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भारत और इंग्लैंड (IND Vs ENG) के बीच लीड्स के हेडिंग्ले मैदान में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में भारत की हालत खराब नजर आ रही है. इस टेस्ट का पहला सेशन इंग्लैंड के नाम रहा. इंग्लिश टीम टॉस हार गई और भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने उन्हें पहले गेंदबाजी करने का मौका दिया. जिसे जेम्स एंडरसन (James Anderson) ने बखूबी भुनाया. केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा और कप्तान कोहली को भी एंडरसन ने चलता किया. लंच के पहले आखिरी ओवर में भारत के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे भी चलते बने. भारत ने लंच तक 25.5 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 56 रन बनाए थे. इन सबसे के बीच कोहली का अश्विन को टीम में न लेने का फैसला भी सबको हैरान करता रहा.
तीसरे मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने बताया कि इस पिच को देखकर उन्हें काफी आश्चर्य हुआ. उनके अनुमान के विपरित इस पिच पर घास बहुत कम है. इस बात को ध्यान में रखकर टीम आखिरकार रविचंद्रन अश्विन को एकादश में शामिल कर सकती है. वहीं विराट कोहली ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया. टॉस के बाद विराट ने कहा कि मैं भी थोड़ा आश्चर्यचकित हूं, "मैं कैसे टॉस जीत गया". भारतीय टीम में कोई बदलाव नहीं किया. विराट कोहली ने कहा, "हमने सोचा था पर इन परिस्थितियों में एक और तेज गेंदबाज के होने से प्रेशर विपक्षी टीम पर बढ़ जाता है. ऐसे में रवींद्र जाडेजा इस मैच में बहुत काम आएंगे." इस तरह फिर एक बार आर अश्विन को टीम से बाहर बैठना पड़ा.
इंग्लैंड दौरे पर तीसरे टेस्ट मैच से पहले विराट कोहली ने रविचंद्रन अश्विन को टीम में शामिल करने के संकेत दिए थे. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि "पिच की स्थिति को देखते हुए अश्विन को खिलाने पर विचार किया जा सकता है." विराट कोहली के इस बयान के बाद तीसरे टेस्ट में अश्विन के खेलने की उम्मीद जगी थी. लेकिन टीम में कोई बदलाव न होने से उम्मीद धरी रह गई.
अश्विन को मौका न दिए जाने का कारण कई पुराने खिलाड़ियों के गले नहीं उतर रहा है. क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने अश्विन को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखने के विराट कोहली के फैसले पर हैरानी जताई थी तभी से कप्तान कोहली आलोचकों के निशाने पर हैं.
वीवीएस लक्ष्मण और वसीम जाफर जैसे दिग्गजों ने अश्विन के पहले टेस्ट से बाहर रहने के बाद विराट कोहली और टीम प्रबंधन पर सवाल खड़े किए थे.
वीवीएस लक्षमण ने कहा था कि "मैं आठवें नंबर पर एक बल्लेबाज खिलाने के स्थान पर अश्विन जैसा 'मैच विनिंग' गेंदबाज चुनता, मैं नहीं समझता कि क्यों विराट कोहली और टीम प्रबंधन ने ऐसा निर्णय लिया. माइकल वॉगन और वसीम जाफर ने भी ट्वीट कर अश्विन को मैच से बाहर रखे जाने पर हैरानी जताई थी.
यदि पिछले चार सालों के आंकड़ों पर एक नजर डाली जाए तो यहां भी अश्विन जडेजा से आगे हैं. 2018 से 2021 के दौरान अश्विन 11 मैचों की 20 पारियों में कुल 39 विकेट अपने नाम कर चुके हैं. इस दौरान उनका एवरेज 29.97 का रहा है. इसी दौरान वे बल्ले से 1169 रन भी बना चुके हैं.
जबकि जडेजा के आंकड़ों पर नजर डालें तो उन्होंने 2018 से 2021 के दौरान 10 मैचों में मात्र 29 विकेट लिए हैं. इस दौरान उनका गेंदबाजी एवरेज 30.68 रहा है. पिछले चार सालों में वे बल्ले से मात्र 473 रन ही बना सके. इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि अश्विन का प्रदर्शन जडेजा की तुलना में बेहतर रहा है फिर भी उन्हें इंग्लैंड दौरे पर पहले दो टेस्ट मैचों से बाहर बैठना पड़ा.
तीसरे मैच के पहले माइकल वॉन ने हेडिंग्ले की पिच को लेकर दावा किया कि यहां स्पिनरों के लिए बहुत कुछ है और जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता है तो यह सूख जाती है. उनका मानना है कि तीसरे टेस्ट में स्पिन दोनों टीमों के लिए अहम भूमिका निभाएगी.
जिस खिलाड़ी ने सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले, कपिल देव, सुनील गावस्कर और कोहली जैसे दिग्गजों को पछाड़कर भारत के लिए सबसे ज्यादा मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीता हो उसे बड़ी ही निर्ममता से बाहर कर दिया जाता है. शायद इसलिए गावस्कर ने कई मौकों पर ये कहा है कि अश्विन के साथ मैनेजमेंट का रवैया सही नहीं है.
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