advertisement
एशिया कप (Asia Cup) के सुपर-4 मुकाबले में लगातार दूसरी हार के बाद टीम इंडिया (Team India) को लेकर कई तरह क सवाल उठ रहे हैं. श्रीलंका से पहले रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की टीम को पाकिस्तान (Pakistan) के सामने भी हार का मुंह का देखना पड़ा. ये हार भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को इसलिए भी नहीं पच रही है कि नए खिलाड़ियों के ऑस्ट्रेलिया (Australia) को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड (England) को इंग्लैंड में हराने वाली टीम इंडिया श्रीलंका (Sri Lanka) जैसी कमजोर मानी जाने वाली टीम से हार गई.
टीम इंडिया ने 2011 में आईसीसी वनडे वर्ल्डकप और 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी. उस वक्त भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हुआ करते थे. लेकिन उसके बाद से आईसीसी टूर्नामेंट में टीम इंडिया धमाल नहीं कर पाई है. हालांकि द्विपक्षी सीरीज में उसका प्रदर्शन शानदार रहा है. जरा देखिए कैसे टीम इंडिया ने साल दर साल आईसीसी टूर्नामेंट में हार का सामना किया.
2011 में विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद यहां टीम इंडिया फेवरेट के तौर पर उतरी थी. जिसके फाइनल में भारत का मुकाबला श्रीलंका के साथ हुआ. बांग्लादेश के शेर-ए-बंगला क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस मैच में भारतीय टीम श्रीलंका से 6 विकेट से हार गई.
2011 की चैंपियन भारत को इस बार अपने टाइटल का बचाव करना था. ये टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया में खेला जा रहा था. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा सेमीफाइनल हुआ. जिसमें भारतीय टीम 95 रन से हारकर बाहर हो गई.
इस बार वर्ल्ड कप का आयोजन आईसीसी ने भारत में किया. इसीलिए टीम इंडिया एक बार फिर फेवरेट के तौर पर टूर्नामेंट में उतरी. लेकिन इस बार भी भारतीय टीम सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज से 7 विकेट से हार गई और नॉकआउट हो गई.
इंग्लैंड में खेली गई इस चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत का मुकाबला पाकिस्तान से था और कागजों पर टीम इंडिया पाकिस्तान से काफी मजबूत नजर आ रही थी. लेकिन फाइनल मैच में टीम इंडिया पाकिस्तान के सामने बुरी तरह हार गई. पाकिस्तान ने ये मैच 180 रनों के बड़े अंतर से जीता.
ये टूर्नामेंट इंग्लैंड में खेला गया जिसका सेमीफाइनल भारत और न्यूजीलैंड के बीच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला जाना था लेकिन बारिश हो गई और मैच रिजर्व डे में खेला गया. जिसमें भारत 18 रन से हार गया.
आईसीसी ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत टेस्ट को रोमांचक बनाने के लिए की थी. जिसके पहले फाइनल में भारत और न्यूजीलैंड का सामना हुआ. लेकिन भारत इस मैच में 8 विकेट से हार गया.
भारत कभी भी विश्व कप में पाकिस्तान से नहीं हारा था. लेकिन 2021 में ये रिकॉर्ड भी टूट गया. सुपर-12 राउंड मुकाबले में जब भारत का सामना पाकिस्तान से हुआ तो उसे 10 विकेट से हार झेलनी पड़ी. जिसके बाद भारत उस टूर्नामेंट से बाहर हो गया.
इस टूर्नामेंट की शुरुआत भी टीम इंडिया ने फेवरेट के तौर पर की थी लेकिन सुपर-4 में पहले टीम इंडिया पाकिस्तान से हारी. फिर श्रीलंका से भी हार गई और अब भारत की फाइनल खेलने की उम्मीद लगभग नामुमकिन है.
टीम इंडिया ने पिछले डेढ़ शतक में शानदार क्रिकेट खेला है. उसने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को घर में जाकर हराया है. तीनों फॉर्मेट में टीम ज्यादातर टॉप-3 में ही रही है. विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी टॉप-10 रैंकिंग में दिखते हैं. भारत के पास अब खिलाड़ियों की एक लंबी फहरिस्त है जिनमें से उन्हें 15 चुनने होते हैं. इसीलिए टीम इंडिया से उम्मीदें भी कुछ ज्यादा होती हैं. और जब बड़े टूर्नामेंट में जाते हैं तो ये उम्मीदें और ज्यादा बढ़ जाती हैं. लेकिन उन उम्मीदों पर टीम अक्सर खरा नहीं उतर पा रही है.
एक सवाल ये भी है कि क्या टीम इंडिया के लिए बहुत ज्यादा ऑप्शन होना परेशानी का सबब बन रहा है. क्योंकि इस एशिया कप और पिछले टी20 वर्ल्डकप में भारत के टीम सेलेक्शन पर सवाल उठे हैं. हालांकि भारत के पास इतने ऑप्शन हैं कि हमने पिछले कुछ समय में दो-दो राष्ट्रीय टीमें एक साथ खिलाई हैं. मोहम्मद शमी और उमेश यादव जैसे गेंदबाजों को बाहर बैठना पड़ा है. लेकिन फिर भी हम अहम मौकों पर ट्रिक मिस कर गए हैं.
टीम इंडिया के साथ एक और दिक्कत प्छले कुछ वक्त में सामने आई है कि मैनेजमेंट ने विराट कोहली के बाद से बार-बार कप्तान बदले हैं. रोहित शर्मा भले ही पर्मानेंट कप्तान हैं लेकिन छोटी टीमों के साथ दौरों पर और उनके चोटिल होने पर काफी कप्तान बदले गए हैं. जिनमें केएल राहुल, शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे, जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या शामिल हैं.
पहले क्रिकेट की दुनिया में दक्षिण अफ्रीकी टीम को चोकर्स की संज्ञा दी जाती थी. क्योंकि उनकी टीम द्विपक्षीय सीरीज में शानदार प्रदर्शन करती थी लेकिन आईसीसी के बड़े मुकाबलों में चोक कर जाती थी और हार जाती थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)