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इंग्लैंड ने एजबेस्टन टेस्ट (ENG Vs IND 5th Test) में ऐतिहासिक जीत हासिल कर भारत की उम्मीदों को करारा झटका दिया है. री-शेड्यूल किए गए टेस्ट सीरीज के इस आखिरी मैच में इंग्लैंड की जीत का प्लॉट जो रुट और जॉनी बेयरस्टो (Joe Root and Jonny Bairstow) की जोड़ी ने रचा और उसे आखिर तक क्रीज पर टिक कर अंजाम भी दिया. दोनों के बीच 365 गेंदों में 254 रनों की नाबाद साझेदारी हुई और भारत को इस सीरीज में 2-2 के ड्रा से संतोष करना पड़ा है.
भारत के रेगुलर कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में कप्तानी की कमान तेज गेंदबाज बुमराह के हाथों में थी. भारत की मैच के 4 पारियों में से 3 पारी में पकड़ मजबूत थी लेकिन आखिर पारी में भारतीय गेंदबाजी के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज, खासकर जो रुट और जॉनी बेयरस्टो बीस साबित हुए.
पहली पारी में ऋषभ पंत और जडेजा की शानदार साझेदारी, जिमी एंडरसन का पंजा, बुमराह का ब्रॉड के एक ओवर में 35 रन जड़ना-- मैच के इन सभी नजारों पर भारी पड़ी आखिरी पारी में इंग्लैंड की तरफ से जो रुट और जॉनी बेयरस्टो की साझेदारी.
इसके पहले भारत का पलड़ा भारी लग रहा था. चौथी पारी में भारत ने इंग्लैंड के सामने 378 रन का लक्ष्य रखा था. इंग्लैंड खेलने उतरी और भारत को पहला विकेट लंबे इन्तजार (107 रन पर) के बाद ही मिला लेकिन साथ में जल्दी-जल्दी 2 विकेट और मिले.
भारत के पूर्व कप्तान अपने करियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं, जहां न उनकी फॉर्म और न ही उनकी किस्मत ही उनका साथ दे रही है.
आखिरी बार विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय शतक 2019 के नवंबर में बनाया था यानी दो साल से अधिक समय पहले. ऐसे में भारत को सलामी बल्लेबाजों के पवेलियन लौटने के बाद जिस स्थिरता की जरूरत होती है, वो नहीं मिल पा रहा है.
2022 में खेले गए टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बेयरस्टो ने 17 पारियों में हजार से अधिक रन बनाए हैं. बेयरस्टो ने अपने टेस्ट करियर के पहले साढ़े नौ साल में सिर्फ छह टेस्ट शतक बनाए थे, लेकिन वो इस साल 7 शतक जड़ चुके हैं. ऐसा प्लेयर जब क्रीज पर हो तो आप उसका कैच नहीं छोड़ सकते. हनुमा बिहारी ने इंग्लैंड की दूसरी पारी में ऐसा ही किया.
भारत को यह कैच ड्रॉप महंगा पड़ा और बेयरस्टो 145 बॉल में 114 रन बनाकर आखिर तक डटे रहे और भारत को हार का सामना करना पड़ा.
रोहित शर्मा कोरोना संक्रमण के कारण मौजूद नहीं थे. इंग्लैंड की मुश्किल पिच पर भारतीय बल्लेबाजी क्रम को अपने टॉप ऑर्डर से स्थिरता की उम्मीद थी लेकिन दोनों ही परियों में ऐसा नहीं हो पाया. पहली पारी में 27 रन जबकि दूसरी पारी में केवल 4 रन पर भारत ने अपना पहला विकेट खो दिया. अगर पंत और जडेजा को छोड़ दें तो मिडिल ऑर्डर की हालत भी कमोबेश यही थी.
टेस्ट मैच की दूसरी पारी में अगर टीम 378 रन के लक्ष्य को डिफेंड नहीं कर पाए तो मतलब साफ है कि बॉलिंग यूनिट में कहीं न कहीं परेशानी तो है. दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजों को पहला विकेट झटकने के लिए 21 ओवर से अधिक का समय लग गया, वो भी तब जब गेंद बदली गयी थी.
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