकी भी माना जाता है. हाल ही में एक इंटरव्यू में शहबाज शरीफ ने कहा था कि पाकिस्तान की बेहतरी या बदतरी अमेरिका पर निर्भर करता है. पाकिस्तान की बागडोर संभालने के साथ ही शहबाज शरीफ के सामने बढ़ती महंगाई और विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट से निपटने की चुनौती होगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT