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इंडियन प्रीमियर लीग-12 के लीग मैच खत्म होने के कगार पर हैं. फाइनल को मिलाकर अब सिर्फ 12 मैच ही बचे हैं. अभी तक सिर्फ चेन्नई और दिल्ली ने ही प्ले-ऑफ के लिए क्वालीफाई किया है. सीजन में कुछ बड़े खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिष्ठा के हिसाब से ही प्रदर्शन किया है लेकिन कई ऐसे बड़े नाम भी शामिल हैं, जो अपने प्राइस टैग और उम्मीदों के मुताबिक नहीं खेल पाए. कुछ ऐसा ही हर टीम के कप्तान को लेकर भी है.
आईपीएल की 8 में से ज्यादातर टीमों की जिम्मेदारी उन टीमों के सबसे प्रमुख खिलाड़ी के पास ही है. ये वो खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पिछले अलग-अलग सीजन में बतौर खिलाड़ी भी टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया था. ऐसे में इस सीजन में भी उनसे कप्तानी के अलावा 22 यार्ड पर अच्छे प्रदर्शन की उम्मीदें टीम को थी.
1. एमएस धोनी, चेन्नई- एक कप्तान और बल्लेबाज के रुप में धोनी के बिना चेन्नई बिल्कुल अधूरी है, क्योंकि जिन 2 मैच में धोनी नहीं खेल सके, टीम वो दोनों मैच हारी. धोनी ने साबित किया है कि वो अभी भी उतने ही प्रभावशाली हैं, जितना 2 सीजन पहले तक थे.
श्रेयस अय्यर, दिल्ली- सभी कप्तानों में सबसे युवा. उम्र से भी और अनुभव से भी. टीम की शुरुआत कुछ अच्छी नहीं रही और शुरु के 2-3 मैचों में श्रेयस अय्यर भी खास प्रदर्शन नहीं कर पाए. लेकिन बाकी मैच में श्रेयस ने शिखर धवन के साथ कई अहम साझेदारियों की और नतीजा- दिल्ली लीग में टॉप पर है.
आर अश्विन, पंजाब- लीग में इकलौते अश्विन ही ऐसे कप्तान हैं, जो गेंदबाज हैं. ‘मैनकेडिंग’ पर उठे विवाद से अलग अश्विन ने अपनी कप्तानी से सबको प्रभावित किया है. अच्छी शुरुआत के बाद पंजाब जरूर लड़खड़ा गई है, लेकिन अश्विन के प्रदर्शन पर इसका असर नहीं दिखा है.
राजस्थान इस सीजन की इकलौती टीम है जिसने मिड-सीजन ही अपने कप्तान को बदल दिया. मुंबई के खिलाफ मैच से ठीक पहले राजस्थान ने अजिंक्य रहाणे को कप्तानी से हटाकर स्टीव स्मिथ को कप्तान बनाने की घोषणा की. इस बदलाव का टीम के भाग्य पर और दोनों खिलाड़ियों के प्रदर्शन में भी बड़ा बदलाव आया.
अजिंक्य रहाणे- जब तक रहाणे कप्तान रहे राजस्थान का और खुद रहाणे का प्रदर्शन बेहद फीका रहा. टीम 8 में से सिर्फ 2 मैच जीत पाई. इन 8 मैच में रहाणे ने 211 रन बनाए.
स्टीव स्मिथ- कप्तानी मिलने से पहले स्मिथ की बैटिंग में कुछ खास नहीं दिखा. सिर्फ एक अर्धशतक. टीम को भी उस वक्त तक सिर्फ 2 जीत मिली थी. लेकिन कप्तानी मिलने के बाद टीम का और स्मिथ का प्रदर्शन सुधरा.
विराट कोहली, बैंगलोर- बैंगलोर की खराब स्थित के पीछे कोहली की खराब कप्तानी से लेकर खुद उनके खराब फॉर्म को जिम्मेदार माना जा सकता है. हालांकि, कोहली ने 12 मैच में 423 रन बनाए हैं और एक शतक और 2 अर्धशतक भी लगाए हैं, लेकिन कोहली लगातार अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए.
रोहित शर्मा, मुंबई- बैटिंग के हिसाब से रोहित का हाल भी कोहली जैसा ही है. रोहित ने टीम को कई मौकों पर तेज शुरुआत दिलाई लेकिन उसे बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहे.
दिनेश कार्तिक, कोलकाता- इस सीजन में KKR ज्यादातर मौकों पर ‘वन-मैन शो’ ही दिखी है. ये KKR के परफॉर्मेंस में भी दिखा है- लगातार 6 हार. इसका दूसरा कारण दिनेश कार्तिक की कप्तानी और एक बल्लेबाज के तौर पर खुद रन न बना पाना भी है.
इस सीजन में अपने 11वें मैच में 97 रन बनाने वाले कार्तिक ने इससे पहले सिर्फ 1 अर्धशतक लगाया था. कार्तिक 12 मैचों में सिर्फ 229 रन बना पाए हैं
केन विलियम्सन, हैदराबाद- इस सीजन में बतौर खिलाड़ी अगर कोई कप्तान सबसे ज्यादा असफल रहा है, तो वो सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान केन विलियम्सन हैं. हैदराबाद की टीम इस सीजन में डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयरस्टो की ओपनिंग पार्टनरशिप पर जरूरत से ज्यादा निर्भर रही है और इसका खामियाजा टीम को भुगतना भी पड़ा है.
विलियम्सन 6 मैचों में सिर्फ 55 रन बना पाए हैं. उनका सबसे बड़ा स्कोर सिर्फ 14 रन है.
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