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International Yoga Day: प्रेगनेंसी में योग करने के हैं कई लाभ, एक्सपर्ट की राय

Yoga Day 2023: योग मां और विकसित हो रहे भ्रूण दोनों के हेल्थ पर पॉजिटिव असर डालता है.

अश्लेषा ठाकुर
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<div class="paragraphs"><p>International Yoga Day 2023: प्रेग्नेंट महिलाएं शारीरिक और मानसिक फिटनेस बनाए रखने के लिए योग अपनाएं</p></div>
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International Yoga Day 2023: प्रेग्नेंट महिलाएं शारीरिक और मानसिक फिटनेस बनाए रखने के लिए योग अपनाएं

(फोटो:फिट हिंदी/iStock)

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International Yoga Day 2023: आधुनिक समाज अब प्रसव पूर्व योग के लाभों को बखूबी पहचाने लगा है. योग मां और विकसित हो रहे भ्रूण दोनों के स्वास्थ्य पर पॉजिटिव असर डालता है. यह आवश्यक शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करता है. प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपने शरीर और दिमाग को हेल्दी रखना सबसे ज्यादा जरुरी है.

गर्भावस्था में योग करने से होने वाले फायदों के बारे में फिट हिंदी को बताया पुणे के क्लाउड नाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स में ओबीजी एंड गायनॉकोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट- डॉ. मधु जुनेजा ने.

प्रेगनेंसी में योग के नियमित अभ्यास से मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है और पीठ दर्द, मतली या सांस लेने में तकलीफ कम होती है. वास्तव में गर्भावस्था के दौरान पेल्विक एरिया में लिगामेंट परिवर्तन को एक्सरसाइज या योग से ही ठीक किया जा सकता है.

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योग से बेहतर नींद आती है: प्रेगनेंसी यानी गर्भावस्था में अनिद्रा या नींद की परेशानियों में सुधार के लिए योग एक अच्छा विकल्प है. योग से विश्राम करने और सचेत रहने की तकनीकें सीखी जा सकती है.

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स्ट्रेस कम करता है और खुशी को बढ़ाता है: गर्भावस्था में हार्मोन के परिवर्तन के कारण तनाव होता है, जो इमोशनल रूप से टूटने का कारण बन सकता है. योग सांस के नियंत्रण और ध्यान पर जोर देता है. योग का अभ्यास करने वाली महिलाओं में गर्भावस्था का उन पर पॉजिटिव असर होते देखा गया है.

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शारीरिक लचीलापन बढ़ता है: प्रेगनेंसी के दौरान योग सहनशक्ति में सुधार कर सकता है. यह प्रेगनेंसी में शारीरिक परिवर्तनों का सामना करने में मदद कर सकता है और बच्चे के जन्म के दौरान मांसपेशियों में जरूरी लचीलापन लाकर शरीर को प्रसव के लिए तैयार कर सकता है.

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सामान्य प्रसव को बढ़ावा देता और इसके लिए मां को तैयार करता है: बच्चे के जन्म के दौरान 'ध्यान' एक महत्वपूर्ण पहलू है. प्रसव के दौरान शारीरिक सहनशक्ति के साथ-साथ मानसिक सहनशक्ति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. चौथे महीने से इसका अभ्यास करने से महिलाएं प्रसव के लिए अच्छी तरह तैयार हो जाती हैं.

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भ्रूण के हेल्थ को बेहतर बनाता: सही ढंग से सांस लेने से ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है. यह बच्चे के विकास में मदद करता है. गर्भ में ही भ्रूण का स्वास्थ्य शुरू हो जाता है. बेहतर पोषण और एक्सरसाइज दोनों ही भ्रूण के विकास में समान रूप से भूमिका निभाते हैं.

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प्रसव के बाद हेल्थ में सुधार लाता: योग पूरे शरीर और माइंड के फिटनेस को बढ़ावा देता है और साथ ही शरीर के लचीलेपन को बढ़ाता है. यह बच्चे के जन्म के बाद स्वास्थ्य के सुधार की गति को तेज करता है और नई मांताओं को उनके शरीर को पहले की तरह हेल्दी, आकर्षक और सुडौल बनाने में मदद करता है.

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