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मुस्लिम बाहुल्य देश तुर्की (Turkey) के राष्ट्रपति रजब तय्यब एर्दोगान (Recep Tayyip Erdogan) ने NATO (North Atlantic Treaty Organization) ग्रुप में शामिल होने की कोशिश कर रहे यूरोपीय देश स्वीडन (Sweden) के लिए हरी झंडी दिखा दी है. यानी अब स्वीडन के NATO में शामिल होने पर तुर्की को कोई परेशानी नहीं है. दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति NATO मेम्बरशिप नहीं मिलने से नाराज हैं और मुखर तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.
आइए जानते हैं कि NATO सेक्रेट्री जनरल ने इस पर क्या कहा है? तुर्की के फैसले पर स्वीडन के PM ने क्या कहा? तुर्की अब तक क्यों आपत्ति जता रहा था? स्वीडन के NATO में शामिल होने पर तुर्की के लिए क्या मायने?
लिथुआनिया (Lithuania) की राजधानी विनियस (Vilnius) में हुए शिखर सम्मेलन के दौरान हुई त्रिपक्षीय बैठक के बाद NATO के सेक्रेट्री जनरल जेन्स स्टोलटेनबर्ग (Jens Stoltenberg) ने कहा कि तुर्की नेता स्वीडन की दावेदारी को अंकारा में संसद में आगे बढ़ाएंगे और समर्थन सुनिश्चित करेंगे.
जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने लिथुआनिया की राजधानी विनियस में तुर्की और स्वीडिश नेताओं के बीच वार्ता के बाद सोमवार देर रात समझौते का ऐलान किया.
जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने तुर्की के इस कदम को ऐतिहासिक बताया है लेकिन इस बात पर जोर दिया कि स्वीडन सैन्य गठबंधन में कब शामिल होगा, इसकी तारीख नहीं दी जा सकती क्योंकि यह तुर्की संसद पर निर्भर है.
रिपोर्ट के मुताबिक स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं, यह स्वीडन के लिए एक अच्छा दिन है. समिट में भाग लेने की मुझे खुशी है. स्वीडन ने पूर्ण नाटो-सदस्यता की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है.
स्वीडन के प्रधानमंत्री ने STV से एक बयान में कहा कि हमने उनकी बहुत वैध मांग को गंभीरता से लिया है कि गठबंधन में शामिल होने वाले प्रत्येक देश को अतिरिक्त सुरक्षा में योगदान देना चाहिए.
नाटो के 31 सदस्यों में से एक के रूप में, तुर्की के पास समूह में शामिल होने वाले किसी भी नए देश पर वीटो का अधिकार है. NATO में तब तक कोई भी देश शामिल नहीं हो सकता है, जब तक समूह का कोई भी सदस्य देश इस पर आपत्ति जताता है.
तुर्की ने स्वीडन पर कुर्द उग्रवादियों को शरण देने का आरोप लगाते हुए, उसके NATO में शामिल होने के आवेदन पर आपत्ति जताई थी.
यहां तक कि सोमवार देर रात तक तुर्की स्वीडन के आवेदन को रोक रहा था.
तुर्की ने तर्क दिया कि स्वीडन कुर्द आतंकवादियों को शरण दे रहा है. कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) जैसे विद्रोही समूहों पर नकेल कसने के लिए और ज्यादा कोशिश करने की जरूरत है, जिसे वह एक आतंकवादी संगठन मानता है. यूरोपीय संघ और अमेरिका ने भी PKK को एक आतंकवादी समूह के रूप में नामित किया है.
माना जा रहा है कि यह तुर्की के लिए भी ऐतिहासिक है. देश की सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करने के साथ-साथ स्वीडन ने यूरोपीय संघ में शामिल होने के तुर्की के प्रयासों का सक्रिय रूप से समर्थन करने और आर्थिक सहयोग बढ़ाने का वादा किया है.
बता दें कि स्वीडन ने जून में सख्त आतंकवाद विरोधी कानून पेश किया, जिससे आतंकवादी समूहों को वित्तीय या साजो-सामान सहायता देना अवैध हो गया.
पिछले हफ्ते उस कानून को पहली बार अमल में लाया गया, जब एक स्वीडिश कोर्ट ने आतंकवाद को वित्तपोषित करने की कोशिश सहित अपराधों के लिए एक कुर्द व्यक्ति को जेल में डाल दिया.
NATO दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने के तुरंत बाद बनाया गया 30-देशों का रक्षात्मक सैन्य गठबंधन है. इसका हेडक्वार्टर वैसे Brussels में है लेकिन इस पर अमेरिका समेत परमाणु संपन्न अन्य पश्चिमी देशों का दबदबा है.
दूसरी तरफ राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, NATO को रक्षात्मक गठबंधन के रूप में नहीं देखते हैं, वह इसे रूस की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं. 1991 में सोवियत यूनियन के टूटने के बाद NATO का रूस के पड़ोस में तेजी से विस्तार हुआ और इसे रूस ने हमेशा शक की निगाह से देखा.
अब इसी विस्तार में स्वीडन शामिल होना चाहता है. मई 2023 में पोलस्टर नोवस (Pollster Novus) के एक सर्वे के मुताबिक स्वीडन के सिर्फ 38% लोग या तो स्वीडन के नाटो में शामिल होने के खिलाफ या अनिश्चित हैं. इसका मतलब देश की 50 फीसदी से ज्यादा जनसंख्या NATO में शामिल होने के समर्थन में है.
हाल के वर्षों में स्वीडन ने रूस की तरफ से खतरा महसूस किया है. कई बार रूस के सैन्य विमान, स्वीडन की संप्रभुता का उल्लंघन कर उसके एयरस्पेस में घुस चुके हैं.
विनियस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को पहुंचे जेलेंस्की ने बातचीत के तरीके पर निराशा व्यक्त की.
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि
कीव आपसी सुरक्षा गारंटी से बंधे पश्चिमी गठबंधन में तेजी से शामिल होने पर जोर दे रहा है लेकिन नाटो के 31 सदस्यों के बीच विभाजन का मतलब है कि यूक्रेन को इसमें शामिल होने के लिए कोई तय तारीख या सीधा बुलावा नहीं आएगा.
NATO महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि
स्टोल्टेनबर्ग ने वार्ता में पहुंचने पर कहा कि मुझे उम्मीद है कि सहयोगी दल यूक्रेन की सदस्यता की राह पर एक स्पष्ट, एकजुट और सकारात्मक संदेश देंगे.
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि यूक्रेन अभी NATO की सदस्यता के लिए तैयार नहीं है और संगठन द्वारा कीव को अपने रैंक में शामिल करने पर विचार करने से पहले यूक्रेन में रूस के युद्ध को खत्म करने की जरूरत है.
जो बाइडेन ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि NATO में इस बात पर एकमत है कि युद्ध के दौरान यूक्रेन को परिवार में लाया जाए या नहीं.
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