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दो साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल (World Test Championship final) मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड IND Vs NZ के बीच शुरु हुआ, लेकिन पहला ही दिन बारिश से धुल गया और दूसरे दिन खराब रोशनी के चलते खेल पूरा नहीं हो पाया. ऐसे में देश-दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों ने ये सवाल उठाया कि इस खास और ऐतिहासिक महामुकाबले को लेकर ICC ने क्रिकेट फैन्स को ठगा है.
ऐतिहासिक टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड की टीम ने जीता है टॉस.
टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का लिया था फैसला.
भारत की पहली 217 रनों में सिमटी.
कप्तान विराट कोहली ने 44 तो उप कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 49 रनों की पारी खेली.
काइली जेमिसन, ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी ने किया भारतीय बल्लेबाजों को परेशान.
जेमिसन ने लगाया विकटों का पंच.
फेल रहे पुजारा (8 रन) और पंत (4 रन).
वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल मुकाबले के लिए दुनिया की टेस्ट में बेस्ट दो टीमें पूरी तैयारी के साथ इंग्लैंड के मैदान में थीं. स्टेडियम में सीमित संख्या में क्रिकेट फैन्स भी अपनी-अपनी टीम का उत्साहवर्धन करने पहुंचे, वहीं लाखों क्रिकेट प्रेमियों ने इस ऐतिहासिक और रोमांचक मुकाबले के लिए अपनी नजरें टीवी और मोबाइल की स्क्रीन पर जमा रखी थीं. लेकिन पहला दिन बारिश से पूरी तरह धुल गया. ऐसी बारिश हुई कि टॉस तक नहीं हो पाया.
पहले दिन साउथैंप्टन में मैदान के साथ-साथ घरों पर भी क्रिकेटप्रेमी बारिश रुकने और मैच शुरु होने का इंतजार कर रहे थे. इस मैदान पर पहले से ही खराब मौसम और बारिश की प्रिडिक्शन जताई गई थी लेकिन फिर भी इस ऐतिहासिक मैच का आयोजन यहां किया गया. इसके पीछे ICC की अपनी दलील है. लेकिन पहले दिन खिलाड़ियों का दिल जरूर टूटा.
दूसरे दिन टॉस हुआ और खेल भी शुरु हुआ, लेकिन इस बार खराब रोशनी की वजह से मैच को रोकना पड़ा. कई रुकावटों के बाद अखिरकार दूसरे दिन 64.4 ओवर का ही मैच हो पाया.
तीसरे दिन भी खेल समय से शुरु नहीं हुआ, मैच में लगभग 30 मिनट यानी आधे घंटे की देरी देखने को मिली.
क्रिकेट एक खेल ही नहीं बल्कि फैंस के लिए धर्म जैसा है. ऐसे में जब खुद ICC ने टेस्ट क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप शुरु किया और दो साल के कड़े मुकाबले के बाद टेस्ट मैचों की 9 में से भारत और न्यूजीलैंड जैसी 2 बेस्ट टीमें WTC फाइनल में पहुंचीं तो रोमांच और बढ़ गया. आईसीसी ने इस मुकाबले को खास बनाने के लिए बहुत किया. लेकिन शुरुआती दो दिनों में फैंस को निराशा हुई. उनका कहना है कि ICC की अव्यवस्थाओं के चलते उनकी भावनाओं के साथ मजाक हुआ है.
सोशल मीडिया में भड़क गए फैंस
शुरुआती दिन के धुलने के साथ ही सोशल मीडिया पर क्रिकेट प्रेमियों ने अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी थीं. वहीं मीम्स भी खूब आने लगे.
एक यूजर ने लिखा कि ये तो वैसा ही हुआ जैसे आप दो साल तक परीक्षा की तैयारी करें और परीक्षा वाले दिन आप ट्रैफिक की वजह से परीक्षा मिस कर दें. WTC फाइनल में खराब मौसम देखकर यही लग रहा है.
एक अन्य यूजर ने लिखा वर्ल्ड कप 2019 के पहले स्टेज में जो हुआ उसको देखते हुए आईसीसी को इंग्लैंड के हालात का पता होना चाहिए था. बावजूद इसके उन्होंने WTC का फाइनल इंग्लैंड में रखा. यह सभी को परेशान करता है जब सभी महीनों से इसका इंतजार करते हैं और बारिश ने सारा मजा किरकिरा कर दिया.
एक यूजर ने लिखा कि क्या बर्बादी है? WTC फाइनल को लेकर जो भी मूड और हाइप था सब बर्बाद हो गया. आईसीसी से अपील है कि वो कोई भी महत्वपूर्ण इवेंट इंग्लैंड में न कराएं. सभी आईसीसी टूर्नामेंट के लिए यूएई को ही न्यूट्रल वेन्यू बना दिया जाना चाहिए.
क्रिकेट फैंस इस समय सोशल मीडिया पर आईसीसी को लेकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. ज्यादातर फैंस का यही कहना है कि जब इंग्लैंड में इस समय बारिश की संभावनाएं होती हैं तो फिर क्यों इतने महत्वपूर्ण मैच का आयोजन ऐसे शहर में कराया गया. 2019 वर्ल्ड कप से क्यों सीख नहीं ली गई? वहीं इसको लेकर आईसीसी का कहना है कि ये फैसला वो खुद नहीं करते बल्कि सभी की सहमति के बाद लेते हैं. सबकी सहमति के बाद ही साउथैंप्टन का चयन किया गया था. इसकी मुख्य वजह ये थी कि एजेस बाउल मैदान पर सभी पांच सितारा सुविधाएं उपलब्ध हैं जहां खिलाड़ी मौजूदा दौर में खेलने के साथ-साथ वहीं पर बायो-बबल की सुविधाओं के साथ क्वारंटाइन भी हो सकते हैं.
साउथैंप्टन में क्रिकेट के खेल के साथ-साथ बादलों की लुका-छुपी का भी खेल चल ही रहा है. ऐसे में उम्मीद बस यही लगाई जा रही है कि WTC फाइनल में आगे कोई बाधा ना आए और टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का नया अध्याय बिल्कुल साफ शब्दों में लिखा जाए. आगे अगर कोई भी रुकावट आती है तो ICC इस ऐतिहासिक पल को एक बढ़िया अंत नही दे पाएगा. और आने वाले दिनों में यह आयोजकों के साथ-साथ क्रिकेटप्रेमियों के लिए निराशा का पल होगा.
टेस्ट मैचों में एक दिन में 90 ओवर होने चाहिए, लेकिन टेस्ट मैचों के महामुकाबला में शुरुआती दो दिनों में 180 में से महज 64.4 ओवर ही फेंके गए. टेस्ट क्रिकेट के 144 साल के इतिहास में यह पहला मौका यह जब दुनिया को टेस्ट का वर्ल्ड चैम्पियन मिलेगा, ऐसे में इस मैच से रोमांच की काफी उम्मीद की जा रही थी. लेकिन फैंस को अभी तक निराशा ही हाथ लगी है. उनका धैर्य सोशल मीडिया पर फूट पड़ा है.
क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार रूफ इंस्टालेशन करवाकर खराब मौसम से स्टेडियमों को काफी हद तक बचाया जा सकता है.
ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा है कि WTC फाइनल के लिए बहुत ही खराब वेन्यू. ऐसा लग रहा है यह मैच ड्रॉ होगा और इसका दोष सिर्फ ICC को ही जाएगा.
ईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक साउथैंप्टन के ग्राउंड्समैन साइमन ली का कहना है कि अगर परिस्थितियां सूखी रहती है, तो जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ेगा, स्पिन एक बड़ा कारण साबित हो सकता है. लेकिन अभी तक मौसम ने सूखा रुख तो अपनाया ही नहीं है. ऐसे में मैच के दौरान स्पिनर्स की भूमिका देखने वाली रहेगी.
फिलहाल तो न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने कहर ढा दिया है. न्यूजीलैंड के पेसर ने भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया है. भारतीय टीम ने 92.1 ओवरों का सामना करते हुए 2.35 के रन रेट से रन बनाया और पूरी टीम महज 217 के स्कोर पर सिमट गई. भारत की तरफ से बड़ी साझेदारी देखने को नहीं मिली.
आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि क्या पिच पेसर्स को ही सपोर्ट करेगी या फिर अश्चिव और जडेजा जैसे फिरकी गेंदबाज भी यहां अपना जलवा बिखेर सकेंगे.
• बारिश और ओस की वजह से मैदान गीला होता है जिससे गेंद मैदान में तेजी से आगे नहीं पाती. यह कंडीशन भी रन रोकने के लिए अहम होती है.
• अगर पिच में माइश्चर रहता है तो तेज गेंदबाज को मदद मिलती है.
• बारिश की वजह से देर तक पिच में नमी रहती है. इसलिए माश्चर का फैक्टर बना रहता है.
• हालांकि गीली गेंद से बॉलिंग आसान नहीं रहती है. बॉल फिसलती है जिससे ग्रिप नहीं बन पाती.
• ड्राई पिच पर तेज गेंदबाजों को खास मदद नहीं मिलती इसलिए इस कंडीशन को बल्लेबाज के लिए बेस्ट माना जाता है.
क्या कहता WTC रिजर्व डे का प्रावधान :
आईसीसी ने WTC फाइनल के लिए रिजर्व डे का भी प्रावधान रखा है. यदि मैच में किसी प्रकार की बाधा आती है तो 18-22 जून के दौरान होने वाले मैच को 23 जून (रिजर्व डे) के दिन खेला जाएगा.
मैच के दौरान समय गंवाने की स्थिति में, आईसीसी मैच रेफरी नियमित रूप से टीमों और मीडिया को इस बारे में अपडेट करेंगे कि रिजर्व डे का उपयोग कैसे किया जा सकता है. रिजर्व डे का इस्तेमाल होगा या नहीं, इसकी घोषणा पांचवें दिन अंतिम घंटे का खेल शुरू से पहले की जाएगी.
रिजर्व डे तब इस्तेमाल किया जाएगा जब पहले पांच दिन में 30 घंटों का खेल नहीं हो पाएगा. आईसीसी ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप शुरू होने से पहले कहा था कि अगर पूरे पांच दिन के खेल के बाद सकारात्मक परिणाम नहीं प्राप्त होता है तो कोई अतिरिक्त दिन का खेल नहीं होगा और ऐसी स्थिति में मैच को ड्रॉ घोषित कर दिया जाएगा.
वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मुकाबले में बारिश और खराब रोशनी ने खलल डाला है. इससे मैच में देरी हुई है, इस वजह से इस महामुकाबले में रिजर्व डे का नियम भी लागू हो गया है. बता दें कि किसी टेस्ट मैच के एक दिन में छह घंटे का समय अगर मौसम की वजह से प्रभावित होता है तो अतिरिक्त दिन यानी छठे दिन का नियम लागू हो जाता है.
WTC फाइनल अगर ड्रा होता है तो क्या?
अगर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला ड्रा होता है तो आईसीसी के अनुसार ट्रॉफी संयुक्त रूप से साझा की जाएगी. यानी कि यदि मैच टाई या ड्रा होगा तो दोनों टीमों (IND-NZ) को संयुक्त तौर पर विजेता घोषित किया जाएगा.
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