Home Photos Chandrayaan-3 की सफल लॉन्चिंग, 24 अगस्त तक चांद पर पहुंचने की उम्मीद | Photos
Chandrayaan-3 की सफल लॉन्चिंग, 24 अगस्त तक चांद पर पहुंचने की उम्मीद | Photos
Chandrayan-3 लगभग 3.84 लाख किलोमीटर का सफर करने के बाद चंद्रयान-3 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा.
क्विंट हिंदी
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Chandrayaan-3 की सफल लॉन्चिंग
(फोटो- पीटीआई)
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भारत का चंद्रयान-3 (Chandrayan 3) मिशन चांद पर जाने के लिए लॉन्च हो चुका है. चंद्रयान-3 ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया. उम्मीद है कि लगभग 3.84 लाख किलोमीटर का सफर करने के बाद चंद्रयान-3 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा. चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलो ऑन मिशन है, यानी चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 के बाद का अभियान है, जो चंद्र सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने की संपूर्ण क्षमता प्रदर्शित करेगा. तस्वीरों में देखिए चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग.
भारत का चंद्रयान-3 (Chandrayan 3) मिशन चांद पर जाने के लिए लॉन्च हो चुका है. चंद्रयान-3 ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया.
(फोटो- पीटीआई)
चंद्रयान-3 की सफलता भारत को उन देशों की लिस्ट में शामिल कर देगा, जो चंद्रमा पर सफल लैंडिंग कर चुके हैं. अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसा कर पाये हैं.
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श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में 'चंद्रयान-3' ले जाने वाले इसरो के प्रक्षेपण यान मार्क-III (एलवीएम3) एम4 रॉकेट की लॉन्चिंग को देखने के लिए लोग एकत्र हुए.
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चंद्रयान मिशन-3 का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा की धरती पर सुरक्षित उतारना है. उसके बाद रोवर एक्सपेरिमेंट करने के लिए बाहर निकलेगा. लैंडर से बाहर निकलने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल द्वारा ले जाए गए पेलोड का जीवन तीन से छह महीने के बीच है.
(फोटो- पीटीआई)
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चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलो ऑन मिशन है, यानी चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 के बाद का अभियान है, जो चंद्र सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने की संपूर्ण क्षमता प्रदर्शित करेगा. चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह से जुड़ी तमाम वैज्ञानिक जानकारी जुटाएगा. इसमें लैंडर और रोवर कॉन्फिगरेशन शामिल है. प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन को 100 किमी चंद्र कक्षा तक ले जाएगा.
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जानकारी के अनुसार, चंद्रयान-3 को तीन भागों में मिलाकर बनाया गया है. ये तीनों हिस्से हैं-लैंडर मॉड्यूल (LM), प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM) और एक रोवर है.
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चंद्रयान 3 का पहला हिस्सा प्रोपल्शन मॉड्यूल का है, जो लैंडर को चंद्रमा की कक्षा तक लेकर जाएगा. दूसरा हिस्सा लैंडर मॉड्यूल का है, जिसके अंदर रोवर रखा रहेगा. लैंडर मॉड्यूल की बनावट चौकोर है और इसके चारो कोनों में एक-एक पैर जैसी आकृति लगी है.
(फोटो- पीटीआई)
ISRO के मुताबिक चंद्रमा मिशन को तीन चरणों में विभाजित किया गया है. पहले चरण के दौरान भारत का भारी लिफ्ट रॉकेट 43.5 मीटर ऊंचा और 642 टन एलवीएम3 वजनी, चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को ले जाएगा. रॉकेट के पास लगातार छह सफल मिशनों का रिकॉर्ड है.