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भारत के सुमित अंतिल (Sumit Antil) ने टोक्यो पैरालंपिक्स (Tokyo Paralympics 2020) में शानदार प्रदर्शन करते हुए जैवलिन थ्रो क्लास F64 कैटेगरी में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है. सुमित ने फाइनल में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए 68.55 मीटर का थ्रो किया और अपने पहले ही पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता. छह थ्रो में उन्होंने अपने ही पिछले वर्ल्ड रिकॉर्ड को तीन बार तोड़ा. इससे पहले, टोक्यो ओलंपिक्स में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता था.
अपनी जीत के बाद सुमित ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, "मैं 70 मीटर का आंकड़ा छूना चाहता था, लेकिन मैं प्रदर्शन से बहुत खुश हूं. एक प्रतियोगिता में, मैं तीन बार वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने में सफल रहा. और मैं गोल्ड मेडल जीतने में भी सक्षम था, मैं व्यक्त नहीं कर सकता कि मैं अभी कैसा महसूस कर रहा हूं."
जून 1998 में, हरियाणा के सोनीपत में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्में सुमित अंतिल रेसलर बनना चाहते थे, लेकिन एक हादसे में पैर गंवाने के बाद उन्हें अपना ये सपना छोड़ना पड़ा. जनवरी 2015 में, ट्यूशन से लौटते समय एक दुर्घटना के कारण उनका पैर घुटने के नीचे से कट गया.
उनके पिता एयरफोर्स में थे, इसलिए सुमित को सेना के अस्पताल ले जाया गया जहां उनका ऑपरेशन किया गया और अगले दो महीनों वो रिकवर हुए. फिर उन्हें पुणे के आर्टिफिशियल लिंब सेंटर में शिफ्ट किया गया. आर्टिफिशियल पैर लगने के बाद, उन्होंने रेसलर बनने के अपने सपने को तो छोड़ दिया, लेकिन वर्कआउट जारी रखा. जुलाई 2017 में, उनके गांव में एक पैरा-एथलीट ने उन्हें पैरालंपिक खेलों के बारे में बताया और जैसा कहते हैं, बाकी सब इतिहास की बात है.
(इनपुट्स- Firstpost, IANS)
दुबई में 2019 में हुए, वर्ल्ड चैंपियनशिप में, सुमित ने F64 जैवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीता था.
सुमित ने 5 मार्च को, पटियाला में एबल-बॉडीड इंडियन ग्रैंड प्रिक्स सीरीज 3 में ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा के खिलाफ भी मुकाबला किया था. सुमित 66.43 मीटर के थ्रो के साथ सातवें स्थान पर रहे थे.
सुमित अंतिल के गोल्ड मेडल जीतने के साथ ही टेबल में भारत के सात मेडल हो गए हैं. इससे पहले महिला निशानेबाज अवनि लेखरा ने 30 अगस्त को 10 मीटर एयर राइफल SH1 में गोल्ड जीता था. भारत का इस पैरालंपिक में ये दूसरा गोल्ड मेडल है, जबकि उसने अब तक कुल सात मेडल अपने नाम किए हैं. डिस्कस थ्रो F52 में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले विनोद कुमार ने अपना मेडल गंवा दिया है. टोक्यो पैरालंपिक टेक्नीकल डेलीगेट ने फैसला किया कि विनोद कुमार डिस्कस F52 वर्ग के लिए योग्य नहीं हैं.
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