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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) 18 अक्टूबर को अपनी वार्षिक आम सभा (AGM) में अध्यक्ष समेत 5 अहम पदों के लिए नए प्रतिनिधियों का चुनाव करने जा रहा है. इसमें BCCI अध्यक्ष के अलावा, उपाध्यक्ष, सचिव, सह सचिव और कोषाध्यक्ष का पद शामिल है.
दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड में चुनाव कैसे कराए जाते हैं? कौन लोग वोट डालते हैं? अध्यक्ष का काम क्या होता है? इन सब सवालों का जवाब आपको इस एक्सप्लेनर में देते हैं.
BCCI के चुनावों को समझने के लिए देश के राजनैतिक चुनावों की मदद ले सकते हैं. BCCI के चुनावों में और देश के आम चुनावों में काफी समानता है. हम आपको बिंदुवार ढंग से समझाते हैं कि BCCI चुनावों की क्या प्रक्रिया है.
सबसे पहले BCCI को जब भी चुनाव कराने होते हैं तो एक इलेक्टोरल ऑफिसर की नियुक्ति की जाती है. ये इलेक्टोरल ऑफिसर चुनाव आयोग के पूर्व सदस्य होते हैं. इस समय ऐके ज्योती इलेक्टोरल ऑफिसर हैं, वे भारत के 21वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे.
इलेक्टोरल ऑफिसर इसके बाद चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी तारीखों का ऐलान करता है. ये तारीखें बहुत महत्वपूर्ण हैं. इसमें सबसे पहले BCCI के स्टेट ऐसोसिएशन अपने प्रतिनिधि को नामित करने के लिए आवेदन दाखिल करते हैं. इसके लिए एक डेडलाइन तय की जाती है.
इसके बाद ड्राफ्ट मतदाता सूची तैयार की जाती है. ये सूची तैयार करने के बाद इन नामों पर आपत्ति दर्ज कराने का समय दिया जाता है. इन आपत्तियों की जांच करके BCCI फाइनल मतदाता सूची जारी करता है.
इसके बाद बीसीसीआई नामांकन आवेदन मतलब कैंडिडेट का नॉमिनेशन दाखिल करने की डेट देता है. इन तारीखों पर जिनके नामांकन आ जाते हैं उनकी योग्यता की जांच की जाती है और फिर होता है उम्मीदवारों का ऐलान.
इसके बाद नामांकन वापिस लेने की एक तारीख दी जाती है, यदि कोई नाम वापिस नहीं लेता तो कैंडिडेट्स की फाईनल लिस्ट जारी हो जाती है.
अंत में BCCI की AGM बैठती है और उसमें वोटिंग के जरिए पांचों पदों के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव होता है.
BCCI के चुनाव में वोट डालने के लिए बहुत सारे लोग नहीं होते हैं, बल्कि इसमें सिर्फ इसके फुल टाइम एफिलिएटिड मेंबर्स होते हैं. ये मेंबर्स आम तौर पर राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष ही होते हैं. भारत में सभी 28 राज्यों के क्रिकेट एसोसिएशन के मुखिया इसमें वोटर्स होते हैं. आपको ये भी बता दें कि गुजरात और महाराष्ट्र से इसके 3-3 मेंबर्स हैं.
इन 2 राज्यों से 3-3 मेंबर्स वोट करते हैं, बाकी सब राज्यों से एक-एक मेंबर. राज्यों के केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली क्रिकेट संघ का एक प्रतिनिधि वोट डालता है. इनके अलावा इसमें 3 पार्टी और है- इनमें रेलवे, सर्विस और यूनिवर्सिटी शामिल है, इनका भी एक-एक मेंबर वोट करता है. तो ये है BCCI के चुनावों में वोट डालने वाले वोटर्स.
BCCI का अध्यक्ष जेनरल बॉडी और एपेक्स काउंसिल की सभी बैठकों की अध्यक्षता करता है.
BCCI अध्यक्ष वार्षिक खातों और सभी अहम वित्तीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करता है.
BCCI का अध्यक्ष देश का सबसे शक्तिशाली क्रिकेट अधिकारी होता है. पूरे भारत के क्रिकेट प्रशासन के लिए वो जिम्मेवार होता है.
इस साल BCCI चुनावों के बाद कुछ ऐसा दिखाई देगा.
अध्यक्ष- सौरव गांगुली की जगह रोजर बिन्नी
उपाध्यक्ष- राजीव शुक्ला अपने पद पर बने रह सकते हैं
सचिव- जय शाह भी अपने पद पर बने रह सकते हैं
संयुक्त सचिव- जयेश जॉर्ज की जगह देवजीत सैकिया
कोषाध्यक्ष- अरुण सिंह धूमल की जगह आशीष शेलार
इस बार चुनाव से पहले ही लगभग तय माना जा रहा है कि कौन क्या बन सकता है, क्योंकि इस बार चुनाव में किसी भी पद के लिए एक से ज्यादा उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ है. ऐसे में सभी उम्मीदवारों के निर्विरोध चुने जाने की संभावना है. AGM की मीटिंग में नए पदाधिकारियों का ऐलान हो जाएगा.
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