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वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब (Youtube) ने अपने यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम (YPP) के तहत मॉनेटाइजेशन पॉलिसी (Monetization Policy) में बदलाव कर दिया है. ये बदलाव छोटे कंटेंट क्रिएटर्स (Content Creators) को फायदा पहुंचाएगा.
नई मॉनेटाइजेशन पॉलिसी के तहत अब कंटेंट क्रिएटर्स अपने यूट्यूब चैनल को 500 सब्सक्राइबर (500 Subscriber) और 3 हजार घंटे वॉच टाइम (3 hrs Watch Time) पूरे होने पर भी मॉनेटाइज करा सकेंगे.
लेकिन ये पूरी खबर नहीं है, इसमें कई ट्विस्ट यानी टर्म एंड कंडिशनंस हैं.
यूट्यूब ने बताया कि छोटे कंटेंट क्रिएटर्स को सपोर्ट करने के लिए और अपने व्यूअर के साथ अच्छा संपर्क बनाने के लिए मॉनेटाइजेशन के एक्सेस के लिए ज्यादा मांग नहीं करेंगे. मतलब?
वॉचटाइम मतलब, एक आपके वीडियो को व्यूअर्स 3 हजार घंटों तक देख लें वो भी सालभर में.
मॉनेटाइजेशन में बदलाव का फायदा उठाने के लिए यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम के लिए ऑनलाइन अप्लाय करना होगा.
500 सब्सक्राइबर का क्राइटेरिया पूरा करने पर मॉनेटाइजेशन एक्सेस के कुछ फायदे मिलने लगेंगे. दरअसल 500 सब्सक्राइबर होने पर आपके वीडियो पर विज्ञापन नहीं आएंगे ना ही उससे कमाई होगी. फिर क्या फायदा है?
वीडियो पर विज्ञापन से पैसा कमाने के लिए नियम नहीं बदला. क्राइटेरिया वही है - आपको अपने चैनल पर 1000 सब्सक्राइबर्स लाने होंगे और या तो पिछले एक साल में अपके किसी लॉन्ग वीडियो पर 4000 घंटे का वॉचटाइम चाहिए होगा या फिर पिछले 90 दिनों में आपके शॉर्ट्स वीडियोज पर 1 कोरोड़ व्यूज चाहिए.
वहीं आपके 1000 सब्सक्राइबर्स होने के बाद आपको फिर से आवेदन नहीं करना होगा, अपने आप ही आपके चैनल पर विज्ञानपन आने लगेंगे और पैसा भी मिलेगा.
यूट्यूब ने बताया है कि फिलहाल ये बदलाव बीटा वर्जन पर चलेगा यानी इसको टेस्ट करने के लिए केवल कुछ ही देशों में शुरू किया जाएगा.
भारत में ये बदलाव कब से लागू होगा इसके बारे में यूट्यूब ने कोई जानकारी नहीं दी है. लेकिन जाहिर तौर पर भारत में क्रिएटर्स की संख्या बहुत ज्यादा है, इसलिए माना जा रहा है कि इस बदलाव को भारत में जल्द लागू किया जाएगा.
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