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Claustrophobia Triggers: क्या आपको भी बंद जगहों में जाने पर बेचैनी महसूस होती है? छोटी जगहों से डर लगता है? लिफ्ट, टनल (tunnel) या किसी भी बंद कमरे में रहना मुश्किल हो जाता है? और जब घबराहट बहुत बढ़ जाती है तो पैनिक अटैक आने लगते हैं? अगर आपका जवाब हां है तो जान लें कि आप अकेले नहीं हैं, इस समस्या से कई लोग हर दिन जूझते हैं. इसे क्लॉस्ट्रोफोबिया कहते हैं.
क्लॉस्ट्रोफोबिया एक तरह का डर और एंग्जाइटी डिसऑर्डर है, जो किसी भी इंसान को हो सकता है. इस समस्या से पीड़ित इंसान को बंद या छोटी जगह पर जाने से घुटन महसूस होती है. कुछ लोगों पर ये डर इतना ज्यादा हावी होता है कि उन्हें हर तंग जगह से डर लगता है. उन्हें ऐसा महसूस होता है कि इस जगह पर उनकी सांसें चलनी बंद हो जाएगी.
अगर इस डर की वजह से आपको बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है. जैसे कि आप बाहर नहीं जा पा रहे हैं, जगहों को अवॉइड कर रहे हों तो जरूरी है कि आप इसका इलाज किसी मनोवैज्ञानिक के पास जा कर कराएं. याद रखें, क्लॉस्ट्रोफोबिया (Claustrophobia) का कोई बना बनाया नियम नहीं है. हर व्यक्ति के लिए यह अलग अनुभव होता है. लक्षण, कारण, ट्रिगर और इलाज सभी के लिए अलग होते हैं.
इस पूरे मामले पर फिट हिंदी ने गुरुग्राम, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट में डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोलॉजी के प्रिंसिपल डायरेक्टर एंड हेड, डॉ. प्रवीण गुप्ता से बात की. जानिए क्लॉस्ट्रोफोबिया के ट्रिगर्स क्या-क्या होते हैं.
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