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टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर मुरली कार्तिक तार्किक बात करते हैं. उनकी कॉमेंट्री में भी एक खास किस्म का संतुलन होता है. मुरली कार्तिक खेल के अच्छे ‘रीडर’ भी हैं. विश्व कप में भारतीय टीम के सफर की शुरूआत से पहले क्विंट हिंदी के लिए खेल पत्रकार शिवेंद्र कुमार सिंह ने उनसे विश्व कप से जुड़े कई पहलुओं पर बातचीत की. पढ़िए बातचीत के अंश-
वर्ल्ड कप के शुरूआती मैचों से पहले इंग्लैंड-पाकिस्तान सीरीज जैसी विकेट दिखी, उसके बाद गेंदबाजों के लिए बहुत ‘स्कोप’ दिख नहीं रहा है. ज्यादा चर्चा इसी बात की है कि स्पिनर कमाल करेंगे. एक स्पिनर होने के नाते आपको इन विकेटों में क्या दिख रहा है?
इंग्लैंड के मैदानों में विकेट फिलहाल पूरी तरह सपाट है. इन विकेटों पर कोई भी गेंदबाज बेचारा कुछ भी कर ले, कुछ होता दिख नहीं रहा.
मेरे हिसाब से फिलहाल सवाल ये नहीं है कि किस तरह के स्पिनर्स कामयाब होंगे, बल्कि अभी सवाल ये है कि स्पिनर्स के पास बल्लेबाजों के लिए तैयारी क्या है.
हो सकता है मोईन अली बहुत अच्छी गेंदबाजी करें. हो सकता है ईश सोढ़ी अच्छी गेंदबाजी करें, मिचेल सैंटनरअच्छी गेंद करें. बहुत से लोग ऑफ स्पिनर या लेग स्पिनर की बात बहुत करते हैं, लेकिन पचास ओवर के मैच में बीच के ओवरों में अच्छी गेंदबाजी करनी होती है. वहां पर सबसे जरूरी बात होती है- अच्छी गेंदबाजी करना.
क्या विराट कोहली इस बात से परेशान होंगे कि कुलदीप यादव की फॉर्म इन दिनों अच्छी नहीं है? आईपीएल में वो बिल्कुल बेरंग साबित हुए थे.
आईपीएल में कुलदीप यादव की बॉलिंग ठीक ना होना, मेरे लिए तो ‘ब्लेसिंग इन डिसगाइज’ है. वो अब काफी समय से खेल रहे हैं.
सभी खिलाड़ी खेलते चले आ रहे हैं. उन्हें जो आराम की जरूरत होती है, वो कुलदीप यादव को मिला है. मुझे भरोसा है कि वो वर्ल्ड कप में असरदार रहेंगे. गेंदबाजी के दौरान उनका ‘टेंपरामेंट’ अच्छा रहता है. मैं काफी भरोसे से ये बात कह सकता हूं कि वो विश्व कप में असरदार वापसी करेंगे.
तमाम दिग्गज क्रिकेटर इस पक्ष में हैं कि कुलदीप और चहल दोनों को प्लेइंग 11का हिस्सा होने चाहिए. क्या आप भी इस बात से सहमत हैं?
मेरा भी मानना है कि दोनों ‘रिस्ट स्पिनर्स’ को वर्ल्ड कप में खिलाना चाहिए. ये इस बात पर निर्भर करता है कि विराट कोहली कैसा ‘कॉम्बिनेशन’ देख रहे हैं.
वो अपने कप्तान के लिए बीच के ओवरों में ‘रेस्ट्रिक्टिव जॉब’ करते हैं. विकेट मिल जाए, तो मिल जाए, नहीं तो उनका काम विरोधी टीम के रनों की रफ्तार को रोकना होता है.
इस वर्ल्ड कप में भारत के पास दो ऐसे ऑलराउंडर हैं जो तेज गेंदबाजी करते हैं- विजय शंकर और हार्दिक पांड्या. इन दोनों के टीम में होने को आप किस तरह देख रहे हैं? खास तौर पर विजय शंकर के नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने की उम्मीद भी है.
वर्ल्ड कप के मैच विजय शंकर के लिए नई चुनौती होंगे. आईपीएल में उनसे रन नहीं बने हैं. अगर आप देखें तो जब तक विश्व कप के लिए टीम नहीं बनी थी, तब तक वो अच्छी फॉर्म में थे लेकिन टीम बनने के बाद जैसे ही उनकी जगह को लेकर सवाल उठने लगे कि नंबर चार के लिए उन्हें कैसे चुना गया, तभी से फॉर्म ‘डिप’ हुआ है.
ये देखना दिलचस्प होगा कि विजय शंकर किस तरह से ‘बाउंस बैक’ करते हैं. नंबर चार को लेकर हम देख चुके हैं, पहले अंबाती रायडु को लेकर कहा गया था कि वो नंबर चार बल्लेबाज हैं, लेकिन उन्हें ‘ड्रॉप’ कर दिया गया. यहां भी बोला गया कि विजय शंकर नंबर चार हैं, ‘थ्री डायमेंशनल’ हैं. तो देखना पड़ेगा कि वो कौन-कौन से ‘डायमेंशन’ इस्तेमाल करते हैं.
क्या ये माना जाए कि टॉप 4 में भारत का पहुंचना तय है?
राउंड रॉबिन फॉर्मेट में किसी भी टीम को ‘अंडर-एस्टीमेट’ नहीं कर सकते हैं. टीम को ‘कंसिसटेंटली’ अच्छा खेलना पड़ेगा. भारतीय टीम निश्चित तौर पर टूर्नामेंट की मजबूत टीम है. लेकिन अभी सभी अच्छी टीमों के ‘चांसेस’ हैं. खास तौर पर उन टीमों के जिन्होंने इंग्लैंड में पहले भी अच्छा प्रदर्शन किया है.लेकिन ये सारी बातें कागज पर हैं. मैदान में उतरकर पसीना बहाने के बाद ‘क्रूशियल’ मौकों पर मैच जीतना सबसे जरूरी बात है.
एक आखिरी सवाल, हाल ही में क्रिकेट फैंस ने देखा कि आईपीएल में विराट कोहली की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की हालत बहुत खराब थी. विराट कई बार अपने बेवजह के प्रयोगों को लेकर सवालों के घेरे में रहे हैं. बतौर कप्तान विश्वकप उनके लिए भी बहुत बड़ी चुनौती है जिसे वो कह भी चुके हैं. आपको लगता है कि विराट की कप्तानी पर भी लोगों की नजर रहेगी?
विराट कोहली की कप्तानी को लेकर बातें होती रहती हैं. लेकिन इस ‘फैक्ट’ को ध्यान में रखना चाहिए कि टीम इंडिया इस वक्त वनडे रैंकिग्स में दुनिया की नंबर दो टीम है. पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है.
शुरुआती दौर में विराट कोहली को मैच दर मैच चलना होगा इसके बाद एक बार टॉप चार की तस्वीर साफ होने पर दोबारा कमर कसनी होगी. टॉप चार में पहुँचने के बाद हर खिलाड़ी की कोशिश यही होगी कि दो दिन यानि सेमीफाइनल और फाइनल में अच्छी क्रिकेट खेली जाए. इसके लिए विराट कोहली क्या कर सकते हैं ये बात सभी को पता है.
(शिवेंद्र कुमार सिंह फ्रीलांस जर्नलिस्ट हैं, जो पिछले करीब दो दशक से स्पोर्ट्स कवर कर रहे हैं)
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