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वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए ट्रायल के बजाए सीधे सीनियर बॉक्सर मैरी कॉम को भेजने पर आवाज उठाने वाली युवा बॉक्सर निकहत जरीन ने अब सीधे खेल मंत्री किरेण रिजिजू से गुहार लगाई है. निकहत ने रिजिजू को लिखी अपनी चिट्ठी में ओलंपिक क्वालियफायर इवेंट के लिए ट्रायल कराने की मांग की है.
तब निकहत ने शिकायत की थी कि उन्हें ट्रायल के लिए बुलाया तो गया लेकिन ट्रायल किए बिना ही मैरी कॉम को वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चुन लिया गया था, क्योंकि मैरी कॉम ने ट्रायल से मना कर दिया था.
हालांकि मैरी कॉम इस बार गोल्ड नहीं पाई, लेकिन उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया. वो बॉक्सिंग की दुनिया में 8 वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल जीतने वाली पहली बॉक्सर बनी थीं.
निकहत ने अब मांग की है कि ओलंपिक के लिए होने वाले क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में बॉक्सरों को भेजने से पहले सही तरीके से ट्रायल आयोजित किए जाएं.
इस पर ही सवाल उठाते हुए निकहत ने खेल मंत्री को चिट्ठी लिखी. निकहत ने ये चिट्ठी ट्विटर पर भी पोस्ट की, जिसमें लिखा है-
निकहत ने लिखा कि वो मैरी कॉम से प्रेरित होती रही हैं और उनके जैसा बनना चाहती हैं.
इस पूरे एपिसोड में सबसे खास बात ये है कि बीएफआई के तय मापदंडों के तहत वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीतने वाले पुरुष बॉक्सरों को क्वालिफाइंग इवेंट में सीधी एंट्री मिलती है.
निकहत ने खेल मंत्री से कहा कि सभी खिलाड़ियों को इस प्रक्रिया से गुजरना चाहिए.
निकहत ने लिखा कि अगर ट्रायल होता है और वो मुकाबला हार भी जाती हैं, तो उन्हें संतुष्टि रहेगी कि उन्हें एक मौका तो मिला.
हालांकि ओलंपिक चार्टर के तहत किसी भी देश की सरकार किसी भी खेल फेडरेशन की चयन प्रक्रिया में दखल नहीं दे सकती. अगर कोई सरकार ऐसा करती है, तो इसे चार्टर का उल्लंघन माना जाएगा और उस फेडरेशन को निलंबित कर सकती है.
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