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टीम इंडिया के मुख्य कोच के लिए रवि शास्त्री के चयन के बाद अब शास्त्री के सपोर्ट स्टाफ को चुनने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. मुख्य कोच के चयन का काम तो क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने किया, लेकिन सपोर्ट स्टाफ चुनने की जिम्मेदारी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने चयन समिति को सौंपी है.
रवि शास्त्री तो अपनी जगह बचाने में कामयाब हो गए, लेकिन उनके सपोर्ट स्टाफ में कुछ बदलाव होना तय है. एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय सीनियर सेलेक्शन कमेटी ने सोमवार 19 अगस्त से इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और गुरुवार तक वह सपोर्ट स्टाफ के नामों का ऐलान कर देगी.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि बोर्ड पूरी प्रक्रिया के खत्म होने तक का इंतजार करेगा उसके बाद घोषणा करेगा.
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा,
हालांकि कोच का चयन करने वाली सीएसी चाहती थी कि सपोर्ट स्टाफ भी वही चुने और कपिल देव ने कोच के नाम का ऐलान करते हुए इसका जिक्र भी किया था, लेकिन अगर प्रशासको की समिति (सीओए) सीएसी को यह जिम्मेदारी देती तो यह बोर्ड के नए संविधान का उल्लंघन होता.
बीसीसीआई के नए संविधान के मुताबिक, मुख्य कोच को चुनने की जिम्मेदारी सीएसी की है जबकि सपोर्ट स्टाफ को चुनने का जिम्मा चयन समिति पर है.
सपोर्ट स्टाफ की बात की जाए तो गेंदबाजी कोच भरत अरुण का बने रहना तय है. उनके रहते टीम एक मजबूत गेंदबाजी मजबूत हुई है. वहीं फील्डिंग कोच आर. श्रीधर के भी टीम के साथ बने रहने की संभावनाएं हैं. शास्त्री ने कई बार कहा है कि टीम की फील्डिंग बेहतरीन है.
सबसे ज्यादा आलोचना टीम के बैटिंग कोच संजय बांगर को झेलनी पड़ी है और यहां पर बदलाव होना तय माना जा रहा है. बतौर बल्लेबाजी कोच बांगर नंबर-4 के लिए सही बल्लेबाज को नहीं खोज सके.
पूर्व सेलेक्टर विक्रम राठौड़ और पूर्व बल्लेबाज प्रवीण आमरे ने बल्लेबाजी कोच के लिए आवेदन दिया है. अब देखना होगा कि किसके हिस्से यह जिम्मेदारी आती है.
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