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Shinzo Abe Funeral: विरोध के बीच राजकीय अंतिम संस्कार,मोदी समेत 700 गेस्ट्स जुटे

Shinzo Abe Funeral: शिंजो आबे की 8 जुलाई को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.

आशुतोष कुमार सिंह
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>Shinzo Abe Funeral: विरोध के बीच राजकीय अंतिम संस्कार,मोदी समेत 700 गेस्ट्स जुटे</p></div>
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Shinzo Abe Funeral: विरोध के बीच राजकीय अंतिम संस्कार,मोदी समेत 700 गेस्ट्स जुटे

(फोटो- Altered By Quint)

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Shinzo Abe Funeral: जापान (Japan) में सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) का मंगलवार, को राजकीय अंतिम संस्कार हुआ. टोक्यो के निप्पॉन बुडोकन कम्युनिटी सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) समेत दुनियाभर के 700 से ज्यादा नेता शामिल हुए.

8 जुलाई को गोली मारकर आबे की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद परिवार ने 15 जुलाई को उनका अंतिम संस्कार किया था. हालांकि, मंगलवार को राजकीय अंतिम संस्कार किया गया. 55 साल बाद जापान में हुए इस राजकीय अंतिम संस्कार का पुरजोर विरोध भी हो रहा है. निप्पॉन बुडोकन के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया.

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में पूर्व जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इससे पहले उन्होंने जापान के पीएम फुमियो किशिदा के साथ मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने शिंजो आबे के निधन पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में आज हम मिल रहे हैं. पिछली बार जब मैं आया तब शिंजो आबे से काफी लंबी बात हुई थी और कभी सोचा ही नहीं था कि जाने के बाद ऐसी खबर सुनने की नौबत आएगी.

Shinzo Abe के राजकीय अंतिम संस्कार का विरोध क्यों हो रहा?

जापान के कुछ मीडिया सर्वे से पता चलता है कि वहां की 60 प्रतिशत से अधिक जनता इस राजकीय अंतिम संस्कार का विरोध कर रही है. जहां टोक्यो में 10 हजार से अधिक लोगों ने रैली निकालकर अंतिम संस्कार का विरोध किया है. वहीं 70 साल के एक बुजुर्ग ने आत्मदाह की भी कोशिश की. एक नोट में उसने लिखा था कि एक वह अंतिम संस्कार का कड़ा विरोध करता है. तो सवाल है कि देश में सबसे लंबे समय तक पीएम रहने वाले नेता के राजकीय अंतिम संस्कार का विरोध क्यों हो रहा है? यह रहें कुछ कारण

ब्रिटेन की महारानी से ज्यादा महंगा शिंजो आबे का फ्यूनरल

जापान के एक अखबार ने हेडलाइन लगाई कि "आबे के अंतिम संस्कार का खर्च रानी के अंतिम संस्कार से अधिक कैसे हो सकता है?". यह सही है कि महारानी एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार पर खर्च की गई राशि का आधिकारिक तौर पर अभी खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार महारानी के अंतिम संस्कार पर करीब £8 मिलियन या 1.3 बिलियन येन का खर्चा आया था. दूसरी तरफ आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार शिंजो आबे के अंतिम संस्कार की अनुमानित लागत 1.7 बिलियन येन (£11 मिलियन) है.

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ध्यान रहे कि वास्तविक लागत इससे अधिक हो सकती है. जापान की जनता टोक्यो ओलंपिक का उदाहरण दे रही है, जिसकी लागत 13 बिलियन डॉलर थी और अनुमान से लगभग दोगुना खर्चा हुआ था.

याद रहे कि यह कोई सामान्य आयोजन नहीं है. जापान में राजकीय अंतिम संस्कार केवल शाही परिवार के सदस्यों के लिए होता था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ट्रेंड बदला. इससे पहले जापान में केवल एक बार किसी राजनेता को यह सम्मान दिया गया है. 55 साल पहले शिगेरू योशिदा का राजकीय अंतिम संस्कार किया गया था, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के तुरंत बाद जापान का नेतृत्व किया. शिंजो आबे का अंतिम संस्कार कितना महंगा है, यह दिखाने के लिए कुछ स्थानीय मीडिया आउटलेट्स ने बताया है कि 1967 में योशिदा के अंतिम संस्कार की लागत- 18 मिलियन येन थी, जो आज 70 मिलियन येन के बराबर है. इसके उलट शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में 1.7 बिलियन येन का खर्चा आ रहा.

लोगों की नाराजगी का यह भी कारण है कि मौजूदा पीएम फुमियो किशिदा वहां के लोगों को रास नहीं आ रहे हैं. फुमियो किशिदा की अप्रूवल रेटिंग उनके पीएम बनने के बाद के सबसे निचले स्तर पर है. लोगों का कहना है कि राजकीय अंतिम संस्कार टैक्स पेयर्स के दिए पैसे की बर्बादी है और किशिदा और उनके मंत्रिमंडल ने देश पर इसे बिना सलाह मशवरा के थोपा है.

शिंजो आबे के अंतिम संस्कार का विरोध कर रहा एक तबका इसकी सहायता से खुद उनके 8 साल के पीएम कार्यकाल का भी विरोध कर रहा है. जहां शिंजो आबे को वैश्विक मंच पर पसंद किया गया, अपने देश में एक बड़ा तबका उनकी दक्षिणपंथी नीतियों का विरोध करता था.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार शिगा यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर अजुमी तमुरा ने कहा कि शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार के आलोचकों का मानना ​​​था है कि यह आयोजन एक ऐसे राजनेता की तारीफ होगी जिनका नाम कई विवादास्पद निर्णयों और घोटालों में शामिल था.

राजकीय अंतिम संस्कार का विरोध शिंजो आबे और उनके नेतृत्व वाली पार्टी- लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और यूनिफिकेशन चर्च के बीच के संबंधों से भी जुड़ा हुआ है. पार्टी द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे में पाया गया कि इसके 379 सांसदों में से लगभग आधे का यूनिफिकेशन चर्च के साथ किसी न किसी रूप में संबंध है.

जिस आरोपी ने शिंजो आबे को गोली मारी है उसने पुलिस को बताया है कि शिंजो आबे को यूनिफिकेशन चर्च से उनके संबंधों के कारण निशाना बनाया था. आरोपी का कहना है उसका परिवार 20 साल पहले गरीब हो गया क्योंकि उसकी मां ने यूनिफिकेशन चर्च को एक बड़ी रकम दान की थी.

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