advertisement
इंडियन प्रीमियर लीग का 12वां सीजन खत्म हो चुका है और अब सबका ध्यान है दो हफ्ते बाद शुरू हो रहे वर्ल्ड कप पर. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ने आईपीएल में खेल रहे अपने खिलाड़ियों को सीजन के बीच से ही वापस बुला लिया था. इंग्लैंड की पाकिस्तान के साथ अपने होम ग्राउंड में सीरीज चल रही है, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने प्रैक्टिस कैंप शुरू कर दिया है.
ऐसे में वक्त है उन विदेशी खिलाड़ियों पर नजर दौड़ाने का, जिनका आईपीएल में धमाकेदार प्रदर्शन टीम इंडिया के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है-
आईपीएल का ये सीजन अगर किसी विदेशी खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी था, तो वो हैं ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर. पिछले साल मार्च में ‘सैंडपेपर गेट’ में फंसने के बाद वॉर्नर ने एक साल के बैन के बाद आईपीएल के इस सीजन के साथ वापसी की.
ये आईपीएल वॉर्नर के लिए खुद से लड़ाई की तरह था. वॉर्नर ने ये लड़ाई जीत भी ली और अपनी नजर में और दुनिया की नजर में एक बार फिर खुद को साबित किया.
वॉर्नर का जो रूप टीम इंडिया के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, वो इस सीजन में दिखा है. इस बार वो सिर्फ तोड़-फोड़ करने वाले बल्लेबाज नहीं थे, बल्कि पारी का संतुलन बनाते हुए आक्रामक रुख अपनाने वाले परिपक्व खिलाड़ी की तरह दिखे.
अगर इस साल इंग्लैंड को वर्ल्ड कप का एक मजबूत दावेदार माना जा रहा है, तो वो इसलिए क्योंकि 2015 में ग्रुप स्टेज से बाहर होने वाली इंग्लैंड की टीम पूरी तरह बदल गई है.
इस बदली हुई टीम में जॉनी बेयरस्टो का रोल बेहद खास है. बतौर ओपनर उन्होंने टीम को हमेशा अच्छी शुरुआत दिलाई है. आईपीएल में अपने पहले ही सीजन में बेयरस्टो ने वॉर्नर के साथ भी एक विस्फोटक जोड़ी बनाई.
इंग्लैंड के लिए भी बेयरस्टो ने जेसन रॉय के साथ मिलकर एक खतरनाक ओपनिंग पार्टनरशिप बनाई है. पाकिस्तान के साथ चल रही वनडे सीरीज में बेयरस्टो ने दिखाया भी कि आईपीएल का प्रदर्शन कोई तुक्का नहीं था. भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा मुश्किलें यही टीम खड़ी कर सकती है.
अगर इंग्लैंड के लिए जॉनी बेयरस्टो या जेसन रॉय फेल होते भी हैं, तो इंग्लैंड की बैटिंग वहीं खत्म नहीं होती. इंग्लैंड ने मिडिल ऑर्डर में एक और तूफानी बल्लेबाज को जगह दी है- जॉस बटलर.
जॉस बटलर इस वक्त इंग्लैंड के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं. इसके गवाह उनके आंकड़े हैं- इंग्लैंड के लिए सबसे तेज दो शतक, 46 गेंद और 50 गेंद बटलर के नाम ही हैं. सिर्फ यही नहीं, बटलर का स्ट्राइक रेट इस समय 119 से ज्यादा है, जो क्रिकेट के इतिहास में तीसरा सबसे बेहतरीन स्ट्राइक रेट है.
इसी हफ्ते बटलर ने पाकिस्तान के खिलाफ 50 बॉल पर शतक जड़ा था. भारतीय टीम के लिए बटलर की ये फॉर्म इसलिए भी चिंता का कारण बन सकती है, क्योंकि अगर टॉप ऑर्डर से इंग्लैंड को धीमी शुरुआत भी मिलती है, तो आखिरी ओवरों में बटलर टीम को बहुत अच्छी स्थिति में पहुंचाने की काबिलियत रखते हैं.
कई लोगों को इस नाम पर आपत्ति या हैरानी हो सकती है, लेकिन मोईन अली का रिकॉर्ड अलग कहानी बयां करता है. इंग्लैंड ने उनके टैलेंट और स्किल्स का बेहद स्मार्ट इस्तेमाल किया है. इसका ही नतीजा है कि इंग्लैंड को बैटिंग में इतनी गहराई मिली है. साथ ही गेंदबाजी में एक अच्छा विकल्प भी.
आईपीएल के इस सीजन में भी मोईन ने अपनी ऑलराउंड क्षमता को दिखाया. आरसीबी के संघर्ष के बीच मोईन ने ज्यादातर मौकों पर अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभाई.
मोईन को जो चीज सबसे खतरनाक बनाती है, वो ये कि मोईन किसी भी नंबर पर आकर बैटिंग कर सकते हैं. साथ ही उस पोजिशन की जरूरत के हिसाब से बैटिंग करने में माहिर हैं.
दक्षिण अफ्रीका की टीम में इस वक्त सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज अगर कोई है तो वो डि कॉक हैं. डि कॉक सिर्फ तेज शुरुआत ही नहीं देते, बल्कि उसे बड़े स्कोर में तब्दील भी करते रहे हैं. डि कॉक की शुरुआत पर ही दक्षिण अफ्रीका की पारी अक्सर निर्भर करती रही है. कई मौके आए हैं, जब डि कॉक के जल्दी आउट होने के बाद अफ्रीकी टीम संभल नहीं पाई.
यही स्थिति इस साल आईपीएल में भी रही. मुंबई इंडियंस के ओपनिंग के लिए उतरे डि कॉक इस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर रहे.
इसलिए भारतीय टीम के लिए डि कॉक का विकेट जल्दी लेना जरूरी होगा. भारत का पहला ही मैच दक्षिण अफ्रीका से है और अच्छी शुरुआत पूरे टूर्नामेंट का रुख तय कर सकती है.
अगर इस वक्त दुनिया का सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज भारत के पास है, तो दूसरा सबसे अच्छा गेंदबाज दक्षिण अफ्रीका के पास है. उनकी टीम में डेल स्टेन भी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा नजरें और उम्मीदें कगिसो रबाडा से ही रहेंगी.
कगिसो रबाडा एक ऐसे गेंदबाज हैं, जिनके पास सभी जरूरी स्किल्स हैं. रबाडा तेज रफ्तार से लगातार गेंद डाल सकते हैं. आईपीएल में सबसे तेज 4 गेंद रबाडा ने ही डालीं. वो अच्छी यॉर्कर्स डाल सकते हैं, वो भी लगातार. केकेआर के खिलाफ सुपर ओवर में रबाडा ने ये दिखाया भी. वो मैच के हर फेज में प्रभावी गेंदबाजी कर सकते हैं. खासतौर पर, डेथ ओवर्स में रबाडा ज्यादा असर डालते हैं.
इमरान ताहिर इस वर्ल्ड कप के बाद रिटायर हो जाएंगे. जाते-जाते 40 साल के इमरान ताहिर अपने देश के लिए पहला वर्ल्ड कप जीतना चाहेंगे और उनकी फॉर्म इसमें निर्णायक साबित हो सकती है.
ताहिर इस सीजन में आईपीएल के न सिर्फ सबसे उम्रदराज खिलाड़ी थे, बल्कि वो आईपीएल इतिहास के सबसे उम्रदराज पर्पल कैप विजेता बने. साथ ही पर्पल कैप जीतने वाले सिर्फ दूसरे स्पिनर.
इससे एक बात तो साफ है. अगर शुरुआती ओवर में रबाडा ने झटके दे दिए, तो बीच के ओवर्स में ताहिर बल्लेबाजों पर हावी हो जाएंगे. फिर सामने भारतीय बल्लेबाज हों या ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के दिग्गज.
आंद्रे रसेल क्या कर सकते हैं, ये बताने की किसी को जरूत अब बची नहीं है. रसेल हमेशा से ही खतरनाक हिटर में से रहे हैं, लेकिन आईपीएल के इस सीजन में उनका सबसे विस्फोटक रूप देखने को मिला.
हालांकि, वेस्ट इंडीज के साथ बड़ी समस्या रही है उनका ओवरऑल परफॉर्मेंस. टी-20 फॉर्मेट में अकेले रसेल गेम बदल सकते हैं, लेकिन 50 ओवर के मैच में हालात बदल जाते हैं. इसलिए अगर क्रिस गेल और बाकी खिलाड़ी टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने में सफल होते हैं, तो रसेल को बैटिंग ऑर्डर में थोड़ा ऊपर भेजकर मैच की स्थिति बदली जा सकती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)