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रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने बिना अनुमति के नेशनल कैंप छोड़ने पर कारण बताओ नोटिस दिया है. इस आरोप में साक्षी समेत कैंप में शामिल 25 महिला पहलवानों को निलंबित कर दिया गया है.
लखनऊ स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केन्द्र में शिविर में 45 महिला पहलवानों में से 25 फेडरेशन की अनुमति के बिना कैंप से गायब थीं.
इनके अलवा बाकी सभी पहलवानों को अगले आदेश तक नेशनल कैंप से निलंबित कर दिया गया है और सोमवार को वर्ल्ड चैम्पियनशिप के गैर-ओलंपिक कैटेगरी के ट्रायल्स में भाग लेने से रोक दिया गया है.
डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि भारतीय दल जब तैयारी टूर्नामेंट के लिए बेलारूस और एस्टोनिया रवाना हुआ तो बाकी बचे पहलवान बिना अनुमति लिए ही कैंप से चले गए.
तोमर ने पीटीआई से कहा,
तोमर ने कहा कि कैंप से निकाले जाने के बाद पहलवान अलग-अलग तरह के बहाने बना रहे हैं, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.
जब उनसे पूछा गया कि क्या डब्ल्यूएफआई साक्षी, सीमा और किरण को वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भाग लेने से रोकेगा तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता. फेडरेशन इस पर फैसला करेगा.’’
डब्ल्यूएफआई के सूत्रों ने हालांकि बताया कि तीनों पहलवानों को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने उन्हें कहा है कि केवल वे ही पहलवान ट्रेनिंग कैंप में लौटेंगे जो इसके लिए गंभीर हैं. अगर उनके घर में समस्या है, तो वे घर बैठ सकते हैं. हम उनकी जगह दूसरों को शामिल करेंगे. हम कुछ पहलवानों की वजह से शिविर को प्रभावित नहीं होने देना चाहते. हमारे पास काफी संख्या में जूनियर खिलाड़ी मौजूद हैं.’’
जब उनसे पूछा गया कि डब्ल्यूएफआई ने ट्रायल्स के नतीजे को प्रभावित करने की कोशिश की है तो उन्होंने महासंघ का बचाव किया.
पुरुषों के ट्रायल्स में गैर ओलंपिक के साथ 74 किग्रा का भी ट्रायल होगा जो ओलंपिक वर्ग है और उसमें सुशील कुमार को भाग लेना है.
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने पहलवानों को विश्व चैम्पियनशिप की तैयारियों के लिए एस्टोनिया और बेलारूस भेजा है. जूनियर पहलवान भी इसमें भाग लेना चाहते थे इसलिए हमने उनके आने के बाद इसे कराने का फैसला किया.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने जो नाम भेजे हैं उसे चिकित्सा प्रमाण पत्र के जरिये बदल सकते हैं.’’
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