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Savita Kanswal: 6 हजार की नौकरी से माउंट एवरेस्ट चढ़ने तक की कहानी

Savita Kanswal ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत Mount Everest को मिलाकर 9 चोटियां फतह कीं.

ज़िजाह शेरवानी
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Updated:
<div class="paragraphs"><p>6 हजार की नौकरी, चढ़ गई 9 पहाड़, अब माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की तैयारी</p></div>
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6 हजार की नौकरी, चढ़ गई 9 पहाड़, अब माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की तैयारी

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दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा भारत का नाम रोशन करने वालीं उत्तराखंड की पर्वतारोही सविता कंसवाल की एक हादसे में मौत हो गई है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी का डंडा में 4 अक्टूबर 2022 को आए एवलांच में उनकी मौत हो गई. वो नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग (NIM) के पर्वतारोहियों के ग्रुप के साथ ट्रेकिंग पर थीं, जब पूरा ग्रुप एवलांच की चपेट में आ गया.

क्विंट ने कुछ महीनों पहले सविता से बात की थी. क्विंट के आर्काइव से हम इस इंटरव्यू को दोबारा पब्लिश कर रहे हैं.

कुछ साल पहले तक सविता कंसवाल (Savita Kanswal) के माता-पिता अपनी बेटी के पर्वतारोहण (Mountaineering) के फैसले से चकित थे. सविता की मां कमलेश्वरी कहती हैं, "शहर के लोग आकर हमसे पूछते थे कि हम अपनी छोटी बेटी को बाहर क्यों भेज रहे हैं. हमें नहीं पता था कि उनसे क्या कहा जाए..."

25 वर्षीय सविता पहले ही नौ चोटियां चढ़ चुकी है, और अब माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की तैयारी कर रही है. उसके माता-पिता अब सविता पर गर्व करते हैं. उसकी मां का कहना है कि सविता की इस क्षेत्र में सफलता ने परिवार के साथ-साथ उसके पूरे शहर के लोगों का भी हृदय परिवर्तन कर दिया है.

हालांकि सविता को ये सफलता रातों-रात नहीं मिली.

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एडवेंचर के लिए सविता का प्रेम

उत्तराखंड के मनेरी में अपने घर से 4 किलोमीटर दूर स्कूल जाने के अपने दैनिक ट्रेक को याद करते हुए, सविता कहती है-

“मैं पहाड़ों से हूं और मुझे हमेशा पहाड़ों पर चढ़ना पसंद है. मुझे हमेशा से रोमांच पसंद रहा है."

वयस्क होने के बाद सविता का यह शौक जुनून में बदल गया. उनकी बड़ी बहन मनोरमा कंसवाल (27) बताती हैं ''हम खेतों में अपने पिता की मदद किया करते थे. सविता हमेशा हम सब में सबसे मजबूत थी.''

चुनौतियों के पहाड़ पर विजय

सविता एक साधारण किसान पृष्ठभूमि से आती है उनके लिए पैसे की कमी एक बड़ा मुद्दा था. सविता और उनकी बहन ने एक छोटा रिटेल कोर्स किया था और 2014 से 2016 तक कैफे कॉफी डे और रिलायंस में काम किया था.

"वह पार्ट-टाइम काम कर रही थी और पर्वतारोहण में भी उसकी रुचि थी. लेकिन हमारा परिवार उन कोर्सेज का खर्च नहीं उठा सकता था. इसलिए वह छह महीने काम करती, कोर्स का एक हिस्सा पूरा करती, फिर से काम करती और फिर वापस कोर्स करने के लिए चली जाती."
मनोरमा कंसवाल, सविता की बड़ी बहन

सविता जल्द ही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए अपनी ट्रेनिंग शुरू करने जा रही है. इससे पहले उन्हें कई बार स्पोंसरशिप नहीं मिल पाई थी और लोग उन्हें कुछ नया काम ढूंढने के लिए कहते रहते थे.

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Published: 24 Apr 2022,06:52 PM IST

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