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NATO के सेक्रेटरी जनरल, जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने व्यक्तिगत रूप से ब्रसेल्स में स्थित इस 30-सदस्यों वाले रक्षात्मक सैन्य गठबंधन के मुख्यालय में स्वीडन और फिनलैंड की सदस्यता के आवेदन को स्वीकार किया.
NATO में स्वीडन के राजदूत Axel Wernhoff और फिनलैंड के राजदूत Klaus Korhonen ने बुधवार, 18 मई को आवेदन पत्र सौंपे, जिन पर उनके संबंधित विदेश मंत्रियों ने साइन किए थे.
स्वीडन और फिनलैंड को NATO में शामिल होने के लिए गठबंधन के सभी सदस्य देशों के हां की आवश्यकता होगी. हालांकि तुर्की ने पहले ही कह दिया है कि वह समर्थन नहीं करेगा.
फिनलैंड के राष्ट्रपति Sauli Niinistö और स्वीडन की प्रधानमंत्री Magdalena Andersson गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करने के लिए वाशिंगटन जा रही हैं. यहां दोनों देशों के NATO में शामिल होने केआवेदन और यूरोपीय सुरक्षा पर व्यापक रूप से बातचीत होगी.
मालूम हो कि NATO में किसी देश को शामिल करने में आमतौर पर आठ से 12 महीने के बीच का वक्त लगता है, लेकिन इस सैन्य गठबंधन ने कहा है कि वह रूस से नॉर्डिक देशों के ऊपर खतरे को देखते हुए इस प्रक्रिया को जल्दी से आगे बढ़ना चाहता है.
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