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संयुक्त राष्ट्र (UN) की रिपोर्ट में चीन (China) के शिनजियांग (Xinjiang) प्रांत में उइगर मुसलमानों (Uyghur Muslim) पर अत्याचार को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में UN ने चीन पर 'मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन' का आरोप लगाया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में उइगर मुस्लिमों और दूसरे एथनिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है. हालांकि, चीन इससे इनकार करता रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उइगर पर अत्याचार 'मानवता के खिलाफ अपराध' की तरह हैं.
UN मानवाधिकार आयुक्त मिशेल बाचेलेट (Michelle Bachelet) के कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले जेनेवा में इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है. जिसमें चीन की सच्चाई दुनिया के सामने आई है. यूएन ह्यूमन राइट्स कमिश्नर मिशेल बाचेलेट ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि इसे लोगों के सामने लाना बेहद जरूरी है.
संयुक्त राष्ट्र ने चीन से अवैध और मनमाने तरीके से कैद किए गए सभी लोगों को तत्काल रिहा करने की अपील की है. यूएन रिपोर्ट में यहां तक इशारा किया गया है कि चीन की कुछ कार्रवाइयां तो 'मानवता के खिलाफ अपराध समेत अंतरराष्ट्रीय अपराधों' की श्रेणी में आती है.
चीन ने 121 पन्नों की रिपोर्ट के साथ UN के आरोपों का जवाब दिया, जिसमें चरमपंथियों द्वारा उत्पन्न "आतंकवाद" के खतरे से निपटने की आवश्यकता पर बल दिया गया है. चीन यह भी तर्क दिया कि "डी-रेडिकलाइजेशन" और "व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्रों" जैस कार्यक्रम से शिनजियांग में स्थिरता आई है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक उइगर मानवाधिकार परियोजना के कार्यकारी निदेशक ओमर कनाट ने कहा कि "संयुक्त राष्ट्र ने अब आधिकारिक तौर पर माना है कि भयानक अपराध हो रहे हैं."
चीन के शिनजियांग प्रांत में करीब 12 लाख उइगर मुसलमान रहते हैं. इन सभी लोगों को शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (XUAR) में रखा गया है. चीन पर लाखों लोगों को यातना शिविरों में कैद करने, उइगर महिलाओं की जबरन नसबंदी, बच्चों को उनके परिवारों से अलग करने और समुदाय की सांस्कृतिक परंपराओं को मिटाने की कोशिश करने का आरोप लगा है.
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