Pakistan New PM: शहबाज शरीफ दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुन लिए गए हैं. पीएम बनने के लिए शहबाज को 336 सदस्यीय सदन में बहुमत के आंकड़े, 169 वोटों की जरूरत थी. लेकिन उन्होंने 201 वोट पाकर आसानी से बहुमत हासिल कर लिया. जबकि उनके विरोधी उमर अयूब खान को 92 वोट मिले हैं.
आम चुनाव के नतीजे आने के लगभग 3 हफ्ते बाद रविवार, 3 मार्च को प्रधानमंत्री पद के चुनाव के लिए पाकिस्तान की नवनिर्वाचित नेशनल असेंबली बुलाई गयी थी.
पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ आठ-दलीय गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार थे. वो दूसरी बार प्रधान मंत्री बन रहे हैं. उनका मुकाबला पीटीआई-नामित उमर अयूब खान से था.
शहबाज शरीफ का पीएम बनना क्यों तय था?
पीएमएल-एन के अलावा, शहबाज को पीपीपी, एमक्यूएम-पी, पीएमएल-क्यू, बीएपी, पीएमएल-जेड, आईपीपी और एनपी का समर्थन प्राप्त है. इनके कुल मिलाकर 205 सदस्य (सांसद) हैं. एमक्यूएम-पी और पीपीपी से निर्वाचित दो सांसदों ने अभी तक शपथ नहीं ली है. सदन का नेता बनने यानी कि पीएम बनने के लिए शहबाज को 336 सदस्यीय सदन में बहुमत के आंकड़े, 169 वोटों की जरूरत थी. उनकी संख्या बल को देखते हुए उनका पीएम बनना तय माना जा रहा था.
कैसे चुना जाता है पीएम?
संसद में नए पीएम का चुनाव पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 91 के तहत कराया जाता है.
अनुच्छेद 91(3) कहता है: "स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव के बाद, नेशनल असेंबली किसी भी दूसरे काम को छोड़कर, बिना बहस के अपने मुस्लिम सदस्यों में से एक को प्रधान मंत्री के रूप में चुनने के लिए आगे बढ़ेगी."
"प्रधान मंत्री को नेशनल असेंबली की कुल सदस्यता के बहुमत के वोटों से चुना जाएगा. यदि कोई भी सदस्य पहले मतदान में ऐसा बहुमत हासिल नहीं करता है, तो दूसरा मतदान सबसे अधिक वोट पाने वाले 2 सदस्यों के बीच किया जाएगा. दूसरे मतदान में जो सदस्य उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत हासिल करता है, उसे प्रधान मंत्री के रूप में निर्वाचित घोषित किया जाएगा.”पाकिस्तान के संविधान का अनुच्छेद 91 (4)
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