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चीन (China) और ताइवान (Taiwan) के बीच पिछले कई हफ्तों से जारी अत्यधिक तनाव के बीच चीनी राष्ट्रपति का महत्वपूर्ण बयान आया है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने 9 अक्टूबर को शांतिपूर्ण तरीकों से ताइवान को चीन में मिलाने का वादा किया.
इसके तुरंत बाद ताइवान ने बीजिंग को जवाब देते हुए अपनी "जबरदस्ती" छोड़ने को कहा और फिर से स्पष्ट किया कि केवल ताइवान के लोग ही अपना भविष्य तय कर सकते हैं.
बीजिंग के ‘ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल’ में भाषण देते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि चीनी लोगों में अलगाववाद का विरोध करने की "शानदार परंपरा" है. शी जिनपिंग चीन में वर्ष 1911 में हुए शिन्हाई क्रांति की 110वीं वर्षगांठ पर बोल रहे थे.
Xinhua न्यूज एजेंसी के अनुसार उन्होंने कहा कि,
शी जिनपिंग ने आगे कहा कि “शांतिपूर्ण पुनःएकीकरण ताइवान के लोगों के सभी हितों को पूरा करता है, लेकिन चीन अपनी संप्रभुता और एकता की रक्षा करेगा. किसी को भी चीनी लोगों के दृढ़ संकल्प, दृढ़ इच्छाशक्ति और राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने की मजबूत क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए”.
चीन के हैकर्स ने ताइवान और हांगकांग में राजनीतिक मुद्दों और विश्वविद्यालयों को निशाना बनाया है. यह जानकारी माइक्रोसॉफ्ट ने अपने “2021 डिजिटल डिफेंस रिपोर्ट” में दी है. यह रिपोर्ट जुलाई 2020 और जून 2021 के बीच की अवधि को कवर करती है.
अक्टूबर 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, "क्रोमियम" साइबर हैकर ग्रुप ने भारत, मलेशिया, मंगोलिया, पाकिस्तान और थाईलैंड जैसे चीन के पड़ोसी देशों के अलावा "हांगकांग और ताइवान के संवेदनशील सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों" को टारगेट किया है.
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