Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Photos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019उत्तरकाशी में रेस्क्यू का 7वां दिन: परिजनों का हंगामा, मंगाई गई दूसरी ड्रिलिंग मशीन|Photos

उत्तरकाशी में रेस्क्यू का 7वां दिन: परिजनों का हंगामा, मंगाई गई दूसरी ड्रिलिंग मशीन|Photos

Uttarkashi Tunnel Collapse: तस्वीरों में देखिए सातवें दिन कहां तक पहुंचा सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को बहार निकालने का काम.

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<div class="paragraphs"><p>उत्तरकाशी टनल हादसा: रेस्क्यू का 7वां दिन</p></div>
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उत्तरकाशी टनल हादसा: रेस्क्यू का 7वां दिन

(फोटो: PTI)

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उत्तराखंड की एक सुरंग (Uttarkashi Tunnel Collapse) में दर्जनों मजदूर करीब 150 घंटे से फंसे हुए हैं और ड्रिलिंग मशीन में खराबी के कारण बचाव कार्य रुका हुआ है. अधिकारियों ने मशीन से अचानक "जोरदार आवाज" सुनी, जिसके बाद कल शाम ड्रिलिंग रोक दी गई. दुर्घटनास्थल पर दूसरा भारी ड्रिल लाया गया है और ऑपरेशन जल्द ही फिर से शुरू होगा. तस्वीरों में देखिए सातवें दिन कहां तक पहुंचा सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को बहार निकालने का काम.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ध्वस्त हाइवे टनल में लगभग एक हफ्ते से फंसे श्रमिकों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे बचावकर्मी अस्थायी झटके के बाद परिचालन फिर से शुरू करने के लिए 18 नवंबर को प्राथमिक खुदाई मशीन को बदलने का काम कर रहे हैं.नई ड्रिलिंग मशीन साइट पर पहुंच चुकी है.

(फोटो- पीटीआई)

फंसे हुए श्रमिकों के परिवार दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और उम्मीद खो रहे हैं. एक मजदूर के भाई ने कहा कि मजदूरों की तबीयत खराब होने से पहले उन्हें जल्दी से बचाया जाना चाहिए. मजदूर के परिवार वालों ने कुछ देर तक साइट पर हंगामा भी किया. 

(फोटो- वीडियो/स्क्रीनग्रैब)

डॉक्टरों ने फंसे हुए मजदूरों के लिए व्यापक पुनर्वास की आवश्यकता पर भी जोर दिया है, उन्हें डर है कि लंबे समय तक कारावास में मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की रिकवरी प्रक्रियाओं की जरुरत हो सकती है.

(फोटो- पीटीआई)

बदली गई उच्च-प्रदर्शन वाली ड्रिलिंग मशीन को मध्य प्रदेश के इंदौर से हवाई मार्ग द्वारा ले जाया गया था. राज्य संचालित राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एनएचआईडीसी) के निदेशक अंशू मलिक हल्को ने रॉयटर्स के हवाले से कहा, “हम पहले अंदर से खराब मशीन को बाहर लाएंगे और फिर नई मशीन लगाएंगे. इसमें समय लगेगा और मैं समयसीमा पर टिप्पणी नहीं कर सकता. यह एक नाजुक और जोखिम भरा ऑपरेशन है.”

(फोटो- पीटीआई)

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उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच एक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद बचाव अभियान के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर से एयरलिफ्ट की गई उच्च प्रदर्शन वाली ड्रिलिंग मशीन की तस्वीर.

(फोटो- पीटीआई)

चार धाम ड्रीम प्रोजेक्ट के विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) भास्कर खुल्बे ने कहा कि समानांतर सुरंग के निर्माण के लिए चार संभावित स्थानों की पहचान की जा रही है. इस बीच उनकी टीम भी कुछ आक्रोशित लोगों के पास पहुंची और उन्हें समझाने की कोशिश की.

(फोटो- पीटीआई)

12 नवंबर की सुबह करीब साढ़े पांच बजे उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा और डंडालगांव को जोड़ने वाली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग ढह गई थी. अधिकारियों का कहना है कि लोग सुरक्षित हैं - वॉकी-टॉकी के जरिए बात की गई है और उन्हें पानी की सप्लाई करने वाले पाइप के जरिए से भोजन और ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है.

(फोटो- पीटीआई)

हरिद्वार शर्मा, जिनका छोटा भाई सुशील भी सुरंग के अंदर मौजूद लोगों में से एक है. उन्होंने कहा कि अंधेरी सुरंग के अंदर घंटे गिन रहे लोगों की स्वास्थ्य स्थिति खराब हो रही है और घर पर उनका परिवार लगातार भयभीत हो रहा है. बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले हरिद्वार शर्मा ने पीटीआई को बताया, ''हमें अधिकारियों से केवल आश्वासन मिल रहा है कि फंसे हुए मजदूरों को बचा लिया जाएगा. लगभग एक सप्ताह हो गया है.''

(फोटो- पीटीआई)

बचाव प्रयास जारी रहने के बीच अधिकारियों ने शुक्रवार को घोषणा की कि भारतीय वायु सेना के सी-17 परिवहन विमान को इंदौर से देहरादून तक लगभग 22 टन आवश्यक उपकरण पहुंचाने के लिए भेजा गया है.

(फोटो- पीटीआई)

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