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अफगानिस्तान (Afghanistan) में लोकतंत्र की संभावना से तालिबान (Taliban) ने साफ इनकार कर दिया है. तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि देश पर एक काउंसिल शासन चला सकती है, जिसमें संगठन के सुप्रीम लीडर हैबातुल्लाह अखुंदजादा (Haibatullah Akhundzada) के हाथों में अफगानिस्तान की कमान रह सकती है.
तालिबान के फैसलों तक पहुंच रखने वाले वहीदुल्लाह हाशिमी ने रॉयटर्स से कहा कि संगठन अफगान सैन्य बलों के पूर्व पायलट और सैनिकों को भी संपर्क करेगा, ताकि वो तालिबान में शामिल हो सकें.
वहीदुल्लाह हाशिमी ने कहा, "अखुंदजादा काउंसिल प्रमुख से बड़ी भूमिका में रहना चाहेंगे. काउंसिल प्रमुख देश के राष्ट्रपति जैसा होगा और अखुंदजादा का डिप्टी इस भूमिका में रह सकता है."
अफगानिस्तान को कैसे चलाना है, ये तालिबान ने अभी तय नहीं किया है. संगठन के बड़े नेता पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजाई और रिकांसिलिएशन काउंसिल के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला से सरकार गठन पर बातचीत कर रहे हैं.
हालांकि, वहीदुल्लाह हाशिमी ने साफ कह दिया है कि 'अफगानिस्तान लोकतंत्र नहीं होगा.' हाशिमी ने रॉयटर्स से कहा, "लोकतांत्रिक व्यवस्था बिलकुल नहीं होगी क्योंकि इसका हमारे देश में कोई आधार नहीं है."
हाशिमी ने कहा कि वो इस हफ्ते शासन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए तालिबान नेतृत्व की बैठक में शामिल होंगे.
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