"मुझे याद नहीं है कि कैसे और कब मैं उनसे इतना जुड़ गई. लेकिन मुझे पता है कि मैं उनके बिना नहीं रह सकती. वे मेरे बच्चों की तरह हैं ..." यह बात 80 साल की प्रतिमा ने 4 दिसंबर को द क्विंट से कहा जो दिल्ली के साकेत में सैकड़ों कुत्तों के बीच बैठी थीं. '
बता दें कि 2 जनवरी को दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान में प्रतिमा की झुग्गी-झोंपड़ी और कुत्तों के लिए बनाए आश्रय गृह को तोड़ दिया. जिससे कुत्ते बेघर हो गए.
हालांकि प्रतिमा ने अतिक्रमण अभियान के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत ने एमसीडी के इस अभियान पर जल्द कार्रवाई करने का आदेश दिया और फिलहाल तिरपाल फैलाने की अनुमति दी है. वहीं कुत्तों को खिलाने वाले और शुभचिंतक तिरपाल से अस्थायी शेड बनाने में प्रतिमा को मदद कर रहे हैं.
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